Wednesday, December 18, 2024
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इस अनादि काल मंत्र की संतान है चारों वेद ऋग्वेद, यर्जुवेद, सामवेद व अथर्ववेद

-सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी के चार मुखों से हुई थी चारों वेदों की रचना -सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी को आकाशवाणी से हुई थी गायत्री मंत्र की प्राप्ति -गायत्री महा मंत्र के भाव को अन्य धर्मों ने भी स्वीकारा गायत्री महामंत्र ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं...

मन की गति से चलता था देवशिल्पी का निर्मित यह विमान

--लंकापति रावण के पास पुष्पक ही नहीं कई विमानों का था जखीरा -इच्छानुसार छोटा, बड़ा होने वाला विमान भूमि पर चलने में था सक्षम ­-ऋगवेद में 200 से अधिक बार विमानों का उल्लेख क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई एेसा...

वेद, पुराण, उपपुराण, रामायण, श्री मद्भगवत गीता में है ब्रह्मांड के समूचे ज्ञान का...

-चार वेद, 16 पुराण, 18 उपपुराण, रामायण, श्री मद्भगवत गीता हैं मानव सभ्यता की आधारशिला चारों वेद, 16 पुराण, 18 उपपुराण, रामायण, श्री मद्भगवत गीता को यदि मानव सभ्यता की आधारशिला कहा जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। या यूं...

शिवलिंग और परमाणु रिएक्टर संरचना में है गहन समानताएं

-शिवलिंग, परमाणु रिएक्टर दोनों से ही होती है उर्जा प्रवाहित -सभी ज्योतिर्लिंगों, परमाणु रिएक्टर्स के पास पाई जाती है सबसे अधिक रेडियो एक्टिविटी - बिल्व पत्र, आक, आकमद, धतूरा, गुड़हल में है न्यूक्लिअर एनर्जी सोखने की क्षमता भारतीय प्राचीन हिंदू संस्कृति में...

गुरु नानक देव जी की पावन स्मृतियों हैं यहां सुशोभित

  -बहन नानकी जी का कशीदाकारी किया रुमाल डेरा बाबा नानक में है सुशोभित -देश ही नहीं विदेश में मौजूद ही गुरु साहिब की पावन निशानियां श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश समय ही यह स्पष्ट हो गया था कि यह...

इस पर्वत पर ज्योतिर्लिंग के रूप में हुए प्रकट देवों के देव महादेव भगवान...

-माता पार्वती, भोले शंकर का समावेष है ज्योतिर्लिंग श्री मल्लिकार्जुन इस सृष्टि के रचियता कहे जाने वाले त्रिदेव भगवान ब्रह्मा, श्री हरि विष्णू और महादेव भोले शंकर मृत्य़लोक में विभिन्न रुप धर कर सभी के पाप व कष्टों को दूर...

श्री गुरु नानक देव जी; एक परिचय

गुरु नानकजी ने अपने व्यक्तित्व में संत, योगी, पैगम्बर, दार्शनिक, राजयोगी, गृहस्थ, त्यागी, धर्म-सुधारक, समाज-सुधारक, कवि, संगीतज्ञ, देशभक्त, विश्वबन्धु आदि सभी के गुण उत्कृष्ट मात्रा में समेटे हुए थे। पंजाब के तलवंडी नामक स्थान में 15 अप्रैल, 1469 को एक...

कहां होता है पितृ पक्ष और मातृ पक्ष का तर्पण ???

-भारत में 55 स्थलों पर किया जाता है पिंडदान -धार्मिक ग्रंथों में पितरों के तर्पण का है विशेष महत्व धार्मिक ग्रंथों में आत्मा को अजर अमर माना गया है। इंसान की मृत्यु के बाद प्रेत योनि से बचाने के लिए पितृ...

17 तत्वों से निर्मित सूक्ष्म शरीर शिव लिंग में समाहित है समूची सृष्टि 

  -लिंग के मूल में भगवान ब्रह्रमा, मध्य में भगवान श्री विष्णू और उपर जागृत अवस्था में भोले नाथ हैं विराजमान -शिवलिंग की वेदी, महावेदी और लिंग ही हैं भगवान शंकर देवताओं में भोले नाथ को देवों के महादेव के रुप में...

सृष्टि रचियता ब्रह्मा, माता गंगा, सरस्वती, वरुण देव का हैै इसमें वास

-शंख समाप्त करता है ग्रहों के दुष्प्रभाव -शंख से जुड़े चमत्कारी धार्मिक व वैज्ञानिक तथ्य -शंख पूजन से कैसे बरसेगा धन भारतीय संस्कृति में शंख को विशेष महत्व प्रदान किया गया है। शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए 14...