ॐ, डमरू के नाद का है, भोले बाबा के निवास पर वास

-भगवान शंकर के निवास कैलाश पर्वत में छिपे हैं अनूठे अनसुलझे रहस्य
देवों के देव महादेव भगवान शिव के निवास कैलाश पर्वत कि फिजा में ॐ, डमरु का नाद कानों को जहां अनूठी शांति प्रदान करता है। वहीं दूसरी तरफ कैलाश पर्वत में छिपे अनूठे अनसुलझे रहस्य हमेशा से वैज्ञानिकों के लिए हमेशा से कौतहूल का विषय बने हुए हैं। चाहे वैज्ञानिकों की ओर से किए शोध के बाद यह बात स्वीकार हो चुकी है कि कैलाश पर्वत का शिखर ही इस धरती का केंद्र है। आईए आपको बताते हैं कि कैलाश पर्वत से जुड़ी कुछ रोमांचक रहस्यों के बारे।

ॐ, डमरु का नाद करता है सम्मोहित

कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील के आसपास के निरंतर किसी प्लेन के उड़ने जैसी ध्वनि सुनाई देती है। परंतु यदि इस क्षेत्र में थोड़ा सा भी ध्यान लगा कर इस ध्वनि को सुना जाए, तो यह ॐ, डमरु का नाद बन जाता है। जो मन को आनंदित कर देता है। वैज्ञानिकों के कई मत हैं। उनके अनुसार यह आवाज पर्वत पर गिरी बर्फ के पिघलने की हो। यह भी हो सकता है कि प्रकाश और ध्वनि के बीच होने वाले इस संगम के बाद ही ॐ जैसा नाद सुनाई देता हो।


प्रतिदिन बदलता है पर्वत के शिखर का स्वरुप
माना जाता है कि कोई भी नश्वर चीज कैलाश पर्वत के शिखर पर नहीं पहुंच सकती है। ग्‍यारहवीं शताब्‍दी में एक तिब्‍बती बौद्ध भिक्षु मिलारेपा कैलाश पर्वत के शिखर पर पहुंचने में सफल हो गया था। उसके बाद अब प्रतिदिन शिखर का स्वरुप बदल जाता है। इस कारण पर्वतारोही भ्रमित हो जाते हैं। इस कारण इस पर्वत की कोई भी यात्रा पूरी नहीं हो सकी है। कुछ लोग तो कभी वापिस ही नहीं आए। जो लौटे वह अपनी यात्रा में असफल रहे।

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पर्वत की चढ़ाई दौरान अप्रत्याशित रुप से बढ़ते हैं बाव, नाखुन 
इस पावन पर्वत की चढ़ाई करने वाले लोगो का दावा है कि इस दौरान बाल व नाखुन महज 12 घंटे में ही बढ़ने शुरु हो जाते हैं। जबकि सामान्‍य तौर पर बाल और नाखून को बढने में करीब दो सप्‍ताह का समय लगता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह परिवर्तन पर्वत की आबोहवा के कारण होता है।


धरती का केंद्र है कैलाश पर्वत
धरती के एक तरफ उत्तरी ध्रुव है। तो दूसरी तरफ दक्षिणी ध्रुव है। इन दोनों ध्रुव के मध्य है हिमालय पर्वत स्थित है। और कैलाश पर्वत हिमालय का केंद्र है। एेसे में वैज्ञानिकों के अनुसार कैलाश पर्वत ही इस धरती का केंद्र है। यह एक ऐसा केंद्र है, जो दुनिया की नाभि या आकाशीय ध्रुव और भौगोलिक ध्रुव का केंद्र है। यह आकाश और पृथ्वी के बीच संबंध का एक बिंदु है। जहां पर सभी दिशाएं मिलती है। इसके अलावा पर्वत पर सप्त रंगों वाली लाइटों के आसमान में चमकने की बात सामने आई। वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है कि यह यहां पर उत्पन्न यहां के चुंबकीय बल के कारण होता हो। चुंबकीय बल आसमान से मिलकर कई बार इस तरह की चीजों का निर्माण करने में सक्षम होता है।

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धार्मिक ग्रंथों में कैलाश पर्वत का उल्लेख
वेदों में तो कैलाश पर्वत को ब्रह्मांड का अक्ष और इस विश्‍व वृक्ष कहा गया है। इसी तरह का उल्लेख रामायण में भी है। मानसरोवर व पर्वत के बारे शिवपुराण, स्कंद पुराण, मत्स्य पुराण में अलग-अलग अध्याय हैं। मान्यताओं के अनुसार पर्वत के पास ही कुबेर की नगरी भी है। यहीं से महाविष्णु के कर-कमलों से निकलकर गंगा कैलाश पर्वत की चोटी पर गिरती है। जहां भोले नाथ भगवान शिव उन्हें अपनी जटाओं में भरकर निर्मल धारा के रूप में इस धरती पर प्रवाहित करते हैं। कैलाश पर्वत के ऊपर स्वर्गलोक और नीचे मृत्यलोक है।

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स्वास्तिक के चिह्न को दर्शाते हैं दो सरोवर
कैलाश पर्वत की तलहटी में दो सरोवर है। मानसरोवर को विश्व के शुद्ध पानी की उच्चतम झीलों में से एक माना गया है। है। इसका आकार सूर्य समान है। जबकि दूसरे सरोवर को राक्षस नामक झील कहा जाता है। इस झील में खारा पानी है। इस झील का आकार चंद्र के समान है। इन झीलों को यदि दक्षिण की तरफ से देखा जाए तो यह स्वस्तिक चिह्न के रुप में दिखाई देता है। यह अभी तक रहस्य बना हुआ है कि ये झीलें प्राकृतिक तौर पर निर्मित है। या फिर इनका किसी ने निर्माण किया है। पर्वत की चारों दिशाओं से चार नदियां ब्रह्मपुत्र, सिंधू, सतलुज व करनाली निकलती है। इन नदियों से ही गंगा, सरस्वती सहित चीन की अन्य नदियां भी निकली हैं। कैलाश की चारों दिशाओं में विभिन्न जानवरों के मुख हैं। जिसमें से यह नदियां निकलती हैं। पूर्व में अश्वमुख, पश्चिम में हाथी मुख, उत्तर में सिंह और दक्षिण में मोर का मुख है।

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पर्वत पर होता है आलैकिक शक्ति का प्रवाह
मान्यता अनुसार इस पर्वत पर पुण्यात्माएं ही वास कर सकती हैं। रुस के वैज्ञानिकों ने पर्वत व इसके आसपास के वातावरण पर अध्ययन करने के लिए तिब्बत के मंदिरों में धर्मगुरुओं से मुलाकात की। तो उन्हें ज्ञात हुआ कि पर्वत के चारों तरफ अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है। जहां पर तपस्वी अपने आध्यात्मिक गुरुओं के साथ टेलीपैथी के जरिए संपर्क करते हैं।

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