ये हैं आदिगुरू के वो 12 ज्योतर्लिंग

हिंदू धर्म की आस्था के सबसे प्रमुख मंदिरों में चारधाम के बाद 12 ज्योतर्लिंगों का नाम आता है और सभी भगवान शिव को ही समर्पित हैं। इनमें सबसे पहला श्री सोमनाथ, यह शिवलिंग गुजरात के काठियावाड़ में स्थापित है, दूसरा श्री शैल मल्लिकार्जुन चैन्नई के निकट कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थापित है।

विश्व की एकमात्र नदी जो उल्टी दिशा में बहती है # शिप्रा नदी || Shipra river …|| ujjain ||

इसी प्रकार ठीक कर्क रेखा पर अथवा धरती के केंद्र व शिप्रा नदी, दुनिया की एकमात्र उल्टी दिशा में बहने वाली यानि दक्षिण से उत्तर की ओर किनारे पर महाकाल की नगरी उज्जैन के अवंति नगर में स्थापित है महाकालेश्वर शिवलिंग। मध्यप्रदेश में ही उज्जैन से लगभग 140 किलोमीटर दूर ओंकारेश्वर शिवलिंग यह नर्मदा तट पर है। यहां ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित हो गया।

ॐ आकार के द्वीप पर है स्थित, प्राचीन ॐकारेश्वर मंदिर || Omkareshwar Temple ||

नागेश्वर ज्यातिर्लिंग यह गुजरात के द्वारकाधाम के निकट स्थापित है। बहुत कम लोग जो श्री कृष्ण की नगरी द्वारकाधाम दर्शन के लिए जाते हैं, वे समुद्र में बेटद्वारिका भी हो आते हैं लेकिन इन दोनों के बीच स्थित मात्र आधे घंटे की दूरी पर श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग नहीं जा पाते। कई लोगों को तो यात्रा से लौटने बाद ही इस ज्योतिर्लिंग की जानकारी हो पाती है। जबकि ये वो ज्योतर्लिंग है, जहां भगवान श्री कृष्ण स्वयं जल चढ़ाया करते थे। यह उनके निवास स्थान बेटद्वारिका और राजकाज चलाने वाले कार्यालय द्वारिकाधाम के मध्य स्थित है। या रहे कि श्री द्वारिकाधाम में आज भी भगवान के आफिस और घर के समयानुसार कर्मियों-अधिकारियों की डयूटियां लगाई जाती हैं।

पृथ्वी की नाभि पर बना मंदिर, जिसका सीधा संबंध मंगल ग्रह से || mars || earth || nucleus ||

श्री बैजनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के बैद्यनाथ धाम में स्थापित शिवलिंग है, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र की भीमा नदी के किनारे स्थापित है।

महाकाल नगरी उज्जैन के मंदिर में कौन से देवता करते है मदिरा पान || lord kaal bharav drinks … ||

त्रियंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक (महाराष्ट्र) से 25 किलोमीटर दूर त्र्यंम्बकेश्वर में स्थापित ज्योतिर्लिंग है। घृष्णेश्वर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के समीप वेसल गाँव में स्थापित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग।

एक ऐसा मंदिर, जहां होती है भस्म से आरती… || Mahakaleshwar || Jyotirling || Ujjain || Bhasm Arti ||

हिमालय के दुर्गम क्षेत्र में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग यह हरिद्वार से 150 मील दूरी पर स्थित है, लेकिन पहुंचने में दो दिन भी लग जाते हैं। काशी विश्वनाथ दुनिया के सबसे पुराने बसे हुए शहर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग है। यहां पर जल रही एक चिता आदिकाल से लगातार प्रज्वलित है। राजा हरीशचंद्र ने भी यहीं चंडाल की नौकरी की थी।

महाशिवरात्रि महाकाल आरती उज्जैन || Mahashivratri ||

सबसे अंत रामेश्वर में यानि भारतवर्ष के अंतिम छोर पर त्रिचनापल्ली (तमिलनाडू) समुद्र तट पर भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग है।

आज की महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन की होली कर देगी आनन्दित || Mahakaleshwar || happy Holi ||

 

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