भगवान श्री कृष्ण के वंश के अंत का कारण बने ये दो श्राप
-बहेलिए के तीर लगने से हुई थी श्री कृष्ण जी की मौत
कहते हैं कि देवी देवताओं और इंसान की ओर से प्रदान किए वरदान और श्राप हमेशा फलित होते हैं। यह कभी भी व्यर्थ नहीं जाते हैं। यही वजह...
आदि शक्ति माता दुर्गा कैसे हुई प्रकट?
-आदि शक्ति मां दुर्गा में है समस्त देवी-देवताओं का वास
जब भी इस धरती पर पाप, अन्याय, अधर्म ने अपने पैर पसारे। तब-तब देवी देवताओं ने धरती पर अवतरित हो कर पाप, अन्य़ाय को समाप्त कर धर्म की स्थापना की।...
लक्ष्मण को बचाने के लिए आवाज की रफ्तार से दोगुणा तेज उड़े थे हनुमान
-महज दो घंटे में पांच हजार किलोमीटर की थी दूरी तय
यह हम सभी जानते हैं कि भगवान श्री राम के परम भक्त, देवों के देव महादेव भगावन शंकर के अवतार हनुमान जी ने भगवान राम और रावण के मध्य...
मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही घंटी घडियाल क्यों लगाया जाता है
-पूजा से पहले इस बजाने से निकलती है सकारात्मक उर्जा
भारतीय संस्कृति में हर रीति रिवाज, हर परंपरा के बेहद सकारात्मक प्रभाव मिलते हैं। कई पंरपराओं को तो विज्ञान ने भी स्वीकारा है। क्या आप जानते हैं कि मंदिर के...
आखिर किसने बहाई समुद्र में हनुमद रामायण ?
-29 भाषाओं में हैं उपलब्ध रामायण
सदियों से भगवान श्री विष्णु हरि के अवतार मर्यादा पुरुषोतम प्रभु श्री राम के इस धरती पर अवतरित होने की समूची गाथा को महर्षि वाल्मीकि द्वारा सबसे पहले रचित वाल्मीकि रामायण को ही सबसे...
क्या हैं नागा साधूओं के वस्त्र और श्रृंगार ?
-विभूति, भभूत, भस्म शमशान की राख को किया जाता है धारण
हम सभी ने देवों के देव महादेव भगवान शंकर की छवि को भस्म युक्त देखा होगा। इतना ही नहीं सिर से लेकर पांव तक भभूत लगाने वाले नागा साधु...
कुंभ पर्व पर देवी-देवता भी करते हैं ‘कल्पवास’ की इच्छा
कुंभ में है ‘कल्पवास’ का विशेष महत्त्व
‘कल्पवास’ करने से होती है मोक्ष की प्राप्ति
भारतीय संस्कृति में तीर्थ स्थान प्रयाग का विशेष महत्व है। प्रयाग में ही सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी ने सृष्टि कार्य पूरा होने पर प्रथम यज्ञ किया था।...
इसे धारण करने से त्रिदेव, त्रिशक्ति हमेशा करते हैं अंग संग वास
-मौली को संकल्प सूत्र, रक्षा सूत्र भी कहा जाता है
भारतीय प्राचीन संस्कृति में मस्तक पर तिलक, शिव लिंग पर जल चढाने, मंदिर में घंटा बजाने, रुद्राक्ष की माला पहनने, जनेऊ धारण करने, इन सभी परंपराओं को तो विज्ञान ने...
आज भी समाज में विचरते हैं भगवान शिव के पुरोहित
-भगवान शिव से मिला है जंगमों को अमरत्व का वरदान
बम, बम , बम लहरी। भोले नाथ का गुणगान करेंगे। भोले नाथ जी कृपा करेंगे......
क्या आपने इस तरह के शिव स्तुति वाले भजनों को सुना है। आप कहेंगे, हां बिल्कुल...
देखो!! इंसानी मांस खाने वाले और शव से संबंध बनाने वाले अघोरी साधू
12 साल बाद आने वाले कुंभ व अर्ध कुंभ पर्व पर बड़ी संख्या में साधू व महात्मा पहुंते हैं। कुंभ के इस पावन पर्व पर नागा साधू मुख्य रूप से आकर्षण को केंद्र होते हैं। इस दौरान सबसे पहले...