धान की बिजाई के सीजन के दौरान किसानों को मिलेगी नियमित बिजली सप्लाई: बिजली मंत्री 

– 12290 मेगावाट प्रतिदिन बिजली की अनुमानित माँग के बदले 13073 मेगावाट ऊर्जा का किया प्रबंध
– पावर काम इंजीनियर्स एसोसिएशन व कर्मचारी यूनियन के साथ बैठक कर सुनी उनकी मांगे
चंडीगढ़: राज्य में बिजली की किल्लत संबंधी किसानों की शंकाओं को दूर करते हुए बिजली मंत्री पंजाब, श्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने कहा कि धान की बिजाई के सीजन के दौरान किसानों को नियमित तौर पर बिजली की सप्लाई की जाएगी। किसानों को भरोसा दिलाते हुए मंत्री ने कहा कि धान के सीजन की ज़रूरतों के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है और इस दिशा की तरफ उचित प्रबंध किए जा चुके हैं। पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल) किसानों की रोज़मर्रा की ज़रूरतों और 8 घंटे निर्विघ्न बिजली सप्लाई को यकीनी बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।  20 जून से प्रदेश में शुरु होने वाली धान की बिजाई संबंधी बिजली सप्लाई निर्विघ्न बनाने को लेकर पावर काम के अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ मेें बैठक के दौरान श्री कांगड़ ने यह विचार रखे। 
बैठक से पहले उन्होंने पी.एस.ई.बी इंजीनियर्स एसोसिएशन, पी.एस.ई.बी इंप्लाइज ज्वाइंट फोरम, बिजली मुलाजिम एकता मंच के प्रतिनिधियों की मांगे भी सुनी और उनके सकारात्मक हल के लिए हर संभव कोशिश का भरोसा भी दिलाया। इस अवसर पर  पावर काम के पावर काम के सी.एम.डी श्री बलदेव सिंह सरां, प्रिंसिपल सचिव श्री ए वेणु प्रसाद, डायरेक्टर प्रशासन श्री आर. वी पांडव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
          श्री कांगड़ ने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है जहां गर्मी और धान के सीजन के दौरान ऊर्जा लोड बाकी समय की अपेक्षा काफ़ी ज़्यादा होता है। पिछले वर्ष जुलाई महीने में 11705 मेगावाट की सबसे अधिक ऊर्जा मांग दर्ज की गई थी जिसको पूरा करना एक चुनौती थी, परन्तु उपलब्ध ऊर्जा स्त्रोतों के उत्तम प्रयोग से इसको सफलतापूर्वक पूरा किया गया। वर्ष 2018 में अधिकतम 12290 मेगावाट प्रति दिन ऊर्जा मांग का अनुमान लगाया गया है।
          20 जून से शुरू होने वाले धान की फ़सल बिजाई सीजन के लिए ऊर्जा मांग के विवरण देते हुए श्री कांगड़ ने कहा कि इस वर्ष ऊर्जा की माँग को पूरा करने के लिए केंद्र से 700 मेगावाट हाईड्रो, 1510 मेगावाट थर्मल और 4567 मेगावाट की मांग सहित तलवंडी साबो, नाभा पावर और गोइन्दवाल साहिब थर्मल प्लांटों से 3187 मेगावाट, पेडा /को जनरेशन /बायो मास से 150 मेगावाट, 669 मेगावाट सोलर, 1990 मेगावाट बैकिंग व्यवस्था और हिमाचल से 300 मेगावाट नवीनीकरणीय ऊर्जा का प्रबंध किया गया है। ग्रीन पावर के अंतर्गत नवीनीकरणीय ऊर्जा कार्यों को पूरा करने के लिए नवीनीकरणीय ऊर्जा की खरीद का काम मुक मल कर लिया गया है।
बेहतरीन शिकायत निवारण प्रणाली से ऊर्जा प्रबंधों को और मज़बूती मिली है। गर्मी के सीजन के दौरान बिजली की मांग और पूर्ति मांग शिखर पर होती हैं, इसी तरह धान के बिजाई सीजन के शुरू होने से कृषि उत्पादकों की ऊर्जा मांग भी शिखर पर है।
          पी.एस.पी.सी.एल राज्य में स्थापित एक बेहतरीन ग्राहक सेवा प्रणाली है, जोकि 1912 नंबर डायल करने पर राज्यभर में कहीं भी अपनी सेवाएं प्रदान करने की पहुँच रखती है। इसके अलावा खपतकारों की शिकायतों के निवारण करने हेतु उनकी संतुष्टि के लिए 98 नोडल शिकायत केंद्र और पंजाब के सभी जोनों में 5 ज़ोनल कंट्रोल रूम स्थापित किये गए हैं।
इससे पहले पावर काम यूनियनों ने श्री कांगड़ के सामने अपनी मांगे रखी जिसमें बंद किए थर्मल प्लांटों को शुरु करने, पावर काम के एस.डी.ओ के ग्रेड को लेकर अंतर, पावर काम की खाली पोस्टों को भरने, कांट्रेक्ट पर रखे कर्मचारियों की ड्यूटी पर मौत होने पर उनके परिवार को विभाग की ओर से लाभ दिए जाने व अन्य मुद्दे शामिल है। इसके अलावा यूनियन ने पावर काम से संबंधित कुछ मुद्दों पर श्री कांगड़ को परिचित करवाया और अपने सुझाव भी दिए। श्री कांगड़ ने यूनियन के सुझावों को सुना और भरोसा दिलवाया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। थर्मल प्लांटों को शुरु करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर यूनियन की ओर से रखे गए विचारों को वे मु य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास रखेंगे।
इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए श्री कांगड़ ने कहा कि कुछ लोग किसानों की भावनाओं से खेलते हुए उन्हें गुमराह कर 16 घंटे बिजली की मांग कर रहे हैं। वे खुद किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और जानते हैं कि धान की फसल के लिए आठ घंटे बिजली काफी होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से किसानों को सावधान रहना चाहिए जो कि अपने निजी हितों की पूर्ति के लिए उन्हें गुमराह करते हैं।

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