यहां मुर्दों के बीच बैठकर लोग पीते हैं चाय…

चाय हमारी संस्कृति, हमारे खान-पान का अहम हिस्सा बन चुकी है। हर कोई चाय पीकर तरोताज़ा महसूस करता है। चाय दिन भर की थकावट को पलक झपकते ही दूर कर देती है। हम घर में तो चाय पीते ही हैं। लेकिन कहीं बाहर जाकर या काम के बीच भी चाय को देखकर हम खुद को रोक नहीं पाते। अकसर देखा जाता है कि किसी दोस्त या करीबी से मिलना हो तो रेस्टोरेंट में चाय का एक कप बातचीत का बहाना बन जाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे रेस्टोरेंट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में सुनते ही आप के मन में डर व सहम पैदा हो जाएगा। अगर आपको कहा जाए कि आपने एक कब्रिस्तान में बैठकर चाय पीनी है तो आप हैरान हो जाएंगे और आप को सुनने में भी अजीब भी लगेगा। लेकिन यह सच है भारत में एक ऐसा रेस्टोरेंट है जहां आप कब्रों के बीच बैठकर चाय का लुत्फ उठा सकते हैं।

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द न्यू लकी रेस्टोरेंट’

अकसर आपने किसी चाय की दुकान, रेस्टोरेंट या खुले मैदान में बैठ कर चाय की चुस्कियां ली होंगी, इससे थोड़ा हटकर अगर आपने कब्रों के बीच बैठकर चाय पीनी है तो आपको अहमदाबाद जाना पड़ेगा। गुजरात के अहमदाबाद में लाल दरवाज़ा के पास स्थित है यह अदभुत् रेस्टोरेंट ‘द न्यू लकी रेस्टूरेंट’। इसके अंदर का नज़ारा देखकर आप यह सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे कि ये रेस्टूरेंट है या फिर कब्रिस्तान। इस रेस्टोरेंट में कई पुरानी कब्रें बनी हुई हैं और इन्हीं के बीच टेबल और कुर्सियां लगी हैं जिन पर बैठकर लोग चाय पीते हैं। यह रेस्टोरेंट एक पुराने कब्रिस्तान पर बना है। रेस्टोरेंट खुलते ही साफ-सफाई करके सबसे पहले इन कब्रों पर फूल और चादरें चढ़ाना यहां के स्टाफ की दिनचर्या का हिस्सा है। यह कब्रें किन लोगों की हैं इसके बारे में तो किसी को कोई जानकारी नहीं है। लेकिन कुछ स्थानीय लोग इन कब्रों को 16वीं सदी में हुए एक सूफी संत के शिष्यों की मानते हैं क्योंकि रेस्टोरेंट के पास ही एक सूफी की दरगाह भी है।

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पांच दशक पुराना है यह रेस्टोरेंट

द न्यू लकी रेस्टूरेंट’ लगभग पांच दशक पुराना है। पुराने ग्राहकों का मानना है कि इस स्थान पर पहले चाय की एक छोटी सी दुकान हुआ करती थी। तब लोग कब्रों के आस-पास बैठकर चाय पीया करते थे। समय के साथ-साथ ही यह छोटी सी दुकान आज अहमदाबाद का प्रसिद्ध ‘द न्यू लकी रेस्टोरेंट’ है। आज यह रेस्टोरेंट इतना प्रसिद्ध हो गया है कि पुराने ग्राहकों के साथ ही नए व युवा उम्र के लोग भी चाय का मज़ा लेने आते हैं।

लोग इसे अपने लिए मानते हैं शुभ

यहां आने वाले कई लोग इस कब्रों वाले ‘द न्यू लकी रेस्टूरेंट’ को खुद के लिए शुभ यानि लकी मानते हैं।  और किसी भी जरूरी काम से पहले यहां आकर चाय जरूर पीते हैं। इस रेस्टोरेंटमें 26 के करीब कब्रें हैं। इन कब्रों का ख्याल रेस्टोरेंट के स्टाफ द्वारा पूरी जिम्मेदारी से रखा जाता है। यहां काम करने वाले लोग इस तरह से आदी हो चुके हैं कि इन कब्रों के बीच से ही बिना टकराए ग्राहक तक चाय व खाने-पीने का सामान पहुंचाते हैं।

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मशहूर चित्रकार एम.एफ हुसैन भी थे इस रेस्टोरेंट के दीवाने

इस रेस्टोरेंट की प्रसिद्धि का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध मशहूर चित्रकार एम.एफ हुसैन भी ‘द न्यू लकी रेस्टूरेंट’ में आया करते थे। यहां आकर वह चाय का लुत्फ उठाते थे। इस स्थान पर उन्होंने अपनी कई पेंटिंग्स भी बनाईं। एम.एफ हुसैन की कुछ पेंटिंग्स आज भी इस रेस्टोरेंट में देखी जा सकती हैं जो उन्होंने उपहार के रूप में दी थी। खास बात यह है कि उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स लाखों रुपयों में बिका करती थी। अब इस अलग तरह के रेस्टोरेंट में देश ही नहीं विदेश से गुजरात घूमने आने वाले लोग भी चाय पीने आते हैं।

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धर्मेन्द्र संधू

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