भगवंत मान सरकार ने गाँवों की कायाकल्प करने के लिए कदम उठाए

लोगों को साफ़-सुथरा माहौल देने के लिए अब तक 43 गाँवों को ओ.डी.एफ पल्स मॉडल गाँव बनाया-ब्रम शंकर जिम्पा

‘1852 साझे शौचालय बनाने के लिए 38.89 करोड़ रुपए जारी’

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य भर के गाँवों की कायाकल्प करने के लिए ठोस और प्रभावशाली कदम उठाए हैं, जिनके अधीन अब तक राज्य के 43 गाँवों को ओ.डी.एफ पल्स मॉडल गाँव बना दिया है, जबकि 662 गाँवों ने ओ.डी.एफ पल्स ऐसपायरिंग गाँवों का दर्जा प्राप्त कर लिया है। इसकी जानकारी देते हुए पंजाब के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री श्री ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य भर के गाँवों को आला दर्जे की सुविधाएं देने के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों को साफ़- सुथरा बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे गाँवों में रहने वाले लोग अच्छा जीवन व्यतीत कर सकें।

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लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए ही गाँवों को ओ.डी.एफ (ओपन डीफेकेशन फ्री) पल्स मॉडल बनाया जा रहा है। ओ.डी.एफ पल्स मॉडल गाँव का दर्जा उस गाँव को दिया जाता है जो पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त हो और इसके साथ ही ठोस और तरल कूड़े का मुकम्मल प्रबंधन किया गया हो। ओ.डी.एफ पल्स ऐसपायरिंग गाँव वह होते हैं जो पूरी तरह शौच से मुक्त हों और जिनमें तरल या ठोस कूड़े में से एक का निपटारा कर लिया गया हो।

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श्री जिम्पा ने बताया कि साल 2025 तक राज्य भर के गाँवों को ओ.डी.एफ पल्स मॉडल गाँव बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इसलिए सरकार द्वारा ठोस कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 1852 कम्युनिटी सैनेटरी कॉम्पलैक्स (साझे पखाने) बनाए जा रहे हैं। इनके लिए 38.89 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि इन साझे पखानों का उद्देश्य कृषि संबंधी कार्यों के लिए बाहर से आए कामगार, घर में पखाना बनाने के लिए जगह न होने वाले बाशिंदे, विवाह-शादी या अन्य जनसभाओं के समय लोगों को सुविधा मुहैया करवाना है, जिससे उनको खुले में शौच जाने के लिए मजबूर न होना पड़े।

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उन्होंने बताया कि अब तक 5.88 लाख घरेलू पखानों का निर्माण किया है और राज्य को खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित किया गया है। इसके बावजूद विभिन्न जनसभाओं और कृषि संबंधी कार्यों के लिए बाहर से आने वाले कामगार के लिए के लिए प्रबंध करना बाकी है, जिसके लिए राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं, जिससे राज्य को पूरी तरह से साफ़-सुथरा और मॉडल राज्य बनाया जा सके।

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