विश्व बैंक द्वारा कृषि, जल और बिजली संबंधी समस्याओं बारे संगठित पहुँच के लिए पंजाब सरकार की सराहना

-मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग के दौरान टीम द्वारा व्यापक प्राजैक्टों को स्पाँसर करने के लिए सहायता की पेशकश
चंडीगढ़,: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की कृषि, जल और बिजली संबंधी समस्याओं बारे समूची पहुँच की प्रशंसा करते हुए विश्व बैंक ने बुद्धवार को इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दीर्घकालिक व्यापक हल ढूँढने के लिए राज्य के प्रोजैक्टों को स्पाँसर करने की पेशकश की है ।
विशव बैंक के डायरैक्टर भारत जूनेद अहमद ने एक प्रतिनिधिमंडल सहित पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि पंजाब अकेला ऐसा राज्य है जो जल, कृषि और बिजली के साथ संबंधी समस्याओं बारे एक संगठित हल आधारित पहुँच आपनाता आ रहा है । श्री जूनेद अहमद ने कहा कि अगर पंजाब जल, ऊर्जा और कृषि की चुनौती का सामना कर लेता है तो यह छोटे प्रोजेक्टों को और बढिय़ा और व्यापक स्तर पर तबदील करने के लिए विश्व के समक्ष एक उदाहरण कायम करेगा ।
प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में सुमिला गुलयानी प्रोग्राम लीडर -सस्टेनेबल डिवैल्पमैंट ; भावना भाटिया लीड ऑप्रेशन्ज़ अफ़सर -गवर्नेंस ग्लोबल प्रेक्टिस ; जोहन बलोकुविस्ट प्रोग्राम लीडर ह्यूमन डिवैल्पमैंट ; चाकिब जेनाने लीड एग्रीकल्चर इकोनोमिस्ट ; कविता सरसवत सीनियर पावर इंजीनियर और मोहिंद्र गुलाटी एनर्जी सैक्टर एक्सपर्ट शामिल थे ।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि राज्यभर में पीने वाले जल ख़ासकर दक्षिणी पंजाब के कुछ हिस्सों में, एक बड़ी चुनौती है क्योंकि गेहूँ और धान के चक्कर के कारण भूमिगत जल दिनों दिन नीचे जा रहा है । उन्होंने कहा कि नदी के जल का प्रदूषण ख़तरनाक स्तर तक पहुंच गया है और उद्योग और म्यंूसिपल अवशेषों ने नदी के जल को बुरी तरह प्रभावित किया है। कैप्टन अमरिन्दर ने जल के नीचे जाने और प्रदूशण की समस्या के साथ निपटने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को मज़बूत करने के लिए विश्व बैंक की सहायता की माँग की । इसके साथ ही उन्होंने लोगों को पीने वाला साफ़ जल और बढिय़ा सफ़ाई सहूलतें मुहैया करवाने के लिए भी विश्व बैंक से मदद की माँग की ।
मुख्यमंत्री ने कृषि के परंपरागत तरीकों में सुधार की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। इसके अलावा किसानों को गेहूँ और धान की फ़सल की जगह अन्य फसलों की तरफ तबदील होने के लिए प्रेरित किया ।
मुख्यमंत्री ने राज्य में शहरीकरन के प्रबंधन का मुद्दा भी उठाया, जिस संबंधी विश्व बैंक की टीम ने कहा कि मौजूदा मॉडल या तो भारत या चीन के मॉडल की तरह हो सकता है, जहाँ मेयजऱ् को मैनेजर के तौर पर नियुक्त किया गया था।
बिजली के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने टीम से अपील की कि राज्य सरकार को और विभिन्नता लाने में मदद दी जाये। उन्होंने इस सम्बन्ध में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों की बात कही जिनमें सौर ऊर्जा, गैस आधारित और पवन ऊर्जा आदि शामिल हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि गैस आधारित बिजली प्लांट स्थापित करने के लिए राज्य को जी.ई. सहित विभिन्न कंपनियोँ से पेशकशें प्राप्त हुई हैं।
मीटिंग में उपस्थित अन्यों में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, पंजाब किसान आयोग के चेयरमैन अजय वीर जाखड़, मुख्यसचिव करन अवतार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय ए वेनू प्रसाद और विशेष सचिव वित्त डा. अभिनव तृखा शामल थे।
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