पर्यावरण मंत्री ने घग्गर का दौरा करके दूषित पानी नदी में फेंकने की देखी ज़मीनी हकीकत

-ओ.पी. सोनी द्वारा नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के आदेश
-उद्योगपतियों को ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश
-हरियाणा और चण्डीगढ़ के उद्योगों द्वारा फेंके जा रहे दूषित पानी को रोकने के लिए सम्बन्धित प्रशासन को लिखा जायेगा पत्र
चंडीगढ़ /एस.ए.एस. नगर,: पंजाब के पर्यावरण मंत्री श्री ओम प्रकाश सोनी ने आज यहाँ के नज़दीकी कस्बे डेराबस्सी के पास घग्गर नदी का दौरा किया और अधिकारियों को हिदायत की कि उद्योग को किसी भी तरह दूषित पानी नदियों में न फेंकने दिया जाये। उन्होंने पर्यावरण विभाग और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) के अधिकारियों को हिदायत की कि टीमें बनाकर घग्गर में प्रदूषित पानी फेंकने वाले उद्योगों की चैकिंग की जाये और उद्योगपतियों को दूषित पानी प्राकृतिक जल स्रोतों में न फेंकने के लिए कहा जाये। यदि उद्योग फिर भी प्रदूषित पानी फेंकने से न हटीं तो उनके खि़लाफ़ कानून मुताबिक सख़्त कार्यवाही की जाये।
कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को कहा कि यह यकीनी बनाया जाये कि उद्योग में ट्रीटमेंट प्लांट बाकायदा तौर पर चलती हालत में हों और निरंतर चलाए जाएँ जिससे पानी को साफ़ करके ही नदियों में डाला जाये। उन्होंने कहा कि पर्यावरण अधिकारियों और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की जि़म्मेदारी बनती है कि अगर उनके अधीन क्षेत्र में उद्योग प्रदूषण फैलाते पाए गये और उनकी ड्यूटी में कोताही सामने आई तो सम्बन्धित अधिकारी के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जायेगी।
पर्यावरण मंत्री ने चण्डीगढ़ और हरियाणा के उद्योगों की तरफ से घग्गर में फेंके जा रहे अनुपचारित पानी पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि सम्बन्धित सरकार और प्रशासन को पत्र लिखेंगे और इस संबंधी जल्द ही कार्यवाही अमल में लाने के लिए कहेंगे। स्थानीयफ़ैक्ट्रियोँ द्वारा प्रदूषण फैलाने संबंधी मीडिया रिपोर्टों बारे श्री सोनी ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में आया है और इस संबंधी आवश्यक कार्यवाही के लिए अधिकारियों को हिदायत की गई है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के पर्यावरण को साफ़ सुथरा बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी और इस दिशा में युद्ध स्तर पर ज़रुरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों की नैतिक जि़म्मेदारी बनती है कि वे अनुपचारित पानी और अन्य औद्योगिक अवशेष नदियों में न फेंकें। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भी प्रदूषण को रोकने में अपना बनता योगदान दें। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही राज्य कीसभी नदियों और नालों का दौरा करके उद्योगों द्वारा नदियों में दूषित पानी डालने की ज़मीनी हकीकत देखेंगे।
इस अवसर पर चीफ़ इन्वायरमैंटल इंजीनियर पटियाला श्री गुलशन राय, सीनियर पर्यावरण इंजीनियर सन्दीप बहल, पर्यावरण इंजीनियर लवनीत कुमार दुबे, सहायक पर्यावरण इंजीनियर विजय कुमार और गुरशरन दास गर्ग उपस्थित थे।

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