भारत मे दीपावली से एक दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नर्क चतुर्दशी, यम चतुर्दशी के तौर पर मनाए जाने की परंपरा है। इस साल वर्ष 2018 में यह पर्व छह नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की अोर से दैत्य नर्कासुर का वध कर जनमानस को दैत्य के आंतक से मुक्ति दिलाई थी। इसी कारण नर्क चतुर्दशी पर भगवान श्री कृष्ण व यमराज का पूजन किया जाता है।

पूजन विधि
नर्क चतुदर्शी पर सूर्योदय से पहले ब्रह्म महूर्त में उठ कर तिलों का तेल लगा कर स्नान करने का विधान है। नहाने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर, तिलक लगाकर दक्षिण दिशा की तरफ  मुख कर तीन बार जलांजलि देनी चाहिए। इससे साल भर में किए सभी पापों का नाश हो जाता है। शाम के समय सभी देवी देवताओं का पूजन कर यमराज को दीप दान करना चाहिए। इस दिन दैत्यन नरकासुर का वध करने के कारण भगवान श्रीकृष्ण का पूजन भी किया जाता है। इससे भी इंसान के सारे पाप दूर हो जाते हैं।

क्यों करते हैं यमराज की पूजा
भगवान विष्णु ने वामन अवतार जब दैत्यराज बलि से तीन पग धरती मांगकर लोकों को नाप लिया था। तो राजा बलि ने भगवान से प्रार्थना कि  प्रभु, यदि आप मुझसे प्रसन्न हैं तो मुझे वरदान दें। भगवान वामन ने कहा मांगो वत्स क्या वरदान चाहिए। राजा बलि ने कहा कि प्रभु! आपने कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से लेकर अमावस्या की अवधि में संपूर्ण पृथ्वी नाप ली है। इसलिए जो व्यक्ति मेरे राज्य में चतुर्दशी के दिन यमराज के लिए दीपदान करेगा। उसे यमराज कष्ट न दें। साथ ही इन तीन दिनों में जो लोग दीपावली का पर्व मनाए, उनके घर को लक्ष्मी जी हमेशा वास करें। भगवान वामन उन्हें तथास्तु होने का वरदान दिया। इसी कारण उसी समय से  दीपदान का प्रचलन है।

इसी दिन किया था श्री कृष्ण ने  दैत्य नर्कासुर का वध
प्रागज्योतिषपुर नगर का राजा नरकासुर नामक दैत्य का शासन था। उसने अपनी शक्ति से इंद्र, वरुण, अग्नि, वायु सहित सभी देवताओं को परेशान कर रखा था। उसके अत्याचार से आहत लोगों ने भगवान श्रीकृष्ण की शरण ली। नर्कासुर के स्त्री के हाथों मरने के श्राप के चलते भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को अपना सारथी बना कर उनकी मदद से नर्कासुर का वध कर जनमानस को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई। दैत्य के वध होने पर लोगों ने कार्तिक मास की अमावस्या पर दीए जला कर खुशी का इजहार किया।

नर्क चतुर्दशी पर यम पूजन का समय

सुबह 09ः32 से 11ः45 तक

दोपहर 12ः05 से 1ः 22 तक

शाम 05ः40 से 07ः 05 तक

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