बवासीर की समस्या से निजात दिलाएगा… यह घरेलु नुस्खा

भारतीय रसोई में कुछ ऐसे मसाले पाए जाते हैं जिनका प्रयोग हम रोजाना करते हैं। इन मसालों के अलावा भी कुछ मसाले ऐसे हैं जिनका इस्तेमाल हम आम तौर पर रसोई में कम करते हैं लेकिन यह मसाले कई प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मसाले के बारे में जानकारी देंगें जो गुणों की खान है। वह मसाला है ‘कबाबचीनी’। कबाबचीनी देखने में काली मिर्च जैसी होती है।

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कबाबचीनी को शीतलचीनी, कंकोल मिर्च, कंकोलकम, सुगन्धमरिचम, चणकबाब, ककोड़, कोशफलम, कांकला भी कहा जाता है। कबाबचीनी भारत के तटीय इलाकों के जंगली भागों में पाई जाती है। इसका पौधा झाड़ीनुमा होता है, जिस पर सफेद रंग के फूल लगते हैं। काली मिर्च जैसे दिखने वाले इसके बीजों का इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। 

कबाबचीनी का आयुर्वेद में खास महत्व है। शीतलचीनी स्वाद में कड़वी, तासीर में गर्म, पाचक, सुगन्धित, कफनाशक, दुर्गन्धनाशक, वातनाशक होती है। कबाबचीनी यानि शीतलचीनी सिरदर्द, सर्दी, जुकाम व बुखार, मुंह के छालों, मूत्र विकार, सूजन, बवासीर व दमा रोगों में काफी लाभदायक सिद्ध होती है। कबाबचीनी का औषधि के रूप में और उबटन में सुगंध के लिए प्रयोग किया जाता है।

कबाबचीनी के फायदे

सर्दी, जुकाम व बुखार में है फायदेमंद

शीतलचीनी में पाए जाने वाले प्राकृतिक गुण सर्दी, जुकाम व बुखार में फायदेमंद हैं। इसके सेवन से शरीर का तापमान कम होता है और बुखार में आराम मिलता है। सर्दी, जुकाम और खांसी होने पर शीतलचीनी को पीसकर एक चम्मच शहद के साथ इसका सेवन करने से फायदा होता है। इसके नियमित सेवन से जमा हुआ कफ बाहर निकलता है और खांसी से राहत मिलती है।

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मुंह के छालों से दिलाए राहत

मुंह में छाले होने पर भी कबाबचीनी का सेवन करने से फायदा होता है। मुंह में छाले होने पर कबाबचीनी के कुछ दाने मुंह में रख कर चूसने से मुंह में छाले ठीक होते हैं। साथ ही मुंह की दुर्गंध व जीभ पर जमी परत भी दूर होती है। 

मूत्र संबंधी समस्याओं को करे दूर

कबाबचीनी मूत्र संबंधी समस्याओं के निदान में फायदेमंद है। पेशाब बंद होने पर या रुक-रुक कर आने पर कबाबचीनी के चूर्ण और मिश्री को पीसकर सेवन करने से फायदा होता है। इसके अलावा शीतलचीनी के चूर्ण का दूध के साथ सेवन करने से पेशाब की मात्रा बढ़ती है।

बवासीर में है लाभदायक

बवासीर की समस्या में कबाबचीनी के सेवन से फायदा होता है। बवासीर से राहत पाने के लिए आधा चम्मच कबाबचीनी के चूर्ण का दो कप गर्म दूध के साथ सेवन करने से फायदा होता है।

मुंह की दुर्गंध को करे दूर

कबाबचीनी में प्राकृतिक रूप में खुशबू होती है। इसके सेवन से  मुंह व साँसों की बदबू दूर होती है। इसके उपयोग से मुंह से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं भी कम होती हैं और मुंह साफ रहता है।

सिर दर्द को करे दूर

कबाबचीनी के सेवन से सिर दर्द में आराम मिलता है। इसके अलावा माइग्रेन और चक्कर इत्यादि आने पर भी इसके सेवन से फायदा होता है।

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दमा के रोग में दे राहत

दमे के रोगियों के लिए भी कबाबचीनी का उपयोग फायदेमंद रहता है। इसके लिए गर्म पानी में शीतलचीनी के तेल की कुछ बूंदें डालकर, भाप लेने से दमे की समस्या से राहत व आराम मिलता है।

पुरुषों के लिए है लाभकारी

पुरुषों की समस्याओं में कबाबचीनी लाभकारी है। स्वप्नदोष की समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए दो चम्मच कबाबचीनी के पाउडर का पानी के साथ सेवन करने से फायदा होता है। 

सूजन को करे कम

कबाबचीनी में सूजन को कम करने वाले गुण भी पाए जाते हैं। इसके प्रयोग से सूजन के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है। खासकर गठिया के रोग में इसका सेवन बेहद फायदेमंद रहता है।

शीतलचीनी यानि कबाबचीनी के नुकसान

शीतलचीनी का अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अधिक सेवन से मूत्र मार्ग के साथ-साथ आंतो में जलन हो सकती है। इसके ज्यादा सेवन से शरीर में जहरीले तत्वों की मात्रा भी बढ़ सकती है। गर्भवती महिलाओं को शीतलचीनी का सेवन डाक्टर की सलाह से करना चाहिए। 

धर्मेन्द्र संधू

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