पंजाब की 6 उच्च सुरक्षा वाली जेलों को अगले महीने के अंत तक चैकिंग के लिए सी आई एस एफ मिलेगी

-कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समीक्षा मीटिंग के दौरान लिया फैसला
-मुख्यमंत्री द्वारा जेलों में ग़ैर -कानूनी वस्तुओं के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश, गैंग्स्टरों की धमकियों का सामना कर रहे पुलिस मुलाजिमों को अतिरिक्त सुरक्षा
चंडीगढ़:     राज्य की जेलों की सुरक्षा को सख़्त बनाने की कोशिश के तौर पर पंजाब सरकार ने जुलाई, 2018 के आखिर तक उच्च सुरक्षा वाली 10 जेलों में से 6 जेलों में चैकिंग के लिए सैंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सी आई एस एफ) तैनात करने का फ़ैसला किया है।
    यह फ़ैसला पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान लिया गया। मुख्यमंत्री ने 6 जेलों में सी आई एस एफ तैनात करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए केंद्रीय अथॉरिटी के साथ तालमेल करने के लिए जेल विभाग को हुक्म दिए।
    जेल विभाग को सी आई एस एफ की केंद्र से दो कंपनियाँ प्राप्त हो रही हैं और राज्य की उच्च सुरक्षा वाली 6 जेलों में से प्रत्येक में एक दस्ता तैनात करने की योजना है। सी आई एस एफ के मुलाजिमों को जेल के मुख्य फाटकों के बीच ड्योढ़ी गलियारे में तैनात किया जायेगा जहाँ इस समय चैकिंग जेल वार्डनों/मैटरनों या पी ई एस सी ओ जवानों द्वारा की जाती है। बाहरी दीवारों के पास निगरानी टावरों पर पंजाब पुलिस और पंजाब होम गार्ड जवानों की तैनाती जारी रहेगी।
    राज्य की जेलों में सुरक्षा की उल्लंघनाएँ और मोबाइल फ़ोन पर नशों आदि के अंदर चले जाने पर गहरी चिंता प्रकट
करते हुए मुख्यमंत्री ने जेलों के अंदर क्लोज सर्किट टैलिविजऩ कैमरे (सीसीटीवी) स्थापित करने को यकीनी बनाने के लिए भी जेल विभाग को निर्देश दिए हैं। उन्होंने जेलों में पकड़े जाने वाले मोबाइल फोनों और नशों के लिए कानून को और सख़्त बनाने के लिए कदम उठाने के लिए भी हुक्म दिए हैं। उन्होंने मौजूदा सज़ा के अलावा इसके लिए अलग सज़ा की व्यवस्था करने के लिए भी कहा है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिए डी जी पी को हुक्म दिए हैं। उन्होंने कैदियों को मोबाईल फ़ोन और नशे आदि की सप्लाई में सुविधा उपलब्ध करवाने के दोषी पुलिस मुलाजिमों या अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिए कहा है।
इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने मुख्यमंत्री को बताया कि पंजाब की जेलों में बंद कुल 224 गैंगस्टरों में से 86 ए श्रेणी के गैंगस्टर हैं। जनवरी, 2017 से 2000 से भी अधिक मोबाईल कैदियों से पकड़े गए हैं। कैदियों से वर्जित नशा पकड़े जाने के विरुद्ध 389 केस दर्ज किये हैं।
पुलिस और जेल अधिकारियों को गैंगस्टरों की तरफ से मौत की धमकियांं दिए जाने के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने ख़तरनाक अपराधियों और गैंग्स्टरों के साथ सीधे तौर पर निपटने वाले पुलिस मुलाजिमों और उनके परिवारों की सुरक्षा में वृद्धि करने के हुक्म भी जारी किये। उन्होंने राज्यभर के जेल सुपरिडैंटों को निजी गाड़ीयाँ उपलब्ध करवाने के लिए भी अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को कहा।
जेल प्रणाली में सुधार लाने के लिए एक अन्य कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने जेल विभाग को निर्देश दिए कि वह भर्ती नियमों में तबदीली लाने की संभावनाओं का पता लगाएं जिससे नई भर्ती होने वाले डी एस पी के लिए एस पी रैक पर पदोन्नती होने से पहले उनको एक साल जेलों में काम करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों के आधुनिकीकरण के लिए सरकार की कोशिशों में फंडों की कोई भी कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने वित्त विभाग को निर्देश दिए कि वह राज्य की जेलों के लिए ज़रुरी उच्च तकनीक के साजो-सामान की खरीद के लिए विभाग को 29 करोड़़ रुपए उपलब्ध करावएं। मुख्यमंत्री ने डी एफ एम डीज /एच एच एम डीज, एक्स-रे, बैगेज मशीन, डीप सर्च मेटल डिटेक्टर, पोल मेटल डिटेक्टर, फुल बॉडी स्कैनर, बूम बैरियर्ज, ड्रैगन और फ्लड्ड लाईट जैसे साजो-समान की ज़रूरत संबंधी व्यापक योजना तैयार करने के लिए जेल विभाग को कहा है।
पिछले एक साल के दौरान 550 वॉच एंड वार्ड मुलाज़ीम भर्ती किये जाने पर संतुष्टि प्रकट करते हुए बाकी खाली पदों को भरने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए कहा है।
जेलों में सुधार की प्रक्रिया के हिस्से के तौर पर मुख्यमंत्री ने मौजूदा जेल फ़ैक्ट्रियों का स्तर ऊँचा उठाने और कैदियों की रिहाई के बाद पुर्नवास के लिए कौशल प्रशिक्षण की महत्ता पर ज़ोर दिया।
इस अवसर पर उपस्थित अन्यों में जेल मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, डी जी पी इंटेलिजेंस दिनकर गुप्ता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री तेजवीर सिंह, ए डी जी पी जेल इ$कबाल प्रीत सिंह सहोता और आई जी जेल आर के अरोड़ा शामिल थे।

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