नोटबंदी का उद्देश्य कैश जब्त करना नहीं, ठग्स आफ इंडिया को पकड़ना था

भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के समर्थन में ब्लाग लिख कर  यह जताने की कोशिश कि नोटबंदी का मुख्य  उद्देश्य  कैश जब्त करना नहीं था। नोटबंदी के बाद देश में ब्लैक मनी पर लगाम लगी है। साथ ही देश में टैक्स भरने का दायरा भी बढ़ा है। यह नोटबंदी की उपलब्धि रही है।

चाहे कांग्रेस सहित सभी नोटबंदी को फ्लाप करार दे रहे हैं। परंतु सच यह है कि नोटबंदी के बाद देशवासी बैलेंस शीट से लेकर आयकर रिटर्न फाइल करने तक बेहद संजीदा हो गए हैं। सरकार के पास टैक्स जमा करने वालों की संख्या में 20 फीसदी से का ईजाफा हुआ है। जबकि इन्हें बीते समय तक ठग्स आफ इंडिया के नाम से जाना जाता था।

नोटबंदी के घाव दो साल बाद भी दिख रहे – मनमोहन सिंह

दिलचस्प है कि आज नोटबंदी को दो साल पूरे हो गए हैं। वहीं आज ही अमिताभ बच्चन व आमीर खान की अभिनीत फिल्म ठ्ग्स आफ हिंदोस्तान भी रिलीज हो रही है। उल्लेखनीय है कि आज ही के दिन साल 2016 में एक हजार और पांच सौ के नोटों के चलन को रातोरात बंद कर दिया गया था।

जेटली ने ब्लाग में लिखा है कि वित्त वर्ष 2018-19 (31-10-2018) तक जो पर्सनल इनकम टैक्स जमा हुए हैं, वो पिछली बार के मुकाबले 20.2 प्रतिशत ज्यादा है। कारपोरेट टैक्स 19.5 प्रतिशत ज्यादा जमा हुए हैं। इसके अलावा डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी 6.6 प्रतिशत था जो अब बढ कर 9 प्रतिशत हो गया है।

जेटली के मुताबिक, टैक्स चोरी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों की कर्ज देने की ताकत भी बढ़ गई है। काफी सारा पैसा म्यूचुअल फंड में भी जमा हुआ है।

वहीं अरुण जेटली के नोटबंदी के समर्थन में लिखे ब्लाग के मुताबिक, नोटबंदी से ब्लैक मनी पर लगाम लगी है साथ ही टैक्स का दायरा भी बढ़ा है। नोटबंदी सरकार के अहम फैसलों की एक कड़ी है, जो अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए जरूरी है।

जेटली अनुसार नोटबंदी के बाद अब टैक्स चोरी करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की लोग ये कहते हुए आलोचना कर रहे हैं कि लगभग सारा कैश बैंकों में वापस आ गया. लेकिन नोटबंदी के सहारे हमारा मकसद सिर्फ कैश को जब्त करना नहीं था। हम चाह रहे थे कि लोग टैक्स के दायरे में आए।

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