इस नमक के सेवन से रक्तचाप नियंत्रण सहित 48 रोगों से होता बचाव…
-सेंधा नमक सेवन से 97 पौषक तत्वों की कमी होती है दूर
-22 करोड़ सेंधा नमक का स्टॉक खान में उपलब्ध
आयुर्वेद की ओर से प्राकृतिक जड़ी बूटियां का सदियों से उपयोग कर स्थायी तौर से रोगों का निदान किया जा...
शराब से होने वाले नुकसान से बचना है तो हजूर खाईए…
-स्वस्थ रहना है हजूर, तो सर्दियों में जरुर खाईए खजूर
-खजूर के सेवन से खून, कैल्शियम की कमी की होती पूर्ति
विश्व में भारत देश ही एक एेसा देश है कि जहां गर्मियां, सर्दियां, बंसत, बरसात जैसी ऋतुओं का आनंद लिया...
भगवान शिव ने क्या भेंट किया था भगवान कृष्ण को अनमोल उपहार…
-ऋषि दधीचि की महाशक्तिशाली हड्डी से निर्मित हुई थी श्री कृष्ण जी की बांसुरी
-जर्मनी में संग्रहित हैं 40 हजार साल प्राचीन बांसुरियां
प्रेम से भेंट किया उपहार हमेशा ही यादगार होता है। फिर वह उपहार चाहे भगवान से मिला हो...
वेद, पुराण, उपपुराण, रामायण, श्री मद्भगवत गीता में है ब्रह्मांड के समूचे ज्ञान का...
-चार वेद, 16 पुराण, 18 उपपुराण, रामायण, श्री मद्भगवत गीता हैं मानव सभ्यता की आधारशिला
चारों वेद, 16 पुराण, 18 उपपुराण, रामायण, श्री मद्भगवत गीता को यदि मानव सभ्यता की आधारशिला कहा जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। या यूं...
त्रिदेव सहित, भूत, वर्तमान, भविष्य, धऱती, स्वर्ग, पाताल का है यह प्रतीक ???
-महादेव संग कई देेवी देवता भी धारण करते हैं त्रिशूल
-हिंदू चिह्न ही नहीं परंपरागत हथियार भी है त्रिशूल
-हस्तरेखा विज्ञान में है त्रिशूल का विशेष महत्व
सनातन संस्कृति में त्रिशूल को हिंदूओं के पावन चिह्न के रुप में ही नहीं एक...
कान, नाक वेधन संस्कार का महत्व, विज्ञान ने भी स्वीकारा
-महिलाओं के सोलह श्रृंगार का प्रतीक है कान, नाक वेधन
-एक्यूप्रेशर के अहम प्वाइंट हैं कान, नाक
हिन्दू धर्म में कान, नाक वेधन 16 संस्कारों का हिस्सा माने गए है। सदियों पहले प्रचलित यह संस्कार महिलाओं के सोलह श्रृंगार का जहां...
भारतीय संस्कृति में किस पौधे को मिला है देव वृक्ष का दर्जा ??
-वेदों में वर्णित है पीपल के औषधीय गुणों की जानकारी
-धार्मिक अनुष्ठान में किया जाता है पीपल का पूजन
भारतीय संस्कृति में देवी, देवताओं, जानवरों, पक्षियों, पत्थरों, पौधों के पूजन के लिए प्रदान किए विशेष महत्व के कारण ही भारतीय संस्कृति...
कौन भुगत रहा है आज भी माता सीता जी के श्राप का फल
-झूठ बोलने पर पंडित, गाय, कौवा, और फल्गु नदी को मिला था श्राप
यह पूर्ण तौर से सत्य है कि जब भी किसी तो श्राप दिया जाता है। वह पूर्ण तौर से फलित होता है। कई बार तो श्राप के असर...
कहां होता है पितृ पक्ष और मातृ पक्ष का तर्पण ???
-भारत में 55 स्थलों पर किया जाता है पिंडदान
-धार्मिक ग्रंथों में पितरों के तर्पण का है विशेष महत्व
धार्मिक ग्रंथों में आत्मा को अजर अमर माना गया है। इंसान की मृत्यु के बाद प्रेत योनि से बचाने के लिए पितृ...
तंत्र के देवता काल भैरव की अराधना बिना है तंत्र साधना अधूरी
-भगवान शिव के रुप है भगवान काल भैरव
-अष्टमी पर काल भैरव जंयती पर पूजन कर मिलती है विशेष कृपा
भगवान काल भैरव को भगवान शिव का ही रूप माना गया है। एेसे में इनकी पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व माना...