राजस्थान के दो जिलों में बच्चों में कोरोना का प्रकोप, करीब 700 बच्चे पॉजिटिव

राजस्थान: कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर थम नहीं रहा था लेकिन तीसरी लहर का खतरा बढ़ गया है. राजस्थान में बड़ी संख्या में बच्चों के कोरोना से संक्रमित होने से आशंका जताई गई है कि तीसरी लहर आ सकती है। जयपुर से करीब 500 किलोमीटर दूर डूंगरपुर में पिछले कुछ दिनों में बच्चों में कोरोना के मामले बढ़ने से प्रशासन की नींद उड़ गई है.

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डूंगरपुर में 12 मई से अब तक कुल 325 बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. अकेले दौसा में ही 341 बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. तीसरी लहर की आशंका को लेकर दौसा जिले में प्रशासन अलर्ट हो गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार दौसा में एक मई से 21 मई के बीच जिन 341 बच्चों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है, उनकी उम्र 10 से 18 वर्ष के बीच बताई जा रही है. जिले के डीएम के मुताबिक, इनमें से कोई भी बच्चा गंभीर नहीं है.
जिला अस्पताल को पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण राजस्थान में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार अब युद्धस्तर पर है. स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों का कोविड टेस्ट करेगी। गांवों में ही कोविड सेंटर बनाए जाएंगे। पॉजिटिव मरीजों का इलाज शुरू किया जाएगा। घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा। महाराष्ट्र, कर्नाटक और कुछ अन्य राज्यों में बच्चों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। जानकारों के मुताबिक तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है।

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एक आंकड़े के अनुसार, 9 मार्च से 25 सितंबर, 2020 तक कोरोना की पहली लहर के दौरान 10 साल से कम उम्र के बच्चों के 19,378 और 11 से 20 साल के बच्चों के 41,985 मामले सामने आए। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान, सिर्फ 15 दिनों में यानी 1 मई से 16 मई 2021 के बीच 19,000 बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, पेट के दर्द से पीड़ित अधिकांश बच्चों को आमतौर पर हल्का बुखार, खांसी, सर्दी, सांस लेने में कठिनाई, खाने में स्वाद न आना, सूंघने की क्षमता में कमी, थकान, गले में खराश होती है। लक्षणों में खुजली, मांसपेशियों में दर्द और नाक बहना शामिल हैं।

-NAV GILL

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