पोस्ट मैट्रिक वज़ीफ़ा घोटाले की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का सवाल ही पैदा नहीं होता – मुख्यमंत्री
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य की जांच एजेंसियां किसी भी पड़ताल के लिए पूर्ण तौर पर समर्थ हैं और किसी भी केंद्रीय एजेंसी को जांच सौंपने का सवाल ही पैदा नहीं होता। आज यहां पंजाब भवन में हुई मीटिंग के दौरान वाल्मीकि भाईचारे के नेताओं के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने पोस्ट मैट्रिक वज़ीफ़ा घोटाले के दोषियों को सख़्त सजा देने के लिए समूची कार्यवाही को यकीनी बनाने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराया।
उन्होंने कहा कि इस घोटाले के दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा और उनके खि़लाफ़ सख़्त से सख़्त कार्यवाही की जायेगी। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब की एजेंसियाँ अपने स्तर पर समर्थ हैं, इसलिए जांच सी. बी. आई. या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी के हाथ में देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। मीटिंग के दौरान यह भी फ़ैसला किया गया कि भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल के प्रबंधों सम्बन्धी विवाद का मसला अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर की तरफ से सुलझाया जायेगा। लॉ अफसरों की नियुक्ति के मामले पर भगवंत मान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि इन पदों पर किसी भी और राज्य में आरक्षण नहीं है।
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस संबंधी कानूनी माहिरों के साथ सलाह-मशवरा कर रही है और जल्द ही भाईचारे को अच्छी ख़बर दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि सफ़ाई सेवकों की सेवाएं रेगुलर की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने लुधियाना से इस मुहिम की शुरुआत कर दी है और आने वाले दिनों में राज्य में से ठेकेदारी प्रथा को ख़त्म कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में सभी भर्तियां रेगुलर आधार पर करने का प्रयास किया जायेगा।बीमारियों को दूर रखने के अलावा, देता है स्वाद यह पत्ता ! || plants || herbs || medicinals ||
मुख्यमंत्री ने कहा कि रसूखदार लोगों से वापस करवाई जा रही पंचायती ज़मीन में से 33 प्रतिशत ज़मीन अनुसूचित जाति भाईचारे को दी जायेगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को मानक शिक्षा और मुकाबले की प्रशिक्षण देने के लिए मोहाली में अत्याधुनिक अम्बेडकर भवन का निर्माण किया जायेगा। भगवंत मान ने डी. जी. पी. को सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्टें डालने वालों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करने के लिए भी कहा।