शूगर में रामबाण हैं इस पेड़ के पत्ते

‘वन ट्री फार्मेसी’ है यह पेड़
मानव और प्रकृति का अटूट संबंध है। प्रकृति ने मानव को हर प्रकार की वस्तुएं व सुविधाएं दी हैं। खासकर निर्मल जल, खाद्य पदार्थ, वनस्पति, जीव जंतु, रहने के लिए छत मुहैया करवाई है। साथ ही प्रकुति ने मानव को कुछ ऐसे पेड़-पौधे दिए हैं जो कई प्रकार के रोगों से मानव शरीर की रक्षा करते हैं। इनके हर भाग का प्रयोग किसी ना किसी रूप में औषधि के रूप में किया जाता है। चाहे आज विज्ञान ने हमें कई प्रकार की दवाईयां मुहैया करवाई हैं लेकिन फिर भी यह पेड़-पौधे कई बीमारियों में लाभदायक सिद्ध होते हैं। एक ऐसा ही गुणों का खज़ाना है ‘नीम’ का पेड़। ‘नीम’ के पेड़ के प्रत्येक हिस्से का प्रयोग यूनानी, आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक दवाईयों में होता है। वेदों में नीम को ‘सर्व रोग निवारणी’ कहा गया है। नीम का पेड़ लगभग भारत के प्रत्येक हिस्से में पाया जाता है। नीम के पेड़ के विभिन्न भागों में 140 यौगिक पाए जाते है जो कई प्रकार के रोगों को दूर करते हैं।

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‘नीम’ के पेड़ का महत्व
‘नीम’ के पेड़ को ‘वन ट्री फार्मेसी’ भी कहा जाता है।‘नीम’ के पेड़ के हर हिस्से पत्तों, छाल, गोंद, जड़, फल, टहनियों, फल की गुठली व बीज के तेल का प्रयोग असाध्य रोगों के नाश के लिए किया जाता है। ‘नीम’ दर्दनाशक, रोगाणुरोधक, ज्वरनाशक होता है। खून को शुद्ध करने व मधुमेह में ‘नीम’ रामबाण औषधि है।

‘नीम’ के फायदे
बालों के लिए लाभदायक
बालों के लिए ‘नीम’ काफी लाभदायक है। नीम के पत्तों को पानी में उबालकर बाल धोने से रूसी व फंगस इत्यादि सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं तथा बालों में मज़बूती व चमक आती है। इसके इस्तेमाल से जूंएं भी मर जाती हैं।

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त्वचा के लिए फायदेमंद


त्वचा के लिए ‘नीम’ रामबाण औषधि है। फोड़े-फूंसी से छुटकारा पाने के लिए नीम की पत्तियों को चबाकर खाने से लाभ होता है। नीम की पत्तियों का जूस बनाकर भी पिया जा सकता है। नीम के पत्ते कड़वे जरूर होते हैं लेकिन फायदा भी देते हैं। नीम के पत्तों का पेस्ट, खीरे के रस में मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर निखार आता है और आंखों के नीचे के काले घेरे व मुंहासें भी कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं।
खून को करे साफ
‘नीम’ की पत्तियों को खाने से खून साफ व शुद्ध होता है। इससे शरीर में मौजूद गंदे कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं और चेहरे पर मुंहासे इत्यादि नहीं होते।
मधुमेह में लाभदायक
मधुमेह के रोगियों के लिए ‘नीम’ के पत्तों का सेवन लाभदायक सिद्ध होता है। वैज्ञानिकों द्वारा की गई शोध में पाया गया है कि मधुमेह यानि शूगर के मरीज़ नियमित रूप में नीम के पत्तों का सेवन कर इस बीमारी से निजात पा सकते हैं।
मलेरिया में असरदरायक
मलेरिया होने पर नीम का प्रयोग लाभदायक होता है। मलेरिया होने पर इलाज के दौरान नीम का प्रयोग भी दवाई के रूप में किया जाता है। ‘नीम’ के पत्तों में पाया जाने वाला ‘गेडनिन’ तत्व मलेरिया के इलाज में सहायक सिद्ध होता है और तेज़ बुखार को कम करता है।

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दांतों की समस्याएं होती हैं दूर
दांतों की समस्याओं में नीम की दातुन फायदेमंद होती है। नीम की दातुन से दांत व मसूड़े सेहतमंद रहते हैं। नियमित रूप मे नीम की दातुन करने से पायरिया की समस्या से छुटकारा मिलता है और दांत मज़बूत होते हैं।पेट के लिए रामबाण
नीम पेट की बीमारियों व समस्याओं में भी लाभदायक है। नीम के पत्ते खाने से ऐसिडिटी, कब्ज, पेट दर्द, पेट के कीड़ों जैसी समस्याएं दूर होती हैं। यूरिन संक्रमण में भी सुबह नीम के पत्ते खाने से राहत मिलती है।

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जलने पर लाभदायक 
जलने पर भी नीम के पत्तों का पेस्ट असरदायक है। अगर कभी शरीर का कोई अंग जल जाए तो तुरंत इस पर नीम की पत्तियों का पेस्ट लगा लें। नीम में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण घाव को फैलने नहीं देता।
इसके अतिरिक्त ‘नीम’ कान दर्द, कान का बहना, कीड़े के जहर के असर को कम करने के साथ-साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
‘नीम’ की तासीर ठंडी होती है। इसलिए इसका प्रयोग गर्मियों के मौसम में अधिक होता हैं। सर्दियों के मौसम में भी ‘नीम’ का प्रयोग कम मात्रा में किया जा सकता है। मधुमेह यानि शूगर के रोगियों को ‘नीम’ का सेवन डाक्टर की सलाह व देखरेख में करना चाहिए और शूगर के लेवल पर भी नज़र रखनी चाहिए।

धर्मेन्द्र संधू

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