धर्मेन्द्र संधू
भारत की संस्कृति, मान्यताएं और विश्वास पूरी दुनिया से अलग हैं। भारत की प्राचीन इमारतें खासकर मंदिर देश के साथ ही विदेश के लोगों को भी अपनी और आकर्षित करते हैं। ऐसा ही एक प्रसिद्ध मंदिर भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है।
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अक्षरधाम मंदिर
दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। 100 एकड़ के करीब क्षेत्र में फैला हुआ यह मंदिर भारतीय वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण है। यह मंदिर 2005 में श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। इस मंदिर से जुड़ी खास बात यह है कि इस मंदिर को विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर घोषित करते हुए 2007 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था।
मंदिर का निर्माण
अक्षरधाम मंदिर का निर्माण कार्य 5 सालों में पूरा हुआ था यानी कि मंदिर का निर्माण कार्य सन् 2000 में शुरू होकर सन् 2005 में संपन्न हुआ। मंदिर का निर्माण कार्य बोचासन स्वामी महाराज श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी बी.ए.पी.एस की देखरेख में किया गया था। इस मंदिर के निर्माण में 11000 कारीगरों और बी.ए.पी.एस से संबंधित हजारों स्वयंसेवकों ने सहयोग किया था। इसीलिए इस मंदिर को अक्षरधाम मंदिर के अलावा ‘स्वामीनारायण’ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के निर्माण में गुलाबी और सफेद संगमरमर व बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में मुख्य स्मारक 350 फुट लंबा, 141 फुट ऊंचा और 315 फुट चैड़ा है।
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अक्षरधाम मंदिर से जुड़ी हैरानीजनक बातें
अक्षरधाम मंदिर से कुछ हैरानीजनक बातें जुड़ी हैं जिनके चलते इस मंदिर का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल होना तय था। अक्षरधाम मंदिर में एक सरोवर बना हुआ है। इस सरोवर को ‘नारायण सरोवर’ कहा जाता है। इस सरोवर में 108 गोमुख बने हुए हैं। इस सरोवर की खासियत यह है कि इसमें 151 सरोवरों और नदियों का जल भरा हुआ है। साथ ही मंदिर की संपूर्ण संरचना में 20 हजार के करीब अद्भुत मूर्तियां बनी हुई हैं। अक्षरधाम मंदिर में विश्व का सबसे बड़ा हवन कुंड भी मौजूद है।
मंदिर में स्थापित है 11 फुट ऊंची मूर्ति
मंदिर में मुख्य रूप से श्री स्वामीनारायण की 11 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है। इसके अलावा श्री स्वामी नारायण जी के संप्रदाय से संबंधित महात्माओं की पंच धातु की बनी हुई मूर्तियां भी विशेष दर्शनीय हैं। साथ ही अक्षरधाम मंदिर में अन्य देवी-देवताओं भगवान शिव और माता पार्वती, श्री लक्ष्मी-नारायण, भगवान राम व माता सीता और श्री राधा-कृष्ण की मूर्तियां स्थापित हैं।
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आकर्षण का केंद्र है संगीतमय फव्वारे और बड़ी स्क्रीन
अक्षरधाम मंदिर में श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है मंदिर परिसर में लगे हुए संगीतमय फव्वारे। शाम के समय चलाए जाते यह फव्वारे रंग बिरंगी रोशनी के साथ इंसानी जीवन चक्र को प्रस्तुत करते हैं। मंदिर में एक बड़ी स्क्रीन भी लगी हुई है। इस स्क्रीन पर श्री स्वामीनारायण के जीवन से संबंधित वीडियो दिखाई जाती है। इसके अलावा मंदिर में भारतीय संस्कृति को पास से देखने के लिए नाव यात्रा का आयोजन भी किया जाता है।
मंदिर का गार्डन है विशेष दर्शनीय
मंदिर में एक बड़ा गार्डन भी है जिसे लोटस गार्डन कहा जाता है। क्योंकि ऊपर से देखने पर इस गार्डन का आकार कमल के फूल जैसा दिखाई देता है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा मिले दो प्रमाण पत्र
अक्षरधाम मंदिर का निर्माण करने वाली संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज का नाम भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है। इसका कारण है कि उन्होंने 1971 से लेकर 2007 के दौरान 5 महाद्वीपों में 713 मंदिरों का निर्माण करवाया था और दूसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड अक्षरधाम मंदिर के नाम है क्योंकि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इसे विश्व का सबसे विशाल हिन्दू मंदिर घोषित किया है।
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अक्षरधाम मंदिर कैसे पहुंचें ?
देश की राजधानी दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर तक बस, टैक्सी या ऑटो द्वारा पहुंचा जा सकता है। मेट्रो द्वारा भी मंदिर तक पहुंच सकते हैं। मंदिर का नजदीकी मेट्रो स्टेशन अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन है।