सुखबीर, हरसिमरत और मजीठिया हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालुओं सम्बन्धी अपने गुमराह करने वाली बयानबाज़ी के लिए माफी मांगें-बलबीर सिद्धू

-‘धार्मिक शख्सियतों को इस अत्यधिक संवेदनशील मामले में दखलअन्दाज़ी न करने की अपील’
-श्रद्धालुओं के कारण कोरोना मरीज़ों की संख्या बढ़ जाने से घबराने की ज़रूरत नहीं, सभी मरीज़ों को स्वास्थ्य किया जाएगा
चंडीगढ़, 3 मई: पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आज यहाँ कहा है कि हजूर साहिब के गुरुद्वारा लंगर साहिब के लगभग 20-25 सेवकों के कोरोना रोगी होने की पुष्टि हो जाने के बाद शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल समेत सभी राजनैतिक नेताओं को माफी मांगनी चाहिए। नादेड़ से वापस आए श्रद्धालुओं के कोरोना रोगी होने के पीछे किसी साजिश होने का झूठा और गुमराह करने वाला प्रचार करके कोरोना के विरुद्ध जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला तोडऩे का गुनाह करते आ रहे हैं। स. सिद्धू ने कहा है कि नादेड़ के गुरुद्वारा लंगर साहिब के अब तक आए नतीजों के उपरांत सेवकों के कोरोना रोगी होने की पुष्टि होने से यह स्पष्ट हो गया है कि श्रद्धालु पंजाब आने से पहले ही कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके थे, जबकि बड़ी संख्या में नतीजों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि धार्मिक शख्सियतों द्वारा यह भी पुष्टि की गई है कि नादेड़ में रह रहे श्रद्धालुओं के टेस्ट किये गए थे परन्तु पंजाब सरकार को महाराष्ट्र सरकार द्वारा अब तक किसी किस्म की टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ख़ासकर सुखबीर सिंह बादल, हरसिमरत कौर बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया और प्रेम सिंह चन्दूमाजरा ने बिना जांच-पड़ताल के इस बहुत ही संवेदनशील मामले पर बहुत ही संकुचित राजनीति करते हुए निम्र स्तर की बयानबाज़ी की। इन नेताओं द्वारा इस मामले को बिना वजह लंबा खींचकर यह प्रचार किया गया कि सिखों को बदनाम करने के लिए नादेड़ से वापस आए श्रद्धालुओं को एक साजिश के अंतर्गत कोरोना मरीज़ घोषित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अकाली नेता ऐसा गुंमराह करे वाला प्रचार करके न सिफऱ् कोरोना के खि़लाफ़ जी-जान से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर शक कर करके उनका हौसला ही नहीं तोड़ रहे बल्कि अत्यधिक संवेदनशील मामले पर झूठी बयानबाज़ी और इलज़ाम लगाकर आपराधिक हरकत भी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालुओं को कोरोना पीडि़त ऐलान कर सिखों को बदनाम करने की साजिश होने की बेबुनियाद बातें करने वाले अकाली नेताओं से पूछा कि कोटा से लौटे विद्यार्थियों, जयसलमेर से वापस आए मज़दूरों और बाहर के राज्यों से आए कई कम्बाईन ऑपरेटरों के कोरोना मरीज़ों की पुष्टि होने के पीछे कौन सी साजिश है?
स. सिद्धू ने कहा कि पंजाबियों को नादेड़ से लौटे श्रद्धालुओं के कारण राज्य में कोरोना मरीज़ों की संख्या बढ़ जाने से घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि इन श्रद्धालुओं का इलाज शुरू कर दिया गया है और इन सभी को पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही घरों में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पहले विदेशी और फिर तबलीग़ी जमात के मुस्लिम भाईचारे के कारण बिगड़ी स्थिति को कुशलतापूर्वक सँभालने में कामयाब हुए हैं और इस बार भी पंजाब सरकार इस बिगड़ी स्थिति को काबू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अपने आप को किसानों के हिमायती होने का दावा करने वाले अकाली नेताओं को चाहिए कि वह अपने हिस्सेदार केंद्र की मोदी सरकार पर दबाव डालकर गेहूँ के खऱीद मुल्य में कटौती करने के फ़ैसले को वापस लें, जिससे इस मुश्किल घड़ी में राज्य के किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि अकाली नेताओं को चाहिए कि पंजाब को अपने हिस्से के टैक्सों की बकाया रकम जारी करने के साथ- साथ पंजाब को कोरोना के विरुद्ध लड़ाई लडऩे के लिए अपेक्षित आर्थिक मदद दिलाने के लिए भी केंद्र सरकार पर दबाव डालना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर अकाली नेता इस अत्यधिक संवेदनशील मौके पर अगर वह कोरोना के विरुद्ध लड़ाई लड़ रही पंजाब सरकार को सहयोग नहीं दे सकते तो कम से कम सरकार के कामों में रोड़े न अटकाएं।
स. सिद्धू ने धार्मिक शख्सियतों को इस नाज़ुक मामले में दखलअन्दाज़ी न करने की विनती करते हुए कहा कि वह ख़ुद और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह गुरू घर के श्रद्धावान सिख हैं, इसलिए यह सोचना भी गलत है कि उनके राज्य में सिखों को बदनाम करने की कोई साजिश हो सकती है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कई धार्मिक शख्सियतों द्वारा दिए गए बयानों के साथ उनके मन को ठेस पहुँचने के साथ-साथ कोरोना के विरुद्ध अपना परम-धर्म समझ कर लड़ाई लड़ रहे हज़ारों डॉक्टरों, नर्सों और टैक्रीशियनों का मन भी टूटा है, ख़ासकर जो गुरू घर के अनिन्न श्रद्धालु हैं।
उन्होंने मीडिया और सभी राजनैतिक दलों के नेताओं से अपील करते हुए कहा कि इस गंभीर स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों, मैडीकल टीमें जो गाँवों और शहरों के प्रभावित क्षेत्रों में दिन-रात स्क्रीनिंग कर रही हैं और कोरोना के मरीज़ों के अलावा एकांतवास किए गए श्रद्धालुओं को इलाज सेवाएं उपलब्ध करवा रहे मुलाजि़मों का आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए सकारात्मक माहौल बनाने में अपना कीमती योगदान दें। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरुद्ध यह लड़ाई सिफऱ् साझे तौर पर लड़ कर ही जीती जा सकती है, जिसके लिए यह ज़रूरी बन जाता है कि हम सरकार द्वारा जारी सभी हिदायतों का पालन करें और सामाजिक दूरी बनाकर इस घातक वायरस के फैलाव को आगे बढऩे से रोकें ।

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