सिंगला के निर्देशों पर स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से विद्यार्थियों की पढ़ाई के नुकसान की पूर्ति और गुणात्मक शिक्षा मुहैया करवाने के लिए तकरीबन सात करोड़ के फंड जारी करने का फैसला

चंडीगढ़ 2 अप्रैलः
कोविड-19 के कारण स्कूल के कम समय खुलने के नतीजे के तौर पर विद्यार्थियों की पढ़ाई के हुए नुकसान की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रयासों और गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों को तकरीबन सात करोड़ रुपए की राशि जारी करने का फैसला किया है।
इसकी जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला के निर्देश पर शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने के लिए तकरीबन 6,97,01,00 रुपए की राशि जारी करने का फैसला लिया गया है। यह फंड विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों के सीखने का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किये जाएंगे।

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प्रवक्ता के अनुसार कोविड-19 के कारण पिछले अकादमिक सैशन के दौरान स्कूल बहुत कम समय खुले हैं। इसी कारण विभिन्न विषयों को सीखने के लिये अन्तराल की शिनाख्त की गई है। इस अन्तराल को पूर्ण के लिए लर्निंग इनहांसमैंट प्रोग्राम (सेकंडरी) आधारित गणित, विज्ञान, पंजाबी, अंग्रेजी, हिंदी और सामाजिक विज्ञान के विषयों में विद्यार्थियों का सामर्थ्य बढ़ाने (रीजिलिऐंस प्रोग्राम) के लिए सप्लीमैंटरी सामग्री/प्रैक्टिकल और विभिन्न गतिविधियां करवाने के लिए फंड जारी करने की व्यवस्था की गई है। यह फंड विभिन्न कक्षाओं के लिए इस्तेमाल किये जाएंगे।
इन फंडों से विद्यार्थियों के सीखने का अंतराल पूरा करने के लिए असायनमैंटों की कापियां भेजी जाएंगी। गणित, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान संबंधी रोजमर्रा के विज्ञान के लिए हफ्ते में तीन दिन और हिंदी और पंजाबी के लिए हफ्ते में दो दिन असाईनमैंटें भेजी जाएंगी। इसके इलावा सीखने का अंतराल पूर्ण करने के लिए राष्ट्रीय अचीवमेंट सर्वे (एन.ए.एस.) की तैयारी के लिए विषय अध्यापक, विद्यार्थियों के लिए असायनमैंटों के लिए भी फंड इस्तेमाल किये जा सकेंगे। यह फंड बारहवीं कक्षा के आर्टस ग्रुप के विद्यार्थियों की मेप ऐक्टिविटी और राजनीतिक विज्ञान/हिस्ट्री की असायनमैंटों के लिए भी इस्तेमाल किये जा सकेंगे।

-NAV GILL

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