संयोग या फिर रहस्य ! हर शताब्दी में ही क्यों आती है महामारी

-1720 के बाद हर सदी में आई महामारी

प्रदीप शाही

मौजूदा समय में कोरोना वायरस (COVID-19) की चपेट में सारा विश्व आ चुका है। चीन से शुरु हुए इय वायरस से सारी दुनिया के देश थरथर कांप रहे हैं। लाखों लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं, और हजारों की तादाद में लोग काल का ग्रास बन चुके हैं। विश्व 21वीं सदी में प्रवेश कर चुकी है। विश्व भर में साइंस ने प्रगति के कई नए आय़ाम स्थापित किए हैं। परंतु विश्व भर के साइंसदानों के लिए एक विषय आज भी अनसुलझा है। इसे संयोग कहें या फिर रहस्य। वह यह कि हर 100 साल में एक महामारी विश्व को अपनी चपेट में ले लेती है। जिसके चलते बड़ी संख्या में इंसान काल का ग्रास बन जाता है। वर्ष 1720 से लेकर अब तक हर शताब्दी में महामारी ने विनाश की नई इबारत को लिखा है। आईए, आज आपको इस संयोग या फिर रहस्य से अवगत करवाते हैं।

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संयोग या फिर रहस्य की शुरुआत। वर्ष 1720 की वैश्विक

हम आज बात करते हैं वर्ष 1720 की। उस साल एक भयावह रोग ने दुनिया को हिला कर रख दिया था। उस समय हमारी साइंस अपने विकास के दौर में थी। वर्ष 1720 में प्लेग की बीमारी ने सारी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। उस समय प्लेग में मरने वालों की संख्या एक लाख से अधिक बताई जाती है। इस वैश्विक महामारी से वैज्ञानिकों को निपटने के लिए लंबे समय तक का इंतजार करना पड़ा था।

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वर्ष 1820 की वैश्विक महामारी…

वर्ष 1720 के बाद विश्व ने 19वीं सदी में प्रवेश किया। इस सदी में भी विश्व को एक बड़ी महामारी का सामना करना पड़ा। यह वैश्विक बीमारी थी मलेरिया। इस रोग से बड़ी संख्या में विश्व भर के लोग संक्रमित हो गए। सारे विश्व के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर एकजुटता दिखाते हुए मलेरिया को रोकने की दवा को खोज निकाला। पर सबसे दुख की बात यह थी कि जब तक मलेरिया की दवा खोजी गई। उस समय तक विश्व भर में एक बार फिर एक लाख से अधिक लोग मौत का शिकार हो गए।

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20वीं सदी का स्पेनिश फ्लू…

विश्व ने 20 सदी में खुशी-खुशी प्रवेश किया। परंतु वर्ष 1920 के पास एक बार फिर विश्व को एक नई महामारी ने घेर लिया। इस वैश्विक महामारी का नाम था स्पेनिश् फ्लू। इस फ्लू ने विश्व भर में हाहाकार मचा दिया। 50 करोड़ से अधिक लोग इस फ्लू से संक्रमित हो गए। इतना ही नहीं एक करोड़ लोग इस फ्लू के चलते मौत के मुंह में चले गए। इस फ्लू की दवा खोजने में वैज्ञानिकों को कई साल लग गए।

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21वीं सदी में कोविड-19 वायरस का हड़कंप

विश्व 21वीं सदी में प्रवेश कर चुका है। साइंस की तरक्की साफ तौर से देखी जा रही है। इस बार 2020 में कोरोना नामक वायरस ने विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। चीन से शुरु हुए इस वायरस से सारी दुनिया में भय व्याप्त है। समूचे विश्व के बड़े औऱ छोटे देश इस महामारी की चपेट में है। लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। जबकि हजारों लोग मौत के मुंह में जा चुके हैं। कोई भी देश इस वायरस से अछूता नहीं है। भारत में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन चल रहा है। ताकि इस रोग को फैलने से रोका जा सके। चीन, इटली, अमेरिका, इरान में मरने वालों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। वैज्ञानिक इस वायरस को रोकने की कोशिश में लगे हुए हैं। अब यह देखना है कि इस वायरस पर वैज्ञानिक कब नकेल कसने में कामयाब हो सकेंगे।

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