संबंधित प्लेटफॉर्मज़ द्वारा नोटिस का जवाब देने में असफल रहने पर पंजाब पुलिस ने 45 सोशल मीडिया लिंक ब्लॉक करने के लिए केंद्र से संपर्क किया

चंडीगढ़, 11 सितम्बर:

कोविड संबंधी सोशल मीडिया पर गलत प्रचार और अफ़वाह फैलाने वालों पर शिकंजा कसते हुए पंजाब पुलिस ने गुरूवार को ऐसा झूठा प्रचार करने वाले 45 लिंक्ज़ को ब्लॉक करने के लिए केंद्र से संपर्क किया, जिनके खि़लाफ़ सम्बन्धित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मज़ को नोटिस दिए जाने के बावजूद कार्यवाही करने में असफल रहे। यह लाजि़मी है कि राज्य द्वारा नोटिस दिए जाने के 36 घंटों के अंदर उनके खि़लाफ़ कार्यवाही की जाए।

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डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने खुलासा करते हुए बताया कि 13 अन्य नए खाते/लिंक ब्लॉक करने के साथ-साथ झूठा प्रचार करने के लिए राज्य में ब्लॉक किए गए यू.आर.एल्ज़/लिंक्ज़ की संख्या अब 121 हो गई, जबकि केंद्र सरकार का 45 मामलों में दखल माँगा है। फेसबुक ने 47 अकाऊंट ब्लॉक किए हैं, जबकि ट्विटर ने 52, यूट्यूब ने 21 और इंस्टाग्राम ने 1 खाता/लिंक अपने-अपने प्लेटफॉर्म से ब्लॉक किया।

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डी.जी.पी. ने बताया कि इसके अलावा नफऱत और झूठी सामग्री पोस्ट करने वाले ऐसे 292 अन्य यू.आर.एल्ज़/लिंक्ज़ को ब्लॉक करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कहा गया है।

पुलिस ने व्याना (ऑस्ट्रिया) में रहने वाले सतविन्दर सिंह नाम के व्यक्ति को लुकआऊट सर्कुलर जारी किया है। सतविन्दर उर्फ सैम थिंद निवासी फूल शाहकोट झूठी वीडिओज़ पोस्ट करने के लिए कथित तौर पर जि़म्मेदार है, जो पंजाब के लोगों को अस्पताल ले जाने से रोक रही हैं। लुकआऊट नोटिस में उसके भारत में दाखि़ले पर रोक की माँग की गई है और उसे देश में पैर रखते ही कानूनी कार्यवाही का सामना करने के लिए गिरफ़्तार किया जाए।

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पुलिस ने फास्टवे टी.वी. यू.एस.ए. और फास्टवे न्यूज़ के ऐंकरों के खि़लाफ़ आशावर्करों संबंधी गुमराह करने वाले तथ्य फैलाने की कोशिशें करने पर मामला दर्ज किया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हुक्म दिए थे कि यदि विदेशों में ऐसे शरारती तत्व झूठे प्रचार और झूठी जानकारी से पंजाब के माहौल को खऱाब करने की कोशिश करते हैं तो इनके खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जाए।

डी.जी.पी. ने बताया कि अफ़वाहें फैलाने में शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध 27 अगस्त से 10 सितम्बर, 2020 तक 18 एफ.आई.आरज़ दर्ज की गई हैं। इनमें लोक इन्साफ पार्टी के नेता और विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के खि़लाफ़ भी शामिल हैं जिनके खि़लाफ़ एफ.आई.आर दर्ज हुई है।

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डी.जी.पी. ने बताया कि 45 अकाऊंट/लिंक, जिनके बारे में सम्बन्धित सोशल मीडिया प्लेटफार्म नोटिस जारी करने के बावजूद ब्लॉक करने में नाकाम रहे हैं और इस बारे में भारत सरकार के इलैट्रानिकस और सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय के साईबर लॉ डिविजऩ को पत्र भेजा जा चुका है। ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, पंजाब के स्टेट साईबर सैल क्राइम के आई.जी. ने पत्र में उपरोक्त यू. ट्यूब चैनलों /अकाऊंट को सूचना प्रौद्यौगिकी एक्ट, 2000 की धारा ए (1), पढ़ा जाये सूचना प्रौद्यौगिकी (लोगों की सूचना तक पहुँच रोकने के लिए प्रक्रिया और उपाय) नियम, 2009 के अंतर्गत रद्द करने की विनती की है।

इस पत्र में इन 45 अकाऊंट/चैनल /लिंक, जिनके बारे में विस्तार में दर्शाया गया है, को देश की एकता और अखंडता के हित में, सार्वजनिक व्यवस्था और किसी भी गुनाहयोग अपराध के लिए उकसाने से रोकने के उद्देश्य के साथ ब्लॉक करने की माँग की गई है। मंत्रालय को विनती की गई है कि सम्बन्धित अथॉरिटी और मध्यस्थों को हिदायत की जाये कि भारत में सार्वजनिक तौर पर इस जानकारी तक पहुँच को तुरंत रोका जाये।

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पंजाब के स्टेट साईबर क्राइम सेल ने भी लोगों से अपील की है कि वह राज्य में लोग व्यवस्था की सुरक्षा और बचाव के हित में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कोविड सम्बन्धी किसी भी तरह की ग़ैर -प्रमाणित /गलत पोस्टों, खबरें, वीडिओज़ या कहानियाँ सांझा न करें।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर समाज विरोधी तत्वों के द्वारा नफऱत, गलत जानकारी और अशांति फैलाने के लिए जानबुझ कर झूठी खबरें /वीडिओज़ और अफ़वाहें फैलाए जाने के दरमियान सख़्त कार्यवाही के आदेश दिए हैं।

ऐसे व्यक्तियों के द्वारा ‘कोविड -19 के दौरान मानवीय अंगों के व्यापार’ के नाम पर लोगों को उकसाने के लिए वीडियो अपलोड किये जा रहे हैं। अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के द्वारा गलत जानकारी फैलाई जा रही है कि डाक्टर और पैरा मैडिकस लोगों को गलत तरीके से पॉजिटिव ऐलान कर पैसों की ख़ातिर उनके अंग निकाल रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी झूठी पोस्टें /वीडिओज़ न सिफऱ् राज्य सरकार और डाक्टरों के लिए अपमानजनक हैं बल्कि लोगों में अलग-अलग स्वास्थ्य सहूलतों से कोविड के टैस्ट और इलाज करवाने सम्बन्धी निराशा फैलाव रहे हैं।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग में देरी के साथ जानें जाने पर लगातार चिंता ज़ाहिर की है क्योंकि इन झूठी पोस्टों /वीडिओज़ के कारण गुमराह हुए लोग अस्पतालों में टैस्ट करवाने और इलाज के लिए नहीं जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर पंजाब पुलिस ने समाज में गलत जानकारी फैलाने और झूठे प्रचार के लिए जि़म्मेदार शरारती तत्वों पर शिकंजा कसने के लिए एक मुहिम शुरू की है।

-Nav gill

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