राष्ट्रीय कृषि ऋण माफी स्कीम तैयार करने के लिए केंद्र-राज्य कमेटी स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री से अपील : कैप्टन अमरिंदर सिंह

-श्री गुरू नानक देव जी का 550वां जन्म दिवस मनाने और जलियांवाल बाग़ की शताब्दी मनाने के लिए केंद्र से सहायता की माँग
-नीती आयोग की मीटिंग के दौरान पंजाब के सीमावर्ती इलाकों के विकास के लिए एकमुश्त विशेष पैकेज की मंाग
नई दिल्ली : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्यों के साथ विचार-विमर्श के द्वारा किसानों के लिए राष्ट्रीय ऋण माफी स्कीम का नक्शा तैयार करने के लिए केंद्र सरकार और कुछ मुख्यमंत्री आधारित कमेटी गठित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है । 
स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट मुकम्मल रूप में स्वीकृत किये जाने की महत्ता पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गवर्निंग काउंसल को प्राथमिकता के आधार पर कृषि ऋण माफ करने का मुद्दा विचारना चाहिए । कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नीति आयोग की मीटिंग को सम्बोधित करते हुए यह विचार प्रकट किये।
सहकारी संघवाद की भावना अनुसार केंद्र की तरफ से राज्यों को और ज़्यादा शक्तियां दिए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्य मंत्री ने श्री गुरु नानक देव जी का 550वां जन्म दिवस मनाने के लिए केंद्रीय सहायता दिए जाने की माँग दोहराई। उन्होंने अमृतसर के जलियांवाल बाग़ में हत्याकांड की अगले साल मनाई जा रही शताब्दी के लिए भी केंद्रीय सहायता की माँग की । देश की तरफ से गांधी जी का 150वें जन्म दिवस मनाए जाने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 समूचे देश के लिए ऐतिहासिक वर्ष है । उन्होंने विभिन्न समारोहों को मनाना यकीनी बनाने के लिए सामूहिक कोशिशें किये जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया ।
पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचो के विकास के लिए विशेश एकमुश्त पैकेज देने की भी मुख्यमंत्री ने माँग की । उन्होंने कहा कि सक्रिय अंतरराष्टीय सरहद के इस क्षेत्र में घनी जनसंख्या है । उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र विकास फंड के अतंर्गत फंडों का आबंटन करने वाला मापदंड पंजाब के लिए उपयुक्त नहीं है । उन्होंने कँटीली तार से परे वाली ज़मीन केंद्र सरकार द्वारा अधिगृहण (एक्वायर) किए जाने की माँग की । इसके साथ ही उन्होंने सरहदी इलाकों में उद्योग के लिए रियायतों की भी माँग की ।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग की मीटिंग राज्यों को अपने प्राथमिक क्षेत्रों संबंधी विचार रखने के लिए एक उपयुक्त मंच है । राज्य इसके द्वारा केंद्र सरकार के आगे अपना पक्ष रख सकते हैं जिसके द्वारा राष्ट्र निर्माण और विकास की प्रक्रिया को बड़े संदर्भ में देखा जा सकता है । मुख्यमंत्री ने सरहदी पट्टी के 30 किलोमीटर के घेरे में टैक्स रियायता और बढ़ावा देने वाली स्कीमों की माँग की । उन्होंने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और पहाड़ी इलाकों को दी जा रही इन स्कीमों और रियायतों की तजऱ् पर ही राज्य को यह दिए जाने की माँग उठाई है । उन्होंने नेशनल हाईवे प्रोग्राम के अंतर्गत पंजाब की सरहदी सडक़ों के रख-रखाव और विशेष विकास पर भी ज़ोर दिया ।
पंजाब के धीरे-धीरे गंभीर जल संकट की ओर सरकते जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने पंजाब की नदियों को गंगा कार्य योजना की तजऱ् पर पूँजी सहायता में शामिल किये जाने की भी केंद्र से अपील की । मुख्यमंत्री ने सिंचाई प्रणाली का स्तर ऊँचा उठाने के लिए राज्य के प्रोजैक्ट को स्वीकृत किये जाने की भी माँग की । उन्होंने रावी नदी पर शाहपुर कंडी डैम की तेज़ी से स्वीकृति का भी मुद्दा उठाया ।
देश की अन्न सुरक्षा और फ़ौज में पंजाब की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने पंजाब के किसानों के लिए कजऱ् राहत दिए जाने का मामला ज़ोरदार ढंग से पेश किया । उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही संस्थागत फ़सल कजऱ् माफ करने की स्कीम का ऐलान कर दिया है जिसके अंतर्गत सभी सीमांत और छोटे किसानों के दो लाख रुपए के कृषि ऋण माफ किये जा रहे हैं और इस स्कीम अंतर्गत 10.25 लाख किसानों को राहत मुहैया करवाई जा रही है ।
मुख्यमंत्री ने मक्का, तेल बीज और दालों जैसी वैकल्पिक फ़सलों की केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खरीद किये जाने की माँग भी की । इसके अलावा उन्होंने किसानों को फसलों के अवशेष न जलाने के बदले रियायत के तौर पर केंद्रीय सहायता की भी माँग उठाई । इसके अंतर्गत उन्होंने फ़सलों के अवशेष न जलाने वाले किसानों को धान पर प्रति क्विंटल 100 रुपए बोनस शर्तिया नकद तबादलों के रूप में देने की माँग की जिससे धान की पराली को जलाए जाने की समस्या पर काबू पाया जा सके । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से किसानों के ग्रुपों और सहकारी सोसायटियों को सब्सिडी वाली दरों पर कृषि मशीनरी दी जा रही है । जिसके नतीजे के तौर पर वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2017 के दौरान फसलों के अवशेष जलाए जाने की समस्या घटी है परन्तु अभी भी यह गंभीर समस्या बनी हुई है ।
केंद्र स्पांसर स्कीमों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और शहरी गवर्नेंस सम्बन्धित अहम क्षेत्रों में राष्ट्रीय कायाकल्प प्रोग्रामों की पहचान करनी चाहिए । उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोग्रामों के लिए समूचे फंड भारत सरकार की तरफ से दिए जाने चाहिएं ।
मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों पर ज़्यादा ध्यान दिए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए नीति आयोग को राज्यों के साथ मिल कर काम करने की अपील की है जिससे कस्बों के बढिय़ा प्रबंधन के लिए नया रूप तैयार किया जा सके । कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सडक़ीय संपर्क के क्षेत्र में भी ज़ोर दिया । उन्होंने दिल्ली से कटरा ग्रीन फील्ड ऐक्सप्रैस वे की स्वीकृति पर भी ज़ोर दिया जोकि केंद्रीय एशिया के लिए एक द्वार (रास्ता) बनेगा ।
बेरोजग़ारी और नौजवानों के लिए कम मेहनताना की बढ़ रही समस्या पर चिंता प्रकट करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इस संकट से निपटने के लिए पंजाब सरकार द्वारा विभिन्न पहलकदमियों का जिक्र किया । उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार जि़ला इंटरप्राईज़ और रोजग़ार ब्यूरो स्थापित कर रही है जिसके द्वारा कौशलपूर्ण नौजवानों को ‘‘घर -घर रोजग़ार और कारोबार’’ के अंतर्गत रोजग़ार के साथ जोड़ा जायेगा ।
मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्र्कि स्कॉलरशिप की पुन: अदायगी की नयी प्रणाली का जायज़ा लेने की माँग की जिससे यह यकीनी बनाया जाये कि अनुसूचित जाति के गरीब विद्यार्थियों को किसी भी तरह का नुक्सान न हो ।
अपने भाषण को समेटते हुए मुख्यमंत्री ने एक होकर समर्पण की भावना से राष्ट्र के निर्माण के लिए राज्यों और केंद्र सरकार को पुन: वचनबद्ध होने का न्योता दिया है । उन्होंने अति गरीब और कमज़ोर वर्गों की सेवा के लिए भी सभी को वचनबद्धता के साथ कार्य करने की अपील की है और कहा कि यह राष्ट्रपिता को एक श्रद्धांजली होगी । उन्होंने आशा प्रकट की कि भारत सरकार सहकारी संघवाद की असली भावना अनुसार राज्यों को मज़बूत बनाऐगी ।

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