भारतीय हाई कमिश्नर को गुरुद्वारा पंजा साहिब में प्रवेश करने से रोकने पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा पाकिस्तान की कड़ी निंदा

-भारत सरकार को उपयुक्त जवाब देने की मांग

-भारत की अमन-शान्ति के प्रति कोशिशों को कमज़ोरी न समझा जाये-इस्लामाबाद को चेतावनी

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पाकिस्तान में भारतीय हाई कमिश्नर अजय बिसारिया के पास पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की अनुमति होने के बावजूद उनको गुरुद्वारा पंजा साहिब में जाने की इजाज़त न देने पर पाकिस्तान के दुष्ट व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा की है।

इस घटना को इस्लामाबाद की दिल्ली के प्रति एक बेसमझ और मूर्खतापूर्ण शत्रुता की भावना की चौंकाने वाली सोच बाताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म को अपनी राजनैतिक सुनियोजित योजना में शामिल करके पाकिस्तान ने सिद्ध कर दिया है कि वह भारत के साथ अपने रिश्तों के प्रति किस हद तक निचे गिर सकता है। इससे पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय और कूटनीतिक समझौतों के प्रति घोर घृणा भी ज़ाहिर हो गई है।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट के द्वारा पाकिस्तान की घटिया और दुष्ट कार्यवाही के विरुद्ध गुस्सा ज़ाहिर करते हुए कहा कि इस्लामाबाद को किसी भारतीय अधिकारी को गुरुद्वारा साहिब में जाने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि धार्मिक स्थान के दर सबके लिए खुले हैं। उन्होंने कहा कि यह मिलट्री संस्थान नहीं कि जाने के लिए बंदिशें लगाईं जाएँ। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि श्री बिसारिया ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से अपेक्षित परवानगी भी हासिल की थी परन्तु इसके बावजूद उसे जाने से रोकना और भी भयभीत और अत्याचारपूर्ण कार्यवाही है।

इस्लामाबाद की कार्यवाहियों के ख़तरनाक निष्कर्ष निकलने के विरुद्ध चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान पाकिस्तान की तरफ से गोलीबन्दी की घोर उल्लंघन करने के बाद अब इस कार्यवाही से सिद्ध होता है कि पड़ोसी मुल्क भारत के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिशों के प्रति सकारात्मक स्वीकृति भरने से इन्कार किया है।

मुख्यमंत्री ने दोनों मुल्कों के बीच अमन-शान्ति और द्विपक्षीय रिश्तों की ज़ोरदार वकालत करते हुए कहा कि पाकिस्तान की ऐसी कार्यवाहियां जहाँ दोनों मुल्कों के रिश्ते सुधारने की उम्मीदों पर पानी फेर देंगी, वहीं अपने पड़ोसी के साथ तनाव को और बढ़ाएंगी। यह राष्ट्र के हित में भी नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत चाहे अपने पड़ोसी मुल्क के साथ सम्बन्ध और मज़बूत बनाने की लगातार कोशिश कर रहा है परन्तु यह पाकिस्तान ऐसे किसी भी प्रयास को रास्ते से भटकाने के लिए तत्पर है। उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज से अपील की कि इस मामले को उच्च स्तर पर विचार करके उपयुक्त जवाब दिया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के लिए भारत शान्ति का प्रतीक है परन्तु इसका यह मतलब नहीं है कि हमारी अमन-शान्ति वाली पहचान को दूसरे मुल्कों की तरफ से कमज़ोरी समझ लिया जाये। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ कि भारतीय हाई कमिशनर को इस्लामाबाद ने अपनी ड्युूटी निभाने से रोका हो।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि भारतीय हाई कमिशनर अजय बिसारिया को गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने से रोकना यह सिद्ध करता है कि पाकिस्तान अपनी भारत विरोधी मुहिम में किस हद तक निचे गिर चुका है। यह धार्मिक स्थान है न कि मिलट्री संस्था। विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज को मुँह तोड़ जवाब देने की अपील की।

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