गांव चुनागरा में शिक्षकों ने परिवार सहित कैंडल मार्च निकाल जताया रोष

कांग्रेसी विधायकों, मंत्रियों का गांव में घुसने पर किया जाएगा विरोध

सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ पटियाला में बीते 27 दिनों से जारी संघर्ष के तहत एसएसए, रमसा, माडल, आदर्श स्कूलों के शिक्षकों ने राज्य भर में गांव स्तर पर कैंडल मार्च निकाल कर रोष जताया।। शिक्षक 8886 अध्यापकों के वेतन में कटौती करने, ठेका शिक्षकों को पूरा वेतन व अन्य सुविधाएं प्रदान करने, शिक्षकों को शिक्षा विभाग में रेगुलर करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कैंडल मार्च के दौरान शिक्षकों के सभी परिजनों ने भी हिस्सा लेकर सरकार खिलाफ गुस्से का इजहार किया। पटियाला के गांव चुनागरा में प्रदर्शन की अगुआई एसोसिएशन पंजाब के प्रदेश प्रधान डा. अमृतपाल सिंह सिद्धू ने की।

डॉ. सिद्धू ने कहा कहा कि सरकार जानबूझ कर शिक्षा का निजीकरण करने में लगी है। शिक्षकों के वेतन में कटौती की जा रही है। इतना ही नहीं शिक्षकों को रेगूलर भी नहीं किया जा रहा है। सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों को जनमानस तक पहूंचाने के लिए ही गांव स्तर पर मार्च की शुरुआत की गई है। गांवों में लोगों के मिल रहे सहयोग पर उन्होंने आभार जताया। प्रदर्शन के दौरान गांववासियों ने घोषणा की कि वह किसी भी कांग्रेस मंत्री व विधायक को गांव में घुसने नहीं देंगे। उनके सभी समागमों का बायकॉट किया जाएगा। चार नवंबर को राज्य के सभी जिला हेडक्वार्टर पर जोरदार प्रदर्शन कर शिक्षक रोष जताएंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कैंप्टन अमरिंदर सिंह संग शिक्षकों की एक बैठक पांच नवंबर को रखी गई है। यदि हमारी मांगों को स्वीकार न किया गया तो शिक्षकों के इस संघर्ष को राज्य स्तर पर तेज कर दिया जाएगा। इसमें जेल भरो आंदोलन भी चलाया जाएगा।

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