ग़ैर परंपरागत आतंकवाद से निपटने के लिए कायम किये एस.ओ.जी. कमांडोज की मुख्यमंत्री द्वारा भरपूर प्रशंसा

-मुख्यमंत्री बहादरगढ़ कमांडो प्रशिक्षण केंद्र पहुँचे, एस.ओ.जी. कमांडोज के प्रशिक्षण अभ्यास का लिया ज़ायजा
बहादरगढ़, (पटियाला):  पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज नये भर्ती हुए एस.ओ.जी. कमांडोज की प्रशंसा करते हुए उनको पहले बनाई गई स्वैट के मुकाबले इस मौजूदा बदलते परिपेक्ष में आतंकवाद के मुकाबले के लिए राज्य का अहम अंग बताया । उन्होंने भरोसा दिया कि इस नई यूनिट को और मज़बूत करने के लिए उनकी सरकार पूरा सहयोग देगी । 
यहां कमांडो प्रशिक्षण केंद्र, बहादरगढ़ में स्पैशल ऑपरेशन ग्रुप के ट्रेनी कमांडोंज के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों और दहशतगर्दों द्वारा लड़ाई के गैर-परंपरागत ढंग इस्तेमाल किए जाने के कारण राज्य की आतंकवाद विरोध प्रणाली को नवीनतम ढंग से लैस करना एक अहम ज़रूरत बन गई थी। एस.ओ.जी कमांडोज द्वारा अपने कड़े प्रशिक्षण और सामथ्र्य के किये गए शानदार प्रदर्शन को बारीकी से देखने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उनके साथ बातचीत करते हुए उनकी भरपूर प्रशंसा की । 
इस दौरान कुल 186 कमांडोज (158 ट्रेनी और 1। इंस्ट्रक्टर्ज) ने इस अभ्यास में हिस्सा लिया, जिसमें एडवांस पी.टी., ड्रिल, शारीरिक फिट्टनैस, हथियार चलाना, इमारत पर रस्से की मदद से चढऩा, उतरना, रेंगना, ऑपरेशन के दौरान रास्ते में आने वाली कठिनाईयों को पार करने सहित दुश्मन को मार गिराने के लिए और कई प्रकार के अति -आधुनिक ढंग और रणनीति प्रयोग करने के करतब दिखाऐ । इस ग्रुप के इंस्ट्रक्टर्ज भारतीय सेना, पैरा स्पैशल फोर्सिज, सी.पी.ओज और एन.एस.जी. से आए हुए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कमांडोंज हैं, जिनको पंजाब पुलिस में विशेष केस के तौर पर भर्ती किया गया है ।
     एस.ओ.जी. जैसे अहम और विशेष दस्तों की ज़रूरत पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दीनानगर पुलिस स्टेशन और पठानकोट एयरबेस पर हुए फि़दायन हमलों जैसी गंभीर स्थिति से निपटने के लिए इस सरहदी राज्य को ऐसी आतंकवाद विरोधी शक्ति से लैस करना बेहद ज़रूरी था। उन्होंने कहा कि हालाँकि परंपरागत आतंकवाद के अगले पड़ाव के दौरान दहशतगर्दी की घटनाओं में बेहद कमी आई है परंतु यह चुनौती अब नये और गैर-परंपरागत आतंकवाद के तौर पर उभर के भी सामने आई है ।
     मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजऱ राज्य को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और नशों की तस्करी सहित स्थानीय आतंकवाद से भी ख़तरा पैदा होता रहा है, क्योंकि सरहद पार की लश्कर -ऐ -तैयबा, युनाईटिड जेहाद कौंसल, जैश-ऐ -मुहम्मद और अलकायदा जैसे संगठन यहाँ आतंकवाद फैलाने की ताक में रहे हैं । उन्होंने कहा कि राज्य पाकिस्तान के साथ 553 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सरहद साझा करता है जबकि इसकी 70 किलोमीटर हद जम्मू और कशमीर के साथ भी लगती है, जोकि नशों के तस्करों और आतंकवादियों के लिए एक आसान रास्ता मुहैया करवाती है ।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वैट का सीमित सामथ्र्य, अलग वित्तीय प्रबंधों, नयी प्रतिभा, आधुनिक आतंकवाद-विरोधी ज़रूरतों और नये हालात से टकराने की योग्यता की कमी ने नये एस.ओ.जी. कमांडोज की ज़रूरत को जन्म दिया । उन्होंने कहा कि यह नये कमांडोज स्वैट से 10 गुणा ज़्यादा समर्थ बनकर सामने आए हैं, क्योंकि इनके लिए अलग बजट, तरक्की के मौके, यहाँ मियादी सेवा के बाद जिलों में तैनाती और नयी प्रतिभा का उभार अहम बनाया गया है ।
     एस.ओ.जी. के ट्रेनी कमांडोंज़, जो अगस्त महीने अपने शुरूआती पाठ्यक्रम को मुकम्मल करने जा रहे हैं, की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सीमाओं की सुरक्षा का जिम्मा उनके मज़बूत कंधों पर आएगा ।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पैरा फोर्सिज एस.पी.एफ. में से सेवामुक्ति के बाद कमांडोज के तौर पर भर्ती किये गए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त 18 हवलदारों को ए.एस.आई. के स्टार भी लगाऐ । मुख्यमंत्री ने यहाँ कमांडोज को मुहैया करवाए गए ड्रोन्ज, अत्याधुनिक बुलेट प्रूफ़ वाहनों सहित अन्य साजो समान का भी जायज़ा लिया । उन्होंने इसी दौरान कमांडो प्रशिक्षण केंद्र में मैस का निरीक्षण करके खाने का स्वाद लिया और कमांडोज बैरकों का दौरा भी किया।
इस दौरान पंजाब पुलिस के डायरैक्टर जनरल श्री सुरेश अरोड़ा ने एस.ओ.जी. की ज़रूरत बाबत जानकारी देते हुए बताया कि दीनानगर हमले के बाद ऐसे किसी विशेष दस्तों की ज़रूरत महसूस हुई थी, जिसके प्रस्ताव को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बीते अगस्त महीने में तुरंत स्वीकृत किया था। उन्होंने बताया कि कुल 12 हफ़्तों के प्रशिक्षण में एस.ओ.जी. कमांडोज को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा और इनको अगले प्रशिक्षण के लिए इजऱायल भेजने का भी प्रस्ताव है।
श्री सुरेश अरोड़ा ने बताया कि एस.ओ.जी. कमांडो बटालियन गठित करने के लिए ज़ीरो ख़र्च आया है, क्योंकि यह एक कमांडो बटालियन के खर्च किए में से ही गठित की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कमांडोज एन.एस.जी. की तजऱ् पर अन्य राज्यों में पैदा होने वाले किसी संभावित खतरे के मुकाबले के लिए भी अपनी सेवाएं निभाएंगे। इससे पहले ए.डी.जी.पी. लॉ एंड ऑर्डर श्री हरदीप सिंह ढिल्लों ने स्वागतम कहते हुए स्पैशल ऑपरेशन ग्रुप बारे जानकारी दी । ए.डी.जी.पी. कमांडो प्रशिक्षण और स्पैशल ऑपरेशन श्री राकेश चंद्र ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के सलाहकार स. भरतइंदर सिंह चहल, मीडिया सलाहकार श्री रवीन ठुकराल, ए.डी.जी.पी. मुख्यमंत्री सुरक्षा श्री खूबी राम, ए.डी.जी.पी. एस.ओ.जी. कमांडोज श्री जतिन्दर जैन, आई.जी. पटियाला रेंज स. ए.एस. राय, आई.जी. जालंधर रेंज नौनिहाल सिंह, आई.जी. बार्डर रेंज एस.पी.एस. परमार, आई.जी. फिऱोज़पुर रेंज जी.एस. ढिल्लों, डिप्टी कमिश्नर श्री कुमार अमित, एस.एस.पी. पटियाला मनदीप सिंह सिद्धू, कमांडैंट डा. अखिल चौधरी, कमांडैंट स. भुपिन्दरजीत सिंह विर्क, कमांडैंट प्रीतपाल सिंह थिंड, एस.डी.एम. स. अनमोल सिंह धालीवाल सहित बड़ी संख्या पुलिस और कमांडोंज़ के अधिकारी मौजूद थे ।

LEAVE A REPLY