कौन भुगत रहा है आज भी माता सीता जी के श्राप का फल

 

-झूठ बोलने पर पंडित, गाय, कौवा, और फल्गु नदी को मिला था श्राप

यह पूर्ण तौर से सत्य है कि जब भी किसी तो श्राप दिया जाता है। वह पूर्ण तौर से फलित होता है। कई बार तो श्राप के असर को समाप्त करने के लिए सदियां बीत जाती हैं। क्या आप जानते हैं कि सीता माता ने भी एक बार झूठ बोलने वालने पर चार जातियों को श्राप दे दिया था। जिसका असर आज भी कायम है।

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किन को दिया था माता सीता जी ने श्राप
बनवास काल के दौरान अपने ससुर राजा दशरथ के पिंडदान किए जाने के दौरान मौजूद पंडित, गाय, फल्गू नदी और कौआ को झूठ बोलने पर श्राप दे दिया था। इस श्राप का असर मौजूदा समय तक यह सभी जातियां पूर्णरुप से भुगत रही हैं।

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क्यों किया था माता सीता जी ने अपने सुसर राजा दशरथ का पिंडदान
बनवास के दौरान भगवान श्री राम, माता सीता जी व लक्ष्मण को राजा दशरथ की मृत्यु का समाचार मिला था। पिता का पिंडदान करने के लिए भगवान राम अपने भ्राता लक्ष्मण के साथ जंगल में पिंडदान की सामग्री एकत्रित करने चले गए। पिंडदान का समय निकलता जाता देख कर माता सीता जी ने समय के महत्व को समझते हुए अपने ससुर राजा दशरथ का पिंडदान भगवान राम-लक्ष्मण की अनुपस्थिति में पूरे विधि विधान से कर दिया। पिंडदान के दौरान पंडित, गाय, फल्गू नदी और कौआ मौजूद रहे। जब भगवान श्री राम लौट कर वापिस आए और पिंड दान के विषय में पूछा। तो माता सीता जी निर्धारित समय बीत जाने की बात कहते हुए अपने ससुर राजा दशरथ का पिंडदान करने की बात कही। पिंडदान के समय उपस्थित साक्षी पंडित, गाय, कौवा, और फल्गु नदी से इसकी पुष्टि करने की बात कही। भगवान राम ने जब चारों से इसकी पुष्टि करने के लिए चारों से पूछा तो इन सभी माता सीता की ओर से पिंडदान न करने की बात कही। इस बात को सुनते ही माता सीता जी ने सभी को झूठ बोलने की सजा देते हुए आजीवन श्रापित कर दिया।


क्या थे माता सीता जी के श्राप…
दान मिलने पर भी दरिद्र रहेगा पंडित
माता सीता जी ने पंडित को श्राप देते कहा कि तुमने समूचे पंडित समाज कलंकित किया है। साथ ही पंडित को कभी संतुष्ट न रहने और हमेशा दरिद्र रहने का श्राप दिया। इस कारण आज भी पंडित दान भारी दक्षिणा मिलने के बाद भी संतुष्ट नहीं होता है।

 

फाल्गू नदी में पानी होने पर भी नहीं होगा बहाव
फाल्गु नदी को श्राप देते कहा कि नदी में जितना भी पानी गिरेगा। परंतु नदी उपर से हमेशा सुखी ही रहोगी। इतना ही नदी के उपर कभी पानी का बहाव नहीं होगा। यह आज भी सच है कि फाल्गू नदी माता सीता के श्राप का कोप भुगत रही है।

 


गाय पूजनीय होकर भी जूठन खाने को होगी मजबूर
माता सीता जी ने गाय को झूठ बोलने पर यह कह कर शापित किया कि तुम्हारी घर-घर में पूजा तो होगी। बावजूद इसके लोगों का जूठन खाने को मजबूर होना पड़ेगा। जो आज भी सत्य है।

 


झुंड में रहने पर ही कौआ का भरेगा पेट
कौवे झूठ बोलने पर माता सीता जी ने कहा कि वह अकेले खाने से कभी पेट नहीं भर पाएगा। पेट भरने के लिए उसे झुंड बनाना होगा। साथ ही वह आकस्मिक मौत मरेगा।

 

 

कुमार प्रदीप

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