कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कृषि बिलों पर बादलों के झूठ के राज खोलने के लिए 10 सवालों का जवाब देने के लिए कहा

चंडीगढ़, 20 सितम्बर:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज बादलों द्वारा कृषि बिलों के मुद्दे पर खो चुके सम्मान की बहाली के लिए पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक झूठ बोलने का पर्दाफाश करने के लिए उनसे 10 सवालों के जवाब माँगे हैं। उन्होंने कहा कि अध्यादेशों के जारी होने के समय से बादलों ने खुलेआम और बेशर्मी के साथ इनका समर्थन किया।
इन अध्यादेशों को संसद में पेश करने के समय से लेकर सुखबीर बादल और हरसिमरत बादल द्वारा किये जा रहे बेरोक हमलों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दोनों नेता अपने दागी हो चुके चेहरों पर पर्दा डालने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं जबकि लोगों की अदालत में यह पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। पिछले कुछ दिनों में सुखबीर और हरसिमरत द्वारा बोले गए झूठ-दर-झूठ की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने इनसे सवाल पूछे कि:
ऽ ‘‘क्या इन अध्यादेशों के लोकसभा में पेश होने तक आप दोनों में से किसी ने एक बार भी इनको किसान विरोधी ऑर्डीनैंस करार दिया?’’
ऽ ‘‘क्या किसी भी हितधारक के सलाह मशवरे के बिना इन अध्यादेशों को जारी करते समय हरसिमरत बादल केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा नहीं थी जबकि अब हरसिमरत ने इस कारण को भी अपने इस्तीफे का आधार बना लिया कि केंद्र ने इन हितधारकों के साथ सलाह करने बारे उनकी माँग नहीं मानी?’’
ऽ ‘‘क्या हरसिमरत बादल ने इस्तीफा देने तक एक बार भी किसानों को यह बताया कि वह उनकी चिंताओं का हल करने के लिए केंद्र सरकार को मनाने की कोशिश कर रही है, जिसके बारे में अब उसके द्वारा दावा किया जा रहा है?’’
ऽ ‘‘हरसिमरत बादल यदि नये कानूनों का किसानों पर हानिकारक प्रभाव पडऩे बारे सचमुच ही फिक्रमन्द है तो वह इन चिंताओं को अपनी चिंताओं की बजाय किसानों की ही क्यों बता रही है? क्या इसका यह मतलब हुआ कि उसका अभी भी यह मानना है कि यह घातक कानून किसान समर्थकीय होंगे जबकि इसके उलट उसके द्वारा किसानों के सामने इसको गलत ढंग से पेश करने की कोशिश की जा रही है?’’
ऽ ‘‘शिरोमणि अकाली दल अब भी एन.डी.ए. का सहयोगी क्यों है जैसे कि हरसिमरत ने खुद माना है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के सामने उसके द्वारा रखी गई चिंताओं को सुलझाने में वह नाकाम रहे?’’
ऽ ‘‘क्या आप एक भी किसान समर्थकीय पहलकदमी का जिक्र कर सकते हो जो पिछले छह सालों में आपने केंद्र की भाजपा सरकार से लागू करवाई हो?’’
ऽ ‘‘क्या सुखबीर बादल ने मेरे द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे पर स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा था कि ऑर्डीनैंस किसान विरोधी नहीं हैं और बल्कि इनका किसानों को फायदा होगा?’’
ऽ ‘‘क्या आप दोनों में से कोई भी उच्च स्तरीय समिति की मीटिंगों में उपस्थित था जिस समिति पर आप मेरी सरकार के स्टैंड और जवाब बारे बेहूदा दावे कर रहे हो?’’
ऽ ‘‘आप और आपकी पार्टी ने कांग्रेस पार्टी के 2019 के लोकसभा के मैनीफैस्टो और 2017 के पंजाब कांग्रेस के मैनीफैस्टो में दर्ज कृषि से सम्बन्धित मुख्य हिस्सों को जानबूझकर और बुरी नीयत के साथ अनदेखा क्यों किया?’’
ऽ ‘‘क्या आप सचमुच यह मानते हो कि अपने झूठ को अक्सर दोहराने से आप उनको सच्चाई की तरह कह सकोगे और किसानों को मूर्ख बनाओगे जिनका जीवन पंजाब में आपके दस सालों के कुसाशन के द्वारा तबाही के मार्ग पर धकेलने के लिए आपकी पार्टी सीधे तौर पर जिम्मेदार है?’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको पूरा यकीन है कि अकाली दल और बादल इन सवालों जो उनके द्वारा किये पापों का सिर्फ एक मात्र भाग है, का कोई भी तर्कपूर्ण जवाब नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग खासकर किसान इनको कभी भी माफ नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री ने बादलों को कहा कि क्या इन अध्यादेशों को आप तब तक ढीठता के साथ समर्थन नहीं देते रहे जब तक आपको अपने किसानी वोट बैंक छिन जाने के डर से राजनैतिक मजबूरी में पैर पीछे खींच लेने का फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह ऑर्डीनैंस उच्च स्तरीय मीटिंगों में न तो विचारे गए और न ही इनका जिक्र किया गया जिनके बारे में या तो गठबंधन के सहयोगियों को जानबूझ कर अंधेरे में रखा गया और या आपने अपने संकुचित राजनैतिक हितों के लिए इसको अनदेखा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब सरकार ऐसी बात पर कैसे सहमत हो सकती है जो कभी चर्चा के लिए आई ही नहीं। उन्होंने कहा कि अकाली दल के उलट कांग्रेस पार्टी का इन अध्यादेशों के विरुद्ध निरंतर स्पष्ट स्टैंड रहा है जबकि केंद्र सरकार ने महामारी के दौर में छिपकर इनको लागू कर दिया और इसके बाद बहुमत की धौंस के साथ लोकसभा के द्वारा थोप दिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि बादलों को इन मुद्दों पर झूठ बोलना बंद करना चाहिए और इसकी बजाय गठजोड़ की अपेक्षा नाता तोडक़र एन.डी.ए. के खिलाफ लड़ाई लडऩी चाहिए। उन्होंने कहा कि अकालियों द्वारा किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के दावे खोखले और झूठे हैं क्योंकि वह अभी भी इस मसले पर झूठ-दर-झूठ बोल रहे हैं और किसान विरोधी केंद्र सरकार के साथ भी रिश्ता जोड़ा हुआ है।
-NAV GILL

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