आपकी यह एक गलती बन सकती है पेट के रोगों का कारण

धर्मेन्द्र संधू

आजकल की सुपर फास्ट लाइफ में फूड प्वाइजनिंग एक आम समस्या है। वैसे तो यह समस्या किसी भी सीजन में हो सकती है। लेकिन गर्मी और बरसात में इसके होने की संभावना बहुत अधिक होती है। ऐसे मौसम में बैक्टीरियल संक्रमण ज्यादा होता है। खातेपीते समय साफसफाई का ध्यान ना रखने के कारण यह बैक्टीरिया खाने के साथ शरीर के अंदर जाकर फूड प्वाइजनिंग को जन्म देते हैं।

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फूड प्वाइजनिंग के कारण

फूड प्वाइजनिंग मुख्य तौर पर बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। जंक फूड, स्ट्रीट फूड और ज्यादा तले हुए मसालेदार पदार्थ  इसकी मुख्य वजह बन सकते हैं। वैसे तो यह एक आम समस्या है लेकिन ज्यादा लापरवाही लीवर संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है।

क्या हैं लक्षण ?

दूषित भोजन करने के कुछ घंटों के बाद फूड प्वाइजनिंग के लक्षण सामने आने लगते हैं। उल्टी आना, दस्त आना, पेट में मरोड़ पड़ना और तेज बुखार इसके लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई एक लक्षण या दोतीन लक्षण भी एक साथ दिखाई दे सकते हैं।

घरेलू इलाज

फूड प्वाइजनिंग एक आम समस्या है। कुछ घरेलू इलाज अपनाकर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। फूड प्वाइजनिंग होने पर कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जैसे कि डिहाइड्रेशन बिल्कुल होने दें। हो सके तो पानी को उबालकर ठंडा करने के बाद पीएं। इससे पेट के इंफेक्शन को खत्म करने में मदद मिलती है। फलों के रस या नारियल के पानी को भी उपयोग में लाया जा सकता है। इनमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो फूड प्वाइजनिंग से उत्पन्न थकान को दूर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा आप इन घरेलू चीजों का सेवन कर इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

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सेब का सेवन

आप फलों में सेब का सेवन कर सकते हैं। यह घरों में आसानी से मिल जाता है। इसे काट कर इस पर काला नमक लगाकर खाने से उल्टी की समस्या में राहत मिलती है। इसके अलावा एप्पल साइडर विनेगर भी पेट की समस्या में मददगार बनता है। एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच एप्पल साइडर विनेगर डालकर पीने से राहत मिलती है।

नींबू पानी

नींबू पानी एक तरफ तो डिहाइड्रेशन से बचाता है तो दूसरी तरफ इसमें एंटी बैक्टीरियल एंटी इंफलेमेटरी और एंटीवायरल गुण भी होते हैं जो फूड प्वाइजनिंग में बेहतर रिजल्ट देते हैं।

शहद

फूड प्वाइजनिंग में शरीर के अंदर एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिसे कम करने के लिए शहद लाभदायक होता है। फूड प्वाइजनिंग के दौरान दिन में दो से तीन चम्मच शहद खाना चाहिए।

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मेथी दाना

थोड़े से मेथी के दाने मुंह में डालकर चबा लें इससे कुछ समय के बाद दही का सेवन करें। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो फूड प्वाइजनिंग को खत्म करने में मदद करते हैं।

जीरा

एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा डालकर अच्छी तरह उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर ठंडा कर लें। इसे पीने से पेट की इस समस्या से निजात मिलती है।

इसके अलावा तुलसी की पत्तियों में शहर लगाकर सेवन करना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि कच्ची सब्जियों को पकाने से पहले काटकर गर्म पानी में अच्छी तरह से धोएं। इन्हें पूरी तरह से पकाने के बाद ही भोजन में लेना चाहिए। बाहर से आने वाले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर या हो सके तो गर्म पानी में धोकर ही प्रयोग में लाएं। खाने से पहले हाथ और बर्तन अच्छी तरह से धो लें। बासी खाना खाने से बचें। ऐसा करने से आप बैक्टीरियल इंफेक्शन और फूड प्वाइजनिंग से बच सकते हैं।

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