चंडीगढ़, 3 मई:
पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए बड़ी उम्र वालों / बुज़ुर्गों की विशेष देखभाल के लिए एडवाइजऱी जारी की है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी एक पत्र में 60 साल से अधिक उम्र के बुज़ुर्ग नागरिकों और अन्य उनकी देखभाल करने वालों को कुछ दिशा-निर्देशों की पालना करने की सलाह दी गई है, जिससे कोविड-19 के फैलने को रोका जा सके।
60 साल या इससे अधिक उम्र के बुज़ुर्ग नागरिक अपनी कम रोग प्रतिरोधक क्षमता और पुरानी बीमारियों के शिकार होने के कारण विशेष तौर पर कोविड -19 के लिए संवेदनशील हैं। बुज़ुर्गों में कोविड -19 बीमारी का प्रभाव बहुत गंभीर होता है, इसी कारण नौजवानों के मुकाबले बुज़ुर्गों की मौत अधिक होती है। यह सभी नागरिक जो 60 साल या इससे अधिक उम्र के हैं और एक या एक से अधिक पुरानी बीमारियों जैसे कि दमा, क्रोनिक ऑबस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ (सीओपीडी), ब्रौनकैकटीसिस, पोस्ट टयूबरक्युलस सीक्युएले, आंत फेफड़ा की बीमारी, दिल से सम्बन्धित बीमारी, गुरदे की बीमारी, दीर्घ जिगर की बीमारी, जैसे कि अल्कोहल और वायरल हैपेटाईट्स, दीर्घ न्यूरोलॉजीकल हालत जैसे कि पारकिनसन रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, हाईपरटैंशन /हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर आदि से पीडि़त हैं, उनके लिए कोरोनावायरस ज़्यादा ख़तरनाक साबित हो सकता है।
एडवाइजऱी के मुताबिक सभी वरिष्ठ नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वह हर समय घर के अंदर रहें, घर में किसी के साथ भी मुलाकात करने से परहेज़ करें, अगर मिलना ज़्यादा ज़रूरी हो तो बैठने की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि हरेक व्यक्ति के बीच कम से कम 1 मीटर की दूरी बनी रहे, एक दूसरे को मिलते समय हाथ मिलाने / आलिंगन में लेने से परहेज़ करना चाहिए। अगर एक बुज़ुर्ग नागरिक अकेला रह रहा है, तो वह घर की ज़रूरी चीजें प्राप्त करने के लिए अपने सेहतमंद पड़ोसियों पर निर्भर रहने का विचार कर सकता है। नियमित तौर पर खाने पीने से पहले और बाद हाथों को धोएं और अन्य वाशरूम का प्रयोग करने के बाद हमेशा सफ़ाई करो। हाथ की हथेली और हाथ के पिछले तरफ़, उंगलियाँ और अंगूठो के बीच की जगह और कलाई को कम से कम 40 सेकिंड के लिए साबुन के साथ धोएं। इसके साथ ही हर दो घंटे बाद हाथ धोने की सिफारिश भी की गई है। हाथ धोने के लिए अल्कोहल वाला सैनीटाईजऱ (कम से कम 70 प्रतिशत इथाइल अल्कोहल वाला) का प्रयोग किया जा सकता है। चाहे हाथ साफ़ दिखाई दे रहे हों परन्तु कम से कम 3 एमएल सैनीटाईजऱ (लगभग 2 बार दबाकर निकालो) सूखे हाथों पर लगाएं और कम से कम 30 सेकिंड तक मलकर हाथ धोते जाएँ। ध्यान में रखो कि छूने वाली चीजें जैसे कि ऐनकों, दाँत, दवाओं के बक्से, बर्तन आदि को प्रयोग से पहले और बाद अच्छी तरह साफ़ करना चाहिए।
खाँसी / छींक आने की स्थिति में बुज़ुर्ग / देखभाल करने वाले को अपने मुँह को ढक़ने के लिए रुमाल का प्रयोग करना चाहिए जिसको फिर अपनी जेब / पर्स में इस तरीके से रखा जाना चाहिए कि रुमाल की सतह किसी अन्य के संपर्क में न आए। अगर किसी व्यक्ति के पास रुमाल नहीं है तो उसको खाँसने के लिए मुँह झुका कर कोहनी में छींकना चाहिए। किसी भी स्थिति में, व्यक्ति को खाँसी / छींक के बाद अपने हाथ और अन्य भागों को निर्धारित ढंग के मुताबिक साबुन से धोना चाहिए। बुज़ुर्गों को हर समय अपने हाथों के साथ चेहरे, मुँह, नाक और आँखें को छूने से गुरेज़ करना चाहिए। बुज़ुर्गों को टॉयलट के वाशबेसन के अलावा और कहीं थूकना नहीं चाहिए।
बुज़ुर्गों के लिए ख़ास सलाह: सभी छोटे और बड़े भीड़ों-सामाजिक, धार्मिक आदि स्थानों पर जाने से हर हाल में बचो। घर के अंदर ही रहो, घर में हलके अभ्यास और योगा करने पर विचार कर सकते हो, घर पकाए ताज़े गर्म खाने द्वारा सही पोषण को यकीनी बना सकते हो, डीहाईड्रेशन को रोकने के लिए बार बार पानी पिया जाये, (किडनी / जिगर की बीमारी से पीडि़त) लोगों को सावधानी और ताज़े जूस के सेवन में विस्तार करना चाहिए। बुज़ुर्ग नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वह डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार अपनी, दवाएँ लें, ऐसी सभी निर्धारित दवाओं का अपेक्षित स्टॉक हर समय आसानी से उपलब्ध रखें, अपनी सेहत की ख़ुद निगरानी करें। यदि उनको बुख़ार, खाँसी और / या साँस लेने में तकलीफ़ या सेहत सम्बन्धी कोई अन्य समस्या आती है, तो उनको नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र के साथ संपर्क करना चाहिए और डॉक्टरी सलाह की ध्यान से पालना की जानी चाहिए। परिवार, दोस्तों आदि द्वारा दवा या उपाय द्वारा निर्धारित किसी स्व-निर्धारित / तजवीज़ से परहेज़ करो और हमेशा नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र की सलाह लेनी चाहिए। रुटीन की जांच के लिए किसी भी मैडीकल दफ़्तर / अस्पताल जाने से गुरेज़ करो। जहाँ तक संभव हो सके डॉक्टरी पूछताछ के लिए टेली- कन्सलटेशन का प्रयोग करो। पंजाब सरकार की टेली-काउंसलिंग हेल्पलाइन नं: 1800-180-4104 है। बुज़ुर्ग अपनी चुनिन्दा सर्जरियां (अगर कोई है) जैसे मोतिया की सजऱ्री या घुटनों की सजऱ्री आदि मुलतवी करने संबंधी विचार कर सकते हैं। अगर ज़्यादा ज़रूरत हो तो पारिवारिक सदस्यों की मदद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या अन्य इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा डॉक्टर के साथ संपर्क किया जाये।
बुज़ुर्ग नागरिकों के लिए मानसिक तंदुरुस्ती संबंधी सलाह: बुज़ुर्ग नागरिकों को सामाजिक दूरी की पालना करते हुए लगातार घर में रिशतेदारें और पड़ोसियों के साथ बातचीत करनी चाहिए और लोगों के जमावड़े से परहेज़ किया जाये, एक शांतमई वातावरण प्रदान किया जाये, पुराने शोंक जैसे कि चित्रकारी, संगीत सुनना, पढऩा आदि, अकेलेपन या बोरियत से बचने के लिए जानकारी के सबसे भरोसेमन्द स्रोतों तक पहुँचना चाहिए। तम्बाकू, शराब और अन्य नशों से परहेज़ करना चाहिए। मानसिक स्थिति में तबदीली जैसे कि दिन के समय में बहुत ज़्यादा नींद आना, जवाब न देना, अनुचित बात करना और रिश्तेदार को पहचानने में असमर्थता आदि मामले सामने आने पर नज़दीकी डॉक्टरी सुविधा से संपर्क करो।
निर्भर बुज़ुर्ग नागरिकों की देखभाल करने वालों के लिए सलाह: देखभाल करने वालों को बुज़ुर्ग नागरिकों के साथ जुडऩे और हमदर्दी की भावना होनी चाहिए, चाहे बुज़ुर्ग नागरिक बुरे मूड / प्रतिरोधी मूड में है। देखभाल करने वाले व्यक्तियों को बुज़ुर्ग व्यक्ति की मदद करने से पहले निर्धारित ढंग के अनुसार अपने हाथ धोने चाहिएं। देखभाल करने वालों को बुज़ुर्ग नागरिक और हाजऱी भरते हुए कपड़े के मास्क का प्रयोग करके नाक और मुँह ढकने चाहिएं। मास्क को इस ढंग से पहना जाना चाहिए कि नाक के साथ-साथ मुँह भी ढका हुआ हो। प्रयोग के बाद कपड़े के मास्क को रोज़ साबुन और पानी के साथ धोना चाहिए। संभाल करने वालों को उन सतहों को साफ़ करना चाहिए जो अक्सर इस्तेमाल की जाती हैं। इनमें वॉकिंग केन, वॉकर, व्हील-चेयर, बैडपैन आदि शामिल हैं। देखभाल करने वालों को बुज़ुर्ग व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए और हाथ धोने में उसकी मदद करनी चाहिए। संभाल करने वालों को बुज़ुर्ग नागरिकों के लिए भोजन और पानी की सही मात्रा को यकीनी बनाना चाहिए। देखभाल करने वालों को बुज़ुर्गों की स्वास्थ्य की निगरानी करनी चाहिए। अगर बुख़ार / खाँसी / साँस लेने में तकलीफ़ आती है तो देखभाल करने वालों को बुज़ुर्ग के नज़दीक नहीं जाना चाहिए। बुज़ुर्ग व्यक्ति को ज़्यादा देर सोए रहने की बजाय घर के अंदर चलने या चलने के लिए उत्साहित करना चाहिए। अगर बुज़ुर्ग को शरीर में दर्द के साथ या बिना बुख़ार के लक्षण, निरंतर खाँसी, साँस की तकलीफ़, असाधारण या बुरी भूख, खाने-पीने में समस्या आदि हो तो तुंरत पास के स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क किया जाये।
वृद्ध आश्रमों के लिए अन्य सलाह (देखभाल करने वालों के लिए सलाह के अलावा): खाना / चाय पीते समय साथ-साथ हर समय निवासियों और स्टाफ में कम से कम 1 मीटर की दूरी को यकीनी बनाओ। किसी भी बाहर के भोजन की आज्ञा नहीं है। यह यकीनी बनाओ कि सभी निवासियों की दवा का उपयुक्त स्टॉक उपलब्ध हो और साथ ही घर के लिए ज़रूरी स्टॉक भी हो। यह सुनिश्चित करो कि डॉक्टर बुज़ुर्ग नागरिकों की बाकायदा जांच करता है। किसी गंभीर स्थिति में एक अलग क्षेत्र को आईसोलेशन वॉर्ड के तौर पर निश्चित करो।
वृद्ध आश्रमों को रोगाणु मुक्त करने सम्बन्धी:
अंदरूनी क्षेत्र: दफ़्तरी स्थानों और साझे कमरों समेत अंदरूनी क्षेत्रों को हर शरणार्थी या प्रात:काल जल्दी साफ़ करना चाहिए। अगर संपर्क में आने वाली सतह स्पष्ट तौर पर गंदी है, इसको रोगाणु मुक्त करने से पहले साबुन और पानी के साथ साफ़ करना चाहिए। सफ़ाई से पहले क्लीनर को डिस्पोज़ेबल रबड़ के बूट, दस्ताने और कपड़े का एक मास्क पहनना चाहिए।
कम सफ़ाई की ज़रूरत वाले क्षेत्रों से सफ़ाई शुरू करो और अधिक सफ़ाई ज़रुरी सूखे इलाकों की तरफ बढ़ो। सभी अंदरूनी क्षेत्र जैसे कि प्रवेश द्वार, रास्ते और सीढिय़ाँ, ऐलीवेटरों, सुरक्षा गार्ड बूथों, दफ़्तर के कमरे, आम कमरे, कैफेटेरिया को मार्केट में उपलब्ध 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट या इसके बराबर के कीटाणूनाशक के साथ रोगाणु मुक्त करना चाहिए।
उच्च संपर्क वाली सतहों जैसे कि टेबल, कुर्सियों, एलिवेटर बटन, हैंडरेल / हैंडलज़ और कॉल बटन, उपकरण जैसे टैलिफ़ोन, प्रिंटर / स्कैनर और अन्य दफ़्तर की मशीनें 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट में भीगे हुए कपड़े / सोखने योग्य कपड़े के साथ रोज़ाना दो बार साफ़ किया जाये। टेबल टॉप्स, कुर्सी के हैंडल्ज़, पैनज़, डायरी फाइलें, कीबोर्डज़, माऊस, माऊस पैड, चाय / काफ़ी डिस्पैंसिंग मशीनें आदि को अक्सर छूने वाले क्षेत्र को विशेष तौर पर साफ़ करना चाहिए। धातू वाली सतहों जैसे कि दरवाज़े के हैंडल्ज़, सुरक्षा ताला, कुंजी आदि के लिए 70 प्रतिशत अल्कोहल का प्रयोग सतह को किटाणु मुक्त करने के लिए किया जा सकता है, जहाँ ब्लीच का प्रयोग कहीं नहीं है।
एक आम कमरे में, अगर कोई खाँस रहा है, बिना मास्क के नाक या मास्क का पालन किये बिना, उसके आस-पास के क्षेत्रों को खाली करना चाहिए और 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट के साथ साफ़ करना चाहिए। सफ़ाई प्रक्रिया के अंत में सफ़ाई में इस्तेमाल किए गए उपकरणों को सावधानी से साफ़ करो। स्वच्छता प्रक्रिया के दौरान इस्तेमाल किए गए सुरक्षा यंत्रों को ज़रूरतों के अनुसार बदल देना चाहिए।
बाहरी क्षेत्र: बाहरी क्षेत्रों में हवा और धूप के संपर्क के कारण अंदरूनी क्षेत्रों के मुकाबले जोखि़म कम होता है। पहले बताए गए मुताबिक सफ़ाई और कीटाणू-मुक्त करने के यत्नों को अक्सर छूने / दूषित सतहों को निशाना बनाया जाना चाहिए।
टॉयलट: सैनेटरी कर्मचारियों को शोचालयों के लिए सफ़ाई उपकरणों का अलग सैट (मोप्स, नाईलोन सक्रबर) और सिंक और कमोड के लिए अलग सैट का प्रयोग करना चाहिए। टॉयलट की सफ़ाई करते समय उनको हमेशा डिस्पोज़ेबल सुरक्षित दस्ताने पहनने चाहिएं। टॉयलट के सभी क्षेत्र जैसे कि सिंक, कमोड, टोंटियों आदि को साबुन और पानी के प्रयोग के साथ अच्छी तरह साफ़ / रगड़ कर साफ करना चाहिए और फिर 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट घोल या इसके बराबर के कीटाणू नाशक के साथ साफ़ किया जाये।
पेंट्री को दूसरे दफ़्तरी स्थानों की तरह साफ़ करना चाहिए। स्लैबें और डिब्बों को साफ़ करते समय ख़ास ध्यान रखने की ज़रूरत है। साबुन / डिटर्जेंट और पानी के साथ बर्तन डिश वॉश बार / तरल और पानी के साथ अच्छी तरह साफ़ किये जाने चाहिएं। बर्तनों को निवासियों / स्टाफ के दरमियान साझा नहीं किया जाना चाहिए। कच्चे फलों / सब्जियों के सेवन से पहले गुनगुने पानी के साथ धोना चाहिए। इसी तरह दूध के पैकेट बरतने के लिए खोलने से पहले साबुन और पानी के साथ धोने चाहिएं।
अगर एक बुज़ुर्ग / देखभाल करने वाले का संपर्क कोविड -19 संक्रमित किसी व्यक्ति के साथ हुआ हो तो घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। इस सम्बन्धी हेल्पलाइन नंबर: 104 / स्टेट कंट्रोल रूम नंबर: 01722920074 /08872090029 को रिपोर्ट करनी चाहिए, जिससे अन्य ज़रूरी कार्यवाही करने के लिए डॉक्टरी सुविधा की सहायता ली जा सके।
यह एडवाइजऱी सभी नागरिकों को सही ख़ुराक लेने, हर समय सही जानकारी के साथ अपडेट रहने, अफ़वाहों से बचने और खाली समय के दौरान मनोरंजक और लाभकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उत्साहित करती है।
बुज़ुर्गों को कोवीड -19 संबंधी सही, समय पर और प्रामाणिक जानकारी के लिए पंजाब सरकार द्वारा विकसित ‘‘कोवा एप’’ डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। बुज़ुर्गों को यह भी सलाह दी जाती है कि किसी भी एमरजैंसी की स्थिति में वह सरकार / रिश्तेदारों के हेल्पलाइन नंबर का तुरंत प्रयोग करें।