– नकली दूध व घटिया किस्म के दुध उत्पादों से परहेज करने की दी सलाह
– मिशन तंदरुस्त पंजाब की कामयाबी के लिए लोगों को किया गया प्रेरित
– फूड सेफ्टी एक्ट को सख्ती से लागू करवाए जाने के लिए किया सावधान
– भोजन की गुणवत्ता को जांचने के लिए जल्द ही लगाई जाएंगी स्पैशल मशीनें
चंडीगढ़, 4 जुलाई: पंजाब के लोगों को शुद्ध दूध व अच्च्छे दर्जे का दूध मुहैया करवाने के सकारात्मक प्रयास की कोशिश करते हुए तंदरुस्त पंजाब मिशन के डायरेक्टर श्री के. एस पन्नू के नेतृत्व में एक विशेष बैठक मिठाई विक्रेताओं, डेयरी डेवलेपमेंट विभाग के अधिकारियों व प्रगतिशील किसानों के साथ हुई। यह अपनी किस्म की एक खास बैठक थी जिसमें फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन श्री वरुण रुजम भी विशेष तौर पर उपस्थित हुए।
शुरुआती दौर में दोस्ताना विचार विमर्श के अलावा प्रदेश में नकली व हल्के स्तर के दूध व दूध उत्पादों की समस्याओं से निपटने के लिए सुझाव मांगे गए ताकि सही तरीके से उपाय अपनाकर पंजाब को नकली व खराब दूध से निजात मिल सके।
इस दौरान हलवाई एसोसिएशनों व मिठाई विक्रेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य विभाग को सख्त व दंडमयी माहौल बनाने के स्थान पर सही दिशा देने वाले प्रयास व जागरुकता प्रदान करने वाले तरीके अपनाने की जरुरत है ताकि फूड सेफ्टी एक्ट को प्रदेश में अच्छे तरीके से लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोई भी दुकानदार या हलवाई लंबे समय से बनाए अपने नाम को किसी कीमत पर गंवाना नहीं चाहता और सैंपलों का फेल हो जाना सिर्फ जागरुकता की कमी का परिणाम है।
उनके अनुरोध को तुरंत स्वीकार करने हुए श्री पन्नू ने आश्वासन दिया कि स्थानीय भाषा में प्रासंगिक साहित्य प्रसारित किया जाएगा। उन्होंने तंदरुस्त पंजाब मिशन के समर्थन के लिए उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पिछले एक माह से वे राज्य में दूध और दूध उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और देखने में आया कि पड़ोसी क्षेत्रों से पंजाब में बहुत अधिक मात्रा में नकली खोया और पनीर आ रहा है। उन्होंने कहा कि नकली दूध उत्पादों के आपूर्तिक करने वालों के साथ-साथ राज्य में खरीदारों को भी बक्शा नहीं जाएगा। इसलिए इस बैठक का मुख्य उद्देश्य हलवाईयों व मिठाई विक्रेताओं को जागरुक करना है कि वे ऐसी वस्तुओं की खरीद से दूर रहें।
उन्होंने बताया तंदरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत जल्द ही जिलों के विभिन्न स्थानों पर दूध टेस्ट करने वाली मशीने लगाई जाएंगी जहां उपभोक्ताओं दूध की गुणवत्ता व दूध के सैंपल को स्वंय चैक कर सकेगा। उन्होंने सभी मिठाई विक्रेताओं को सलाह दी की वे दुकान पर उनके दूध और खोया सप्लाई करने वाले का नाम और संपर्क विवरण दिखाएं ताकि वे खराब दर्जे के उत्पादों का उपयोग करने के आरोपों से बच सकें।
खाद्य एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन श्री वरुण रुजम ने यह स्पष्ट कर दिया कि निकट भविष्य में मिठाई और दूध उत्पादों की गुणवत्ता की निगरानी के लिए अधिक चेकिंग की जाएगी। उचित पंजीकरण और लाइसेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए सभी उपस्थित लोगों का गाइड रकरते हुए उन्होंने कहा कि लगभग पचास प्रतिशत हलवाइयों और मिठाई विक्रेताओं ने ही पंजीकरण करवाया है। पंजीकरण न करवाने वाले विभाग को खुद कार्रवाई करने के लिए आमंत्रित कर रहे है। उन्होंने सलाह दी की सभी अपनी दुकानों पर अपना पंजीकरण नंबर लगाएं।
उन्होंने सही खाद्य पद्धति को अपनाने पर साफ सुथरे ढंग से खाना बनाने व परोसने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि मुख्यालय स्तर से सख्त निगरानी की जा रही है कि निरिक्षण टीम बेवजह किसी दुकानदार को परेशान न करे। सैंपल रिपोर्ट में भी हेरफेर की संभावना को कम करने के लिए निगरानी भी की जा रही है। खाद्य सुरक्षा के तहत आने वाले अभ्यास के बारे में जानकारी देते हुए श्री रूजम ने कहा कि भोजन की गुणवत्ता को जांचने के लिए जल्द ही लगाई स्पैशल मशीनें लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि या तो अज्ञानता के कारण या जानबूझ कर स्नैकस तलने के लिए एक ही तेल का कई बार उपयोग किया जाता है, यह बेहद हानिकारक है । इसलिए मशीन के माध्यम से तेल की क्वालिटी चैक की जाएगी। ये मशीनें मिनटों में मौके पर रिपोर्ट तैयार कर देती है और खराब किस्म के खाने की जांच के लिए यह मशीन वरदान साबित होंगी।