चंडीगढ़, 14 नवंबर:
पंजाब उच्च शिक्षा एवं भाषाएं मंत्री श्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के उप कुलपति डॉ. राज कुमार को पत्र लिख कर बिना किसी देरी के सीनेट मतदान करवाने के लिए कहा है। बाजवा ने अपने पत्र में कहा है कि मतदान न करवाने से यूनिवर्सिटी प्रशासन यूनिवर्सिटी की सिनेट के वोटरों को वोट डालने के अधिकार से वंचित कर रहा है, जो न सिफऱ् लोकतांत्रिक सिद्धांतों के विपरित है, बल्कि मौजूदा कानूनों और नियमों के भी विरुद्ध है।
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श्री बाजवा ने कहा कि पंजाब सरकार को पेशेवरों, अध्यापकों, प्रिंसिपल आदि के भारी रोष से अवगत कराया गया है, जो यूनिवर्सिटी की सीनेट की मतदान के साथ सक्रियता से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि सिनेट की मतदान करवा कर इस रोष से आसानी से बचा जा सकता है।
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उच्च शिक्षा मंत्री ने पंजाब यूनिवर्सिटी के उप कुलपति को लिखे अपने पत्र में सिनेट के मतदान करवाने बिना किसी देरी के करवाने और इन मतदान के लिए उचित प्रबंधों को यकीनी बनाने सम्बन्धी अपील की है। उन्होंने उप कुलपति को भरोसा दिया है कि पंजाब सरकार इन मतदान को करवाने के लिए हर अपेक्षित सहायता मुहैया करवाएगी। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा ‘नौ सिनेट’ वाली मौजूदा स्थिति को जारी रखने के हक में नहीं।
श्री बाजवा ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी की सिनेट की समय सीमा 31 अगस्त, 2020 को ख़त्म हो चुकी है और यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार सिनेट के लिए हर चार सालों बाद नियमित तौर पर मतदान करवाना लाजि़मी है। पिछले छह दशकों के दौरान यह मतदान अगस्त-सितम्बर में हर चार सालों बाद नियमित तौर पर होती रही हैं। उन्होंने कहा कि इस बात की समझ नहीं आ रही कि सिनेट की समय सीमा ख़त्म होने के बावजूद भी सिनेट की मतदान इस साल क्यों नहीं करवाई गई। इसके अलावा यदि सिनेट का गठन नहीं किया जाता, तो यूनिवर्सिटी का सिंडिकेट भी नहीं बनाया जाएगा, क्योंकि इसका कार्यकाल 31 दिसंबर, 2020 को ख़त्म हो रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण सिनेट की मतदान न होने सम्बन्धी बहाने नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि पिछले कुछ महीनों के दौरान देश भर में संसद, राज्य विधान सभाओं और स्थानीय सरकार की विभिन्न चुने गई संस्थाओं के मतदान करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन कोविड-19 सम्बन्धी ज़रूरी सावधानियाँ बरतें और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासन को बिना किसी देरी के यह मतदान करवानी चाहीए हैं।
-Nav Gill