‘कौन कहता है कि नवजोत सिंह सिद्धू दरकिनार किए गए हैं?’’, मुख्यमंत्री ने कहा

पटियाला, 25 अक्टूबर:

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने रविवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि हाथरस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की ढीली कार्यवाही के उलट उनकी सरकार ने होशियारपुर जबरन बलात्कार और कत्ल मामले में तुरंत कार्यवाही की है। उन्होंने कहा कि चालान इसी हफ़्ते अदालत में पेश कर दिया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने यहाँ पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि पंजाब पुलिस द्वारा इस मामले में तत्काल तौर पर कार्यवाही करते हुए बिना किसी देरी से मुलजि़मों को गिरफ़्तार कर लिया गया, जबकि हाथरस मामले में ऐसा नहीं किया। उन्होंने आगे बताया कि यही कारण है कि राहुल गांधी को पीडि़त के परिवार को इंसाफ़ दिलाने के लिए हाथरस जाना पड़ा और होशियारपुर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ी।

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केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा चयनात्मक तौर पर गुस्से का इज़हार करने सम्बन्धी की गई टिप्पणी का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पंजाब सरकार या पुलिस होशियारपुर मामले में तेज़ी न दिखाती तो राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य उसी तरह प्रतिक्रिया देते जैसे कि उन्होंने हाथरस मामले में दी थी। उन्होंने यह भी बताया कि वह निर्मला सीतारमन के बयान के बारे में बीते कल ही टिप्पणी कर चुके हैं।

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मुख्यमंत्री ने इस बात से इनकार किया कि पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू दरकिनार किए गए हैं और एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘कौन कहता है कि नवजोत सिद्धू दरकिनार किए गए हैं?’’ प्रवर्तन विभाग (ई.डी.) द्वारा उनके पुत्र रणइन्दर सिंह को सम्मन भेजे जाने संबंधी सवाल के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है कि एजेंसी द्वारा उनके परिवार को सम्मन भेजे गए हैं।

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अकालियों द्वारा उन पर कृषि कानूनों संबंधी केंद्र सरकार के साथ सांठ-गाँठ करने के इल्ज़ामों संबंधी मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कोई जानता है कि कौन किसके साथ मिला हुआ है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘यह अकाली ही हैं जो कि भाजपा के साथ मिले हुए हैं जिन्होंने दबाव अधीन एन.डी.ए. का साथ छोड़ा, परन्तु अभी भी एकसाथ काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने आगे कहा कि हरसिमरत बादल किसान विरोधी अध्यादेश लाने में शामिल थीं और केंद्र सरकार द्वारा जब इनको केंद्रीय कैबिनेट में पास किया गया तब हरसिमरत कैबिनेट मंत्री के तौर पर उपस्थित थीं। उन्होंने और बताया, ‘‘अकालियों ने क्या किया? मेरी सरकार ने केंद्रीय कानूनों को रद्द करने के लिए विधान सभा में प्रस्ताव/बिल लाए।’’

यह सप्ष्ट करते हुए कि लड़ाई केंद्र सरकार के साथ है, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसानों को अपनी अपील दोहराते हुए कहा कि उनको पंजाब की जगह दिल्ली में धरने लगाने चाहिएं, क्योंकि पंजाब में धरनों के कारण आर्थिक गतिविधियों को नुकसान पहुँच रहा है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य के मंत्री किसान जत्थेबंदियों के साथ बातचीत कर रहे हैं जिससे इस समस्या से निपटा जा सके। उन्होंने इस तथ्य की तरफ इशारा किया कि राज्य के पास सिफऱ् एक दिन का कोयले का स्टॉक और सिफऱ् 10 प्रतिशत युरिया बचा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली खरीदने का विकल्प राज्य के पास नहीं है, क्योंकि राज्य के पास पैसा नहीं है।

अन्य राज्यों में कृषि कानूनों के बारे में संकल्पों की स्थिति संबंधी पूछे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में 11 राज्यों में ग़ैर-भाजपा की सरकारें हैं और 4 राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है। उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेस सरकारों द्वारा केंद्रीय कानूनों के खि़लाफ़ ऐसे ही प्रस्ताव लाए जाएंगे और उम्मीद है कि बाकी बचे भाजपा वाले राज्य जैसे कि पश्चिम बंगाल आदि द्वारा भी ऐसी ही कार्यवाही की जाएगी।

बीते वर्ष दशहरे के मौके पर हुए रेल हादसे संबंधी कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने तुरंत ही वित्तीय सहायता मुहैया करवा दी थी, परन्तु अब यह मामला रेलवे के पास है जो कि बाकी की सहायता इस हादसे के पीडि़तों और उनके परिवारों को पहुंचाएंगे।

पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के वित्तीय संकट संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने ग़ैर वाजिब ढंग से फ़ाल्तू भर्ती की थीं। उन्होंने भरोसा दिया कि राज्य सरकार इस समस्या का हल भी निकाल लेगी।

-Nav Gill

 

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