चंडीगढ़, 10 सितम्बर:
पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथॉरिटी (पी.एस.एल.एस.ए.) द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जज और पी.एस.एल.ए. के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस श्री राकेश कुमार जैन के मार्गदर्शन में ‘‘मध्यस्थता के संकल्प पर पऩ: विचार’’ विषय पर राज्य स्तरीय वैबीनार करवाया गया, जिसमें पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथॉरिटी द्वारा नियुक्त जि़ला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के समूह सचिवों और मध्यस्थता पर सुलह केन्द्रों के एडवोकेट मध्यस्थताओं ने भाग लिया।
वैबीनार के दौरान अथॉरिटी के मैंबर सचिव और जि़ला एवं सैशनज़ जज श्री अरुण गुप्ता ने समूह भागीदारों, मध्यस्थताओं और जि़ला कानूनी सेवाएं अथॉरिटियों के सचिवों को संबोधन करते हुए आम जनता के विवादों को मध्यस्थता के द्वारा निपटाने पर ज़ोर दिया।
अतिरिक्त जि़ला और सैशनज़ जज और फेकल्टी मैंबर, जुडिशियल एकैडमी चंडीगढ़ डॉ. गोपाल अरोड़ा ने मध्यस्थता प्रणाली को सुचारू ढंग से लागू करने के लिए कहा। मध्यस्थता की महत्ता बताते हुए उन्होंने मध्यस्थताओं से अपील की कि वह लोगों के विवादों का निपटारा मध्यस्थता के द्वारा करने के लिए हर संभव प्रयास करें। उन्होंने बताया कि लोगों को मध्यस्थता के द्वारा विवाद निपटाने के फ़ायदों से ज्य़ादा से ज्य़ादा अवगत करवाया जाए, जिससे आम लोगों के धन और समय की बचत हो सके।
अतिरिक्त जि़ला और सैशनज़ जज और अतिरिक्त मैंबर सचिव, पी.एस.एल.ए. डॉ. मनदीप मित्तल ने अपने संबोधन के दौरान और विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि राज्य भर में मध्यस्थता प्रणाली को और सुचारू बनाने के लिए अथॉरिटी द्वारा पंजाब राज्य मध्यस्थता नियम-2018 लागू किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब कानूनी सेवाएं अथॉरिटी जल्दी और कम ख़र्च के साथ न्याय दिलाने के लिए वचनबद्ध है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मध्यस्थता प्रणाली का अहम योगदान है।
-Nav Gill