9200 करोड़ रुपए की बाज़ार कीमत वाली 26,300 एकड़ कृषि योग्य शामलात ज़मीन की गई चिन्हित: कुलदीप सिंह धालीवाल

भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार की ऐतिहासिक पहल
 
इन ज़मीनों से नाजायज कब्ज़े हटाकर चकोते पर चढ़ाने के लिए पंचायतों को सौंपा जायेगा  
 
153 ब्लॉकों में से 86 ब्लॉकों के शामलात ज़मीन सम्बन्धी मौजूदा राजस्व विभाग के रिकॉर्ड को जाँचने- पड़तालने का काम मुकम्मल, बाकी काम एक साल के अंदर-अंदर मुकम्मल कर लिया जायेगा  
 
शामलात ज़मीनों पर नाजायज कब्जों सम्बन्धी शिकायत या सूचना देने के लिए वाट्सऐप नंबर 9115116262 जारी, सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जायेगी  
 
चंडीगढ़ : पंजाब सरकार द्वारा देश भर में एक बड़ी पहल करते हुए ऐसी पंचायती ज़मीनों की पहचान करने का इतिहास रचा है, जिनका पंचायतों को पता ही नहीं था। आज यहाँ पंजाब भवन में पत्रकार सम्मेलन के दौरान जानकारी साझी करते हुए राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के योग्य नेतृत्व अधीन ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा गाँवों की शामलात ज़मीनों से नाजायज कब्ज़े छुड़ाने और शामलात ज़मीनों की पहचान करने के लिए सरकार द्वारा बड़े स्तर पर मुहिम आरंभ की गई थी। उन्होंने बताया कि इस मुहिम को सुचारू ढंग से चलाने के लिए ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग द्वारा एक अलग शामलात सैल की स्थापना की गई है।
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कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि विभाग द्वारा शामलात ज़मीनों से संबंधित सभी राजस्व विभाग के रिकॉर्ड को पूरी गहराई से जाँचा-पड़ताला जा रहा है, जिस सम्बन्धी अब तक 153 ब्लॉकों में से 86 ब्लॉकों के शामलात ज़मीन सम्बन्धी मौजूदा राजस्व विभाग के रिकॉर्ड को जाँचने-पड़तालने का काम मुकम्मल हो चुका है। इस पड़ताल के दौरान विभाग ने 26300 एकड़ कृषि योग्य पंचायती ज़मीन की पहचान की गई है, जो पंचायतों के पास नहीं थी, जिसकी अंदाजऩ बाज़ार कीमत लगभग 9200 करोड़ रुपए है।
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ग्रामीण विकास मंत्री ने पहली सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि किसी भी पहली सरकार ने शामलात ज़मीनों की देखभाल को संजीदगी से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि परन्तु हमारी सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 26,300 एकड़ शामलात ज़मीन की पहचान की है, जो हमारी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।
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कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द ही बाकी बचे ब्लॉकों में शामलात ज़मीन की पहचान का काम मुकम्मल किया जाये, जिससे कि और हजारों एकड़ शामलात ज़मीन की पहचान की जा सके। जिस संबंधी विवरण 31 दिसंबर, 2022 से पहले साझे किये जाएंगे और उन्होंने साथ ही कहा कि ऐसी सभी ज़मीनों के कब्ज़े लेने का लक्ष्य दिसंबर 2023 तक मुकम्मल कर लिया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शामलात ज़मीनों के रिकॉर्ड को विभाग की वैबसाईट पर भी अपलोड किया जा रहा है।
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कुलदीप सिंह धालीवाल ने पंचायती ज़मीनों से नाजायज कब्ज़े छुड़ाने की मुहिम को आगे चलाते हुए एक वाट्सऐप नंबर जारी करते हुए पंजाब के समूह नागरिकों से अपील की है कि पंजाब निवासी शामलात ज़मीनों पर नाजायज कब्जे सम्बन्धी शिकायत या सूचना वाट्सऐप नंबर 9115116262 पर दें, जिससे विभाग की कारगुज़ारी में और भी सुधार किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जायेगी।
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ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि पिछले लगभग 7 महीनों के दौरान सरकार द्वारा शामलात ज़मीनों से नाजायज कब्ज़े छुड़वाने की मुहिम के पहले पड़ाव के दौरान कुल 9126 एकड़ ज़मीन का कब्ज़ा ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के द्वारा ग्राम पंचायतों से प्राप्त किया जा चुका है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अपील के उपरांत लोगों द्वारा प्रेरित होकर बड़ी संख्या में शामलात ज़मीनों से अपने तौर पर कब्ज़े छोड़ते हुए गाँवों की पंचायतों को लगभग 3435 एकड़ ज़मीन सौंपी गई है। वहीं ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग द्वारा 5691 एकड़ ज़मीन अपने स्तर पर प्रयास करें और कानूनी दख़ल के द्वारा हासिल की गई।
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कुलदीप सिंह धालीवाल ने ऐलान किया कि जो कोई पंचायती ज़मीनों से नाजायज कब्ज़े छुड़वाए गए हैं, उनको गाँवों के विकास के लिए कृषि योग्य ज़मीनों को चकोते पर चढ़ाया जायेगा, जहाँ ज़मीन कृषि योग्य नहीं होगी उन ज़मीनों का इस्तेमाल पर्यावरण को बचाने के लिए वृक्ष लगाए जाने के लिए किया जायेगा।

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