सिसवां को विश्व स्तर के पर्यटन केंद्र के तौर पर किया जायेगा विकसित: कैप्टन अमरिन्दर सिंह

चंडीगढ़/एस.ए.एस. नगर (मोहाली), 22 फरवरी:
सिसवां को एक प्रमुख और पसंदीदा इको टूरिज्म केंद्र के तौर पर बढ़ावा देने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज पंजाब सिविल सचिवालय, चण्डीगढ़ में अपने कार्यालय में ब्रोशर, पैंफलेट और फि़ल्म के टीजऱ समेत विभिन्न प्रचार और सूचना सामग्री जारी की। इस दौरान सिसवां कम्युनटी रिज़र्व का लोगो भी लाँच किया गया।

 

अब नहीं बढ़ने दूंगा B.P. (ब्लड प्रेशर) || Dr.Biswaroop Roy Chowdhury ||

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिसवां को विश्व स्तर के पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किया जायेगा। इस क्षेत्र की विशाल पर्यटन क्षमता को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में विभिन्न पहलकदमियां की गई हैं। मुख्य तौर पर नेचर इंटरप्रीटेशन सैंटर, थिमेटिक गेट्स और संकेतक चिह्न, फूड कोर्ट, वॉशरूम की सुविधा, नेचर ट्रेल, जंगल सफारी जैसी पर्यटन सहूलतें प्रदान की जाएंगी। संरक्षण के मुद्दों जैसे धब्बेदार हिरण, जंगली खऱगोश और अन्य प्रजातियों की जान-पहचान जो कभी इस क्षेत्र में प्रफुल्लित थे और समय बीतने के साथ-साथ इनकी संख्या में कमी आई है, पर ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैलानियों के अनुकूल बुनियादी ढांचे और सहूलतों पर प्रचार की गतिविधियों द्वारा यहाँ आने वाले सैलानियों की संख्या में विस्तार होगा जिससे रोजग़ार के मौके पैदा होने और आय की अलग अलग गतिविधियों के साथ स्थानीय लोगों को लाभ पहुँचेगा।
उन्होंने पंजाब बर्ड फेस्टिवल के सफल आयोजन की सराहना भी की जिसको देश के अलग -अलग हिस्सों से भी भरपूर प्रतिक्रिया मिली है और ‘रैटरोस्पैक्ट’ नामक मेले से सम्बन्धित कार्यवाही भी जारी की गई।
जि़क्रयोग्य है कि शिवालिक, सिसवां अधीन क्षेत्रों में घने जंगल, शुद्ध पानी और भरपूर हरियाली मौजूद है जो इसको कुदरत प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनाती है। इस क्षेत्र का एक समृद्ध इतिहास है और जैविक रिकार्ड यहाँ सोनेनियन सभ्यता की मौजूदगी की गवाही देते हैं। यह क्षेत्र भारत को मध्य एशियाई देशों और पूर्वी यूरोप के साथ जोडऩे वाले पुराने व्यापारिक मार्ग का हिस्सा रहा है।
इस मौके पर सीनियर सरकारी अधिकारियों समेत अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) रवनीत कौर, पी.सी.सी.एफ (एचओएफएफ) श्री. जितेंद्र शर्मा, चीफ़ वाइल्ड लाईफ़ वार्डन श्री आर.के. मिश्रा, आईएफएस सीसीएफ (वन्य जीव) बसंत राज कुमार और डी.एफ.ओ (वन्य जीव) रोपड़ डॉ. मोनिका यादव मौजूद थे।
-NAV GILL

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