संगरूर में प्याज़ के लिए अपनी किस्म का पहला सैंटर ऑफ एक्सीलेंस किया जाएगा स्थापित

यह कदम प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ किसानों की आमदन बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार का एक और प्रयास

यह पंजाब में इंडो-डच्च समझौते के साथ स्थापित होने वाला तीसरा सैंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा: बाग़बानी मंत्री

चंडीगढ़: किसानों को पारंपरिक फ़सलों का विकल्प मुहैया करवाने की एक और पहल के रूप में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा संगरूर जिले के गाँव खेड़ी में प्याज़ के लिए अत्याधुनिक सैंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए आज यहाँ बाग़बानी मंत्री फौजा सिंह सबको बताया कि पंजाब में इंडो-डच्च समझौते से स्थापित किया जाने वाला यह तीसरा सैंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा।

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कैबिनेट मंत्री नीदरलैंड के पीयूएम माहिर श्री तारट हाफमैनपम और बाग़बानी विभाग, पंजाब के डायरैक्टर शैलेंदर कौर के साथ मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे। मीटिंग में संयुक्त डायरैक्टर बाग़बानी डॉ. दिनेश कुमार भी उपस्थित थे।
बाग़बानी मंत्री फौजा सिंह ने कहा कि इस सैंटर का उद्देश्य न केवल पंजाब के किसानों को प्याज़ की कृषि में नवीनतम तकनीकें और वैज्ञानिक खोजों से अवगत करवाना है बल्कि दो-फ़सलीय प्रणाली, जिसके नतीजे के तौर पर पानी का स्तर घटता जा रहा है, के पारंपरिक चक्र से भी बाहर निकालना है।

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण को बचाने के लिए लगातार प्रयास जारी रखने के साथ-साथ नई फ़सलों और नवीनतम तकनीकों के द्वारा किसानों की आमदन में वृद्धि करने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। अधिक जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि यह सैंटर डच्च तकनीक का प्रयोग करके प्याज़ के उत्पादन को 22 टन से बढ़ाकर 40 टन प्रति हेक्टेयर करने और डच्च की नवीनतम स्टोरेज तकनीक का प्रयोग करके कटाई के बाद के नुकसान को 30 फ़ीसदी तक घटाएगा।

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उन्होंने बताया कि यह सैंटर 10 करोड़ रुपए की लागत के साथ बाग़बानी विकास मिशन के अंतर्गत स्थापित किया जाएगा। इस सैंटर में प्याज़ की नर्सरी के लिए उद्यम बनाए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस सैंटर का लाभ गाँवों में दिया जाएगा। बाग़बानी मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में पंजाब द्वारा प्याज़ की 25 प्रतिशत ज़रूरत को पूरा किया जा रहा है और इस सैंटर की स्थापना होने से 3 सालों में प्याज़ की कृषि अधीन क्षेत्रफल बढक़र 60000 एकड़ हो जाएगा। मौजूदा समय में 25000 एकड़ क्षेत्रफल में प्याज़ की कृषि की जा रही है।

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जि़क्रयोग्य है कि पंजाब के दो इंडो-डच्च केन्द्रों में धोग्री, जालंधर में स्थापित आलू के लिए सैंटर ऑफ एक्सीलेंस शामिल है, जिसमें आलू के बीज के बहुत ही शुद्ध रूप का उत्पादन किया जा रहा है। जबकि दोराहा, लुधियाना में फूलों की कृषि सम्बन्धी एक और सैंटर स्थापित किया जा रहा है, जो बीज उत्पादन तकनीक को प्रोत्साहित करेगा। इसके अलावा पंजाब में दो इंडो-इजऱाइल सैंटर ऑफ एक्सीलेंस भी हैं, जिनमें जालंधर के करतारपुर में सब्जियाँ और होशियारपुर के खनौरा में फलों (खट्टे फल) सम्बन्धी सैंटर शामिल हैं।

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