शहीद भगत सिंह हरियाली लहर: पंजाब सरकार 10 फीसदी वन क्षेत्र को फलों के बाग़ों में करेगी तबदील

बाग़बानी मंत्री द्वारा कब्ज़ा रहित ज़मीनों पर वृक्ष लगाने के निर्देश
चंडीगढ़: पंजाब सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा शुरू की गई शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह हरियाली लहर के अंतर्गत 10 प्रतिशत वन क्षेत्र को फलों के बाग़ों में तबदील किया जाएगा। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए बाग़बानी मंत्री फौजा सिंह सरारी ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई कब्ज़ा विरोधी मुहिम के अंतर्गत कब्ज़े से मुक्त करवाई जा रही सरकारी ज़मीनों पर अधिक से अधिक पौधे लगाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘फलदार वृक्ष लगाने से न केवल राज्य में हरियाली बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि यह राज्य में मधु- मक्खी के लिए वनस्पती क्षेत्र को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों के लिए पोषण सुरक्षा भी सुनिश्चित बनाएगा।’’ बाग़बानी मंत्री फौजा सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में मधु-मक्खी पालकों को मधु-मक्खी के लिए वनस्पती की खोज में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान जैसे अन्य राज्यों की ओर देखना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि एक बार जब हम राज्य भर में मधु-मक्खियों के लिए उपयुक्त वनस्पती क्षेत्र तैयार कर लेंगे तो मधु-मक्खी पालकों को इस सम्बन्धी अपने शहर से भी बाहर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि इस समय राज्य में मधु- मक्खियों की चार लाख से अधिक कॉलोनियाँ हैं। उन्होंने कहा कि जहाँ एक तरफ़ आम, बेर, शहतूत, आँवला, करौंदा, बेल, ढेऊ और जामुन जैसे वृक्ष पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित बनाएंगे, वहीं जकरंदा, अमलतास, कढ़ी पत्ता, सीरिस, शीशम, लैगरस्ट्रोमिया, नीम, अर्जुन, कैसीया और सोहंजना समेत अन्य किस्मों के पेड़ लगाए जाएंगे, जो मधु-मक्खियों के लिए वनस्पती क्षेत्र को बढ़ाने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि यह पौधे भूजल को रिचार्ज करने के साथ-साथ विविधीकरण लाने में भी मदद करेंगे।
मंत्री ने बाग़बानी, वन, ड्रेनेज़, नहरों और पंचायती राज समेत अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को इस समग्र मॉडल को हकीकत में बदलने के लिए मिलकर काम करने के निर्देश दिए। इस दौरान डायरैक्टर बाग़बानी शैलेंद्र कौर, मुख्य वन संरक्षक एन.एस. रंधावा, चीफ़ इंजीनियर ड्रेनेज़ दविन्दर सिंह और चीफ़ इंजीनियर नहरें आई.डी. गोयल उपस्थित थे।

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