विशेष सत्र के दौरान पंजाब विधानसभा द्वारा सात अहम बिल पास

चंडीगढ़, 21 अक्तूबर –
पंजाब विधानसभा ने आज स्पीकर राणा के.पी. सिंह की अध्यक्षता में बुलाए गए विशेष सदन के अंतिम दिन सात महत्वपूर्ण बिल पास किये। विधानसभा सैशन में ‘पंजाब भोंडेदार, बूटेमार, डोहलीदार, इनसार मियादी, मुकररीदार, मुंढीमार, पनाही कदीम, सौंजीदार या ताराददकर (मालिकाना अधिकारी देना) बिल, 2020’, ‘पंजाब स्टेट विजीलैंस कमीशन बिल, 2020’, ‘रजिस्ट्रेशन (पंजाब अमेंडमेंट) बिल 2020’, ‘पंजाब टिशू कल्चर बेस्ड सीड पोटैटो बिल, 2020’, ‘पंजाब लैंड रेवेन्यू (अमेंडमेंट) बिल, 2020’, दा पंजाब (वैलफेयर एंड सैटलमेंट ऑफ लैंडलेस, मार्जिनल एंड स्मॉल ऑक्यूपेंट फारमर्स) अलॉटमैंट आफ स्टेट गवर्नमैंट लैंड बिल 2020’ और ‘फैक्ट्रीज़ (पंजाब अमेंडमेंट) बिल, 2020’ पास किया गया।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब स्टेट विजीलैंस कमीशन बिल, 2020 पेश किया। बहु-सदस्यीय कमीशन की स्थापना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के कामों में और पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार को रोकना है। विजीलैंस ब्यूरो और राज्य सरकार के सभी विभागों के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए कमीशन को एक स्वतंत्र संस्था के तौर पर बनाया गया जिससे बेदाग़, निष्पक्ष और पारदर्शी प्रशासन मुहैया करवाया जा सके। यह कमीशन विजीलैंस ब्यूरो और राज्य सरकार के अन्य विभागों की कार्य प्रणाली की प्रभावशाली ढंग से निगरानी और नियंत्रण करेगा।
पंजाब स्टेट विजीलैंस कमीशन विजीलैंस ब्यूरो जांच किए गए मामलों की प्रगति और सरकार के अलग अलग विभागों में मंजूरी के लिए लम्बित पड़े मामलों की समीक्षा करेगा। विजीलैंस कमीशन सरकार के अलग अलग विभागों को सलाह देगा और विजीलैंस मामलों बारे और पड़ताल करेगा। इस कमीशन को विजीलैंस ब्यूरो को दी गई जि़म्मेदारी निभाने के लिए निर्देश देने का अधिकार भी दिया गया है। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार रोकथाम ऐक्ट और अन्य सम्बन्धित अपराधों के अंतर्गत लगाए गए दोषों के सम्बन्ध में पूछताछ करने या पड़ताल /जांच करने का अधिकार भी दिया गया है।
पंजाब भोंडेदार, बूटेमार, डोहलीदार, इनसार मियादी, मुकररीदार, मुंढीमार, पनाही कदीम, सौंजीदार (मालिकाना अधिकारी देना) बिल, 2020 पेश करते हुए राजस्व मंत्री स. गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य विशेष श्रेणियों को ज़मीन के मालिकाना हक देना है, जो राजस्व रिकार्ड में भोंडेदार, बूटेमार, डोहलीदार, इनसार मियादी, मुकररीदार, मुंढीमार, पनाही कदीम, सौंजीदार के तौर पर दर्ज हैं और 1 जनवरी, 2020 को कम-से-कम 20 सालों से काबिज़ होने का समय पूरा करते हों। यह कदम ऐसी ज़मीनों के काश्तकारों को मालिकाना अधिकार देने के लिए कृषि सुधारों का हिस्सा है जो ज़्यादातर समाज के आर्थिक और सामाजिक तौर पर कमज़ोर वर्गों से सम्बन्धित हैं। यह काश्तकार कई सालों से ज़मीन के छोटे हिस्सों पर काबिज़ हैं और पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपने अधिकारों के वारिस बनते हैं। उनके पास मालिकाना हक न होने के कारण वह न तो फ़सलीय कर्जों के लिए वित्तीय संस्थाओं तक पहुँच कर सके और न ही उनको प्राकृतिक आपदा की सूरत में मुआवज़ा मिलता है।
पंजाब (छोटे एवं सीमांत किसान कल्याण व निपटारा) अलॉटमैंट ऑफ स्टेट गवर्नमैंट लैंड बिल, 2020 को पेश करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि बिल का उद्देश्य 10 सालों से अधिक समय से काश्त कर रहे और काबिज़ छोटे और दर्मियाने किसानों को वाजिब और पहले से निर्धारित कीमत पर ज़मीन प्रदान करना है जिससे किसानों और राज्य सरकार दोनों के हितों की रक्षा को यकीनी बनाया जा सके। यह किसान पक्षीय कदम इस सम्बन्धी लम्बित पड़े मामलों का निपटारा करने में भी सहायक होगा।
पंजाब लैंड रेवेन्यू (अमेंडमेंट) बिल, 2020 को पेश करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य पंजाब लैंड रेवेन्यू ऐक्ट, 1887 की अलग अलग धाराओं में संशोधन करना है, जिसमें इस समय 158 धाराएं हैं (शड्यूल को छोडक़र) जिससे इस कानून को सरल और न्याय देने की प्रक्रिया में तेज़ी को यकीनी बनाया जा सके। इस ऐक्ट के मुताबिक अपील, समीक्षा, संशोधन और सम्मन की सेवा की विधि (चैप्टर 2) और विभाजन की विधि (चैप्टर 9) में संशोधन किए गए हैं। यह संशोधन रेवेन्यू कमीशन की सिफारशों के अनुसार थे।
इस दौरान वित्त मंत्री स. मनप्रीत सिंह बादल ने ‘पंजाब टिशू कल्चर आधारित आलू बीज बिल, 2020’ विधानसभा में पेश किया। बिल का उद्देश्य टिशू कल्चर आधारित प्रौद्यौगिकी के द्वारा मानक आलू बीज के उत्पादन को मंज़ूरी देकर किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस तकनीक में ऐरोपोनिक्स/ नैट हाऊस की सुविधा का प्रयोग करके आलू बीज और इसकी प्रमाणित और उन्नत किस्मों का प्रयोग करना शामिल है। मानक आलू बीज सम्बन्धी यह आलू उत्पादकों की लम्बे समय से चली आ रही माँग थी जिससे राज्य को देश में बीज आलू के निर्यात केंद्र के तौर पर विकसित किया जा सके। यह कदम आलू के उत्पादन को उत्साहित करने में सहायक सिद्ध होगा, जिससे और ज्यादा क्षेत्रफल को आलू की फ़सल की काश्त अधीन लाकर और ज्यादा विभिन्नता आयेगी।
फैक्ट्री (पंजाब अमेंडमेंट) बिल, 2020 पेश करते हुए श्रम मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि बिल राज्य के निवेश के माहौल को सुधारने और रोजग़ार पैदा करने पर आधारित है। बिल का उद्देश्य धारा 2एम (1), 2एम (2), 65 (4), 85 में संशोधन करना और फैक्ट्री ऐक्ट, 1948 में एक नयी धारा (106-बी) शामिल करना है। बिल छोटी इकाईयों की मौजूदा सीमा रेखा को क्रमवार 10 और 20 से बदलकर 20 और 40 करने की व्यवस्था करता है। यह बदलाव राज्य में छोटी इकाईयों के निर्माण गतिविधियों में वृद्धि के लिए आवश्यक था और इसका उद्देश्य छोटी निर्माण इकाईयों को उत्साहित करना है। यह कामगारों के लिए और ज्यादा रोजग़ार के मौके पैदा करने में सहायता करेगा।
रजिस्ट्रेशन (पंजाब अमेंडमेंट) बिल, 2020 को पेश करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि रजिस्ट्रेशन ऐक्ट, 1908 सेल डीड रजिस्टर करने से इन्कार करने के लिए राजस्व अधिकारियों को पूरी तरह समर्थ नहीं बनाता, जिसके लिए उनको अधिकृत किये जाने की ज़रूरत थी जिसे केंद्रीय और राज्य सरकार की ज़मीनों, वक्फ़ बोर्ड की ज़मीनों, शामलात और अन्य ज़मीनों के मालिकाना हकों को सुरक्षित बनाकर प्रांतीय और केंद्रीय कानूनों से सम्बन्धित ऐसे उपबंधों को लागू करने में और कुशलता लाई जा सके। इस संशोधन के द्वारा राजस्व अधिकारियों को केंद्रीय और राज्य सरकार की ज़मीनों, वक्फ़ बोर्ड की ज़मीनों, शामलात और अन्य ज़मीन की बिक्री या खरीद की रजिस्ट्री करने से इन्कार करने के अधिकार की व्यवस्था रजिस्ट्रेशन ऐक्ट -1908 में शामिल की गई है।
-NAV GILL

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