महाराष्ट्र सरकार ने नांदेड़ में फंसे श्रद्धालुओं की सही तरीके से स्क्रीनिंग नहीं की-स्वास्थ्य मंत्री पंजाब

-कहा! यदि वह पंजाब को सूचना दे देते तो मरीज़ों की संख्या कम होती
-कहा! केंद्र सरकार ने कोविड-19 के विरुद्ध लडऩे के लिए पंजाब को केवल 71 करोड़ रुपए भेजे, जो बहुत कम हैं
-लोक सभा मैंबर, विधायकों और जि़ला प्रशासन के साथ मीटिंग
 लुधियाना/चंडीगढ़, 4 मई: पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने नांदेड़ में फंसे श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग सही तरीके से नहीं की। महाराष्ट्र सरकार की इस गलती के कारण ही पंजाब में कोरोना पॉजि़टिव मरीज़ों की संख्या इतनी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस सम्बन्धी महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेश तोपे के साथ टेलिफ़ोन पर बातचीत की है और पंजाब सरकार द्वारा नाराज़गी व्यक्त की है।
 स. सिद्धू आज स्थानीय पुलिस लाईनज़ में मीटिंग करने के लिए पहुँचे थे। इस मीटिंग में लोक सभा मैंबर स. रवनीत सिंह बिट्टू, श्री राकेश पांडे, स. अमरीक सिंह ढिल्लों, श्री सुरिन्दर डाबर, स. कुलदीप सिंह वैद, श्री संजय तलवाड़, डिप्टी कमिश्नर श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर श्री राकेश अग्रवाल, सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बग्गा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मीटिंग के दौरान स. सिद्धू ने इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सुझाव माँगे।
 इस मौके पर एकत्रित पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए स. सिद्धू ने कहा कि यदि महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस सम्बन्धी पंजाब सरकार को समय पर बता दिया जाता तो पंजाब सरकार द्वारा इन श्रद्धालुओं की इससे भी ज़्यादा उचित स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रबंध किए जा सकते थे। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इन श्रद्धालुओं का सिफऱ् शारीरिक बुख़ार ही चैक किया गया। पंजाब सरकार को इन लोगों के कोरोना पॉजि़टिव या नेगेटिव होने संबंधी मुकम्मल विवरण देने चाहिए थे। जिससे इनको लाने और रखने के लिए अलग तौर पर प्रबंध किए जाते।
उन्होंने कहा कि सबको पता है कि इस बीमारी की शुरुआत ही महाराष्ट्र में हुई है और वहाँ से सरकार की नालायकी के कारण यह देश का सबसे अधिक प्रभावित राज्य बन गया है। उन्होंने भरोसा दिया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हर संभव यत्न करने के लिए वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्टों में तेज़ी लाने के लिए मौजूदा सरकारी लैबोरेटरियों के सामथ्र्य में वृद्धि की जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय सी.एम.सी. अस्पताल में भी इन टेस्टोंं की जांच होने लगेगी। इसके अलावा पंजाब सरकार द्वारा निजी लैबोरेटरियाँ डॉ. लाल पैथ लैब्ज़, तुली लैब्ज़ अमृतसर साहिब और अन्य कंपनियों के साथ भी समझौता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पंजाब में प्रतिदिन 6000 से ज्य़ादा लैब टेस्ट होने शुरू हो जाएंगे।
 इस मौके पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए स. सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पंजाब सरकार को कोई सहायता नहीं दी जा रही है। कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए राज्य को अब तक सिफऱ् 71 करोड़ रुपए ही जारी किए गए हैं, जो कि बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि यहाँ तक केंद्र सरकार ने पंजाब को जी.एस.टी. की बकाया राशि जो कि 4400 करोड़ रुपए है भी जारी नहीं की है।
उन्होंने आगे बताया कि पंजाब सरकार द्वारा श्रद्धालुओं को उनके घरों में ही एकांतवास करने संबंधी भी विचार किया जा रहा है। इसके अलावा आईसोलेशन सैंटरों में भी हर तरह की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए हर सरकारी अधिकारी और कर्मचारी दिन रात काम कर रहा है, जिस कारण स्थिति पूरी तरह काबू में है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह अपने घरों के अंदर ही रहें और पंजाब सरकार द्वारा जारी सभी हिदायतों की पालना करें।

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