भगवान श्री विष्णू हरि के आशीर्वाद से होगा नव वर्ष का शुभारंभ

– एक जनवरी को है पौष माह के कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी

साल 2019 का शुभारंभ भगवान श्री विष्णू हरि के आशीर्वाद से हो रहा है। मंगलवार को शुरु होने वाले नव वर्ष एक जनवरी 2019 के पहले दिन पौष माह के कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी होने के काऱण इस दिन को व साल के आगाज को बेहद फलकारी, लाभकारी माना जा रहा है। सफला एकादशी का व्रत करने वाले लोगों के इच्छित कार्यों को भगवान विष्णू फलित करेंगे। आईए आपको इस पावन व्रत की कथा, विधि व सही समय क्या होगा के बारे जानकारी देते हैं।

सफला एकादशी व्रत की कथा…
पद्म पुराण की कथा अनुसार चंपावती नगर के राजा महिष्मान थे। महिष्मान का बेटा लुंभक बुरे कार्यों के मार्ग पर चलने लगा। वह सदा ही बुरे कार्य करने लगा। इस कारण राज्य की प्रजा दुखी हो गई। लुंभक के कार्यों से आहत होकर पिता महिष्मान ने उसे अपने राज्य से बाहर निकाल दिया। जंगल में रहने के अलावा लुंभक के पास कोई रास्ता न बचा। लुंभक जंगल में रह फल और फूलों को खाकर अपना जीवन व्यतीत करने लगा। पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी की रात अत्यधिक ठंड के कारण लुंभक सो न सका। सारी रात जागकर वह अपने बुरे कार्यों पर पश्चताप करते हुए भगवान से क्षमा मांगता रहा। इस तरह अंजाने में ही लुंभक ने सफला एकादशी का व्रत कर लिया। व्रत करने के चलते श्रीहरि की कृपा से लुंभक के पिता और राजा महिष्मान ने अपने बेटे को वापिस लाने के लिए सैनिक भेजे। इस तरह लुंभक वापिस राजमहल पहुंच गया। अपने बेटे लुंभक में आए परिवर्तन को देखकर उसके पिता ने अपना राज-पाठ सौंप दिया। और खुद तपस्या करने के लिए जंगल चले गए। लुंभक ने जीवनभर भगवान श्री विष्णू की पूजा की । राज्य की जनता का सही ढंग से ध्यान रखा।

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सफला एकादशी व्रत करने की विधि….
सफला एकादशी के व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले उठ कर घर की सफाई कर, स्नान कर धुले हुए कपड़े पहनें। मंदिर या घर में स्थापित पूजा स्थल पर भगवान श्री विष्णू और माता लक्ष्मी का पूजन करें। भगवान की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराकर उन्हें वस्त्र अर्पित करें। रोली और अक्षत से टीका कर फूल चढ़ा कर भोग लगाएं। नारियल, सुपारी, आंवला, अनार और लौंग से भगवान का पूजन करना चाहिए। इसके बाद श्री हरि विष्णू जी व माता लक्ष्मी जी की आरती करें। शाम के समय भी धूप और दीप के साथ भगवान की आरती करें। यदि हो सके तो रात के समय जागरण भगवान का भजन कीर्तन करें। अगले दिन द्वादशी के दिन सुबह सवेरे उठकर दैनिक कार्यों से फारिग हो कर ब्राह्मणों को भोजन करा दान करें।

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व्रत में क्या न करें?
एकादशी के दिन चावल का सेवन न करें। घर में लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा जैसी चीजों का सेवन न करें। एकादशी के दिन बिस्तर पर नहीं, जमीन पर सोना चाहिए। सफला एकादशी के दिन सुबह दातुन करना भी शुभ नहीं माना गया है। इस दिन किसी पेड़ या पौधे की की फूल-पत्ती तोड़ना भी अशुभ माना जाता है।

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सफला एकदशी व्रत का महत्व
सफला एकदशी का महत्व धार्मिक ग्रंथों में धर्मराज युधिष्ठिर और भगवान कृष्ण के बीच बातचीत के रूप में वर्णित है। मान्यता है कि जितना सफला एकदशी का व्रत रख कर मिल सकता हैं। उतना लाभ एक हजार अश्वमेघ यज्ञ करने से भी नहीं मिल सकता है। सफला एकदशी के एक दिन का व्रत रखने से सभी दुख समाप्त हो जाते हैं । भाग्य खुल जाता है। व्रत रखने वालों की सारी इच्छाएं पूर्ण होती है।

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व्रत रखने का शुभ समय
1 जनवरी, 2019 के लिए सफला एकादशी का मुहूर्त समय
सफला एकादशी मुहूर्त सुबह 07:14 से से 09:18 मिनट तक

प्रदीप शाही

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