पंजाब सरकार सतत विकास के लिए उद्योग की मदद करेगी-हरपाल सिंह चीमा

यू.एन.डी.पी और एैसोचैम द्वारा सतत विकास संबंधी करवाए गए क्षेत्रीय उद्योग संवाद के सत्र की अध्यक्षता की

चंडीगढ़: पंजाब के सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एम.एस.एम.ई) कलस्टरों के सतत विकास के लिए उद्योग और सरकार को मिलकर काम करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए वित्त, योजना, आबकारी और कराधान एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार मान ने एक बहुपक्षीय पहुँच अपनाने और उपलब्ध विकास स्रोतों और हिस्सेदारों में तालमेल के द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर पर अलग-अलग हिस्सेदारों को शामिल करने की योजना बनाई है।

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आज यहाँ यू.एन.डी.पी. और एैसोचैम (उत्तरी क्षेत्र परिषद्) द्वारा सतत विकास के बारे में क्षेत्रीय उद्योग संवाद के सत्र की अध्यक्षता करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एम.एस.एम.ई) कलस्टरों के सतत विकास के लिए उद्योग और सरकार को मिलकर काम करने की ज़रूरत है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए कारगर माहौल बनाने के लिए पंजाब सरकार और स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डिवेल्पमेंट बैंक ऑफ इंडिया (एस.आई.डी.बी.आई) ने एक समझौता सहीबद्ध किया है और इस समझौते के अनुसार तीन सालों की समय-सीमा के दौरान ‘‘मिशन स्वावलम्बन’’ के अधीन इन उद्योगों को प्रफुल्लित किया जाएगा।

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पंजाब सरकार द्वारा की जाने वाली कुछ पहलों को साझा करते हुए स. चीमा ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में नहरी प्रणाली को पुनर्जीवित करने के अलावा कंडी पट्टी समेत अब तक वंचित रह गए क्षेत्रों में नहरों के निर्माण के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नदियों के पानी को औद्योगिक अवशेष से प्रदूषित होने से भी बचाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार माईक्रोफाईनांस सैक्टर को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित करेगी और प्राईवेट माईक्रोफाईनांस ऑपरेटरों के लिए उपयुक्त माहौल सृजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के साथ लगने वाली पिछड़ी कंडी पट्टी में रोजग़ार पैदा करने के लिए, रोपड़ में अत्याधुनिक पर्यावरण समर्थकीय आई.टी और अन्य उद्योगों को शुरू करने के लिए विशेष रियायतों के साथ एक नई औद्योगिक टाऊनशिप विकसित की जाएगी।

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इस संबंधी और जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि रोपड़ में अत्याधुनिक, पर्यावरण समर्थकीय आई.टी. और अन्य उद्योगों को शुरू करने के लिए विलक्षण रियायतों वाला एक औद्योगिक कॉम्पलैक्स बनाया जाएगा। श्री चीमा ने कहा कि कृषि क्षेत्र में भी जैविक कृषि के द्वारा पैदा होने वाली फ़सलों की बिक्री के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे। इस समारोह के दौरान अपनी किस्म के पहले उत्तरी भारत की सतत आर्थिकता फोरम भी गठित की गई। इस फोरम की स्थापना यू.एन.डी.पी. और एैसोचैम (उत्तरी क्षेत्र परिषद्) द्वारा साझे तौर पर क्षेत्रीय आर्थिक विकास के निर्माण और समर्थन के लिए की जा रही है।

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इस मौके पर श्री ऊमा शंकर गुप्ता, मैनेजिंग डायरैक्टर, पंजाब इन्फर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टैकनॉलॉजी कॉर्पोरेशन लिमिटेड-कम-अतिरिक्त सी.ई.ओ., पंजाब ब्यूरो ऑफ इनवेस्टमैंट प्रमोशन, श्रीमति शोको नोडा, यू.एन.डी.पी स्थानीय प्रतिनिधि भारत, श्री सिमरप्रीत सिंह, संस्थापक और सीईओ हारटेक सोलर प्राईवेट लिमिटेड, श्री मनोज रूस्तगी, चीफ़ सस्टेनेबिलिटी एंड इनोवेशन अफ़सर, जे.एस.डब्ल्यू., श्री अनिरबान घोष, चीफ़ सस्टेनेबिलिटी अफ़सर, महेन्द्रा ग्रुप, श्रीमति पल्लवी अतरे, सस्टेनेबिलिटी हैड, ग्लोबल रिपोर्टिंग इनीशीएटिव और श्रीमति रुहाना ज़रिवाला, ग्लोबल हैड-सस्टेनेबिलिटी, सिपला भी उपस्थित थे।

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