पंजाब सरकार धान की पराली के निपटारे के लिए किसानों को सब्सिडी पर देगी 23,500 कृषि मशीनें

किसान भाईचारे को फसलों के अवशेष न जलाने संबंधी प्रेरित करने के लिए पंजाब सरकार ने खरीफ, 2020 के दौरान धान के अवशेष के प्रबंधन के लिए 23,500 कृषि मशीनें /कृषि उपकरण खरीदने के लिए 300 करोड़ रुपए की लागत से किसानों को 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी मुहैया करवाने का फैसला किया है।

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यह खुलासा करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) अनिरुद्ध् तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार ने मौजूदा खरीफ सीजन में किसानों को धान की पराली को सँभालने वाली मशीनों पर सब्सिडी देने के लिए किसानों और किसान ग्रुपों से आवेदनों की माँग की है।
श्री तिवारी ने आगे बताया कि यह भी फैसला किया गया है कि 7000 किसानों और 5000 सहकारी सभाओं, पंचायतों और किसान ग्रुपों को यह मशीनें मुहैया करवाई जाएंगी जिससे किसान फसलों को आग लगाने से संयम बरतेंगे ताकि पंजाब को ‘हरा-भरा और प्रदूषणमुक्त बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत रूप से किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी जबकि सोसायटियों, पंचायतों और किसान ग्रुपों को 80 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।

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यह भी बताने योग्य है कि राज्य सरकार पिछले दो सालों में किसानों को 480 करोड़ रुपए की सब्सिडी पर 51,000 मशीनें मुहैया करवा चुकी है।
किसानों को यह मशीनें देने संबंधी पिछले उद्देश्य को दिखाते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि खेतों में धान की पराली को आग लगाने से न सिर्फ सर्द ऋतु के दौरान बड़े स्तर पर वायु प्रदूषण होता है बल्कि मिट्टी की ऊपरी परत पर मित्र जीवों और कीमती कुदरती तत्व बर्बाद हो जाने से जमीन की उत्पादक क्षमता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
इस दौरान कृषि सचिव काहन सिंह पन्नू ने बताया कि किसानों को दी जाने वाली कृषि मशीनरी में अव्वल दर्जे के कृषि उपकरण शामिल हैं जिनमें कम्बाइनों पर लगने वाले सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, पैडी स्ट्रॉ चौपर /श्रैडर /मल्चर, आर.एम.बी. प्लो, जीरो टिल ड्रिल और सुपर सिडर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि धान की पराली को खेतों में आग लगाकर जलाने के रुझान को समाप्त करने के लिए फसलीय अवशेष को खेतों में खपाने के मद्देनजर इस मशीनरी पर सब्सिडी देने का फैसला किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि खेतों से बाहर पराली का निपटारा करने के लिए बेलर और रेक जैसी आवश्यक मशीनरी को भी सब्सिडी के घेरे में लाया गया है।

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श्री पन्नू ने आगे बताया कि किसान 285 मैन्यफैक्चररों से कृषि मशीनें खरीद सकते हैं जिनको भारत सरकार द्वारा कड़े मानक पैमाने, विस्तृत विशेषताएं और समय पर मुहैया करवाने और बिक्री के उपरांत सेवाएं देने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी को और मैन्यफैक्चररों और मशीनों जो विशेष मापदंडों पर खरा उतरते हों, को भी सूचीबद्ध करने के लिए कहा गया है।

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