पंजाब सरकार द्वारा स्वचालित प्रौद्यौगिकी एप के द्वारा राज्य के किसानों को ई-पास जारी करने के लिए ओला के साथ समझौता

-17 लाख से अधिक किसानों को होगा फायदा
-ओला द्वारा तैयार की गई एप मंडियों में खऱीद प्रक्रिया के दौरान ट्रॉलियों और अन्य वाहनों के ऑनलाइन प्रबंधन में करेगी मदद
जहर से भी खतरनाक है पदार्थ…. और हम कर रहे हैं रोजाना इस्तेमाल
पंजाब सरकार ने ओला के सहयोग से एक पृथक केंद्रीय स्वचालित, तर्क-आधारित प्रौद्यौगिकी प्लेटफॉर्म तैयार किया है जो राज्य के 17 लाख से अधिक किसानों को ई-पास जारी करने के साथ-साथ मंडियों में ट्रॉलियों और अन्य वाहनों की यातायात के ऑनलाइन प्रबंधन और नियंत्रण का काम करेगा।

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पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा ई-पास प्रणाली की शुरुआत करने के लिए विलक्षण पहलकदमी के रूप में इस एप को प्रशासनिक सुधार और सार्वजनिक शिकायतों संबंधी विभाग की सहायता के साथ बनाया गया है, जिसका उद्देश्य कोविड-19 के संकट के दौरान खरीद कार्यों को और सुचारू बनाना है।

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किसानों के मोबाइल फोनों पर ‘इंस्टाल’ की गई यह एप, भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए मंडी के फाटकों पर भीड़ वाले स्थानों सम्बन्धी किसानों को जागरूक करेगी, जिससे भीड़ को जमा होने से रोका जा सके। एप का डैशबोर्ड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सामाजिक दूरी से सम्बन्धित दिशा-निर्देशों के अनुसार पास जारी करने, समय सीमा पूरी होने और प्रामाणिकता सम्बन्धी भी जानकारी प्रदान करवाएगा।
यह विलक्षण प्रणाली राज्य भर की मार्केट कमेटियों के सचिवों को किसानों के लिए खरीद केन्द्रों और आढ़तियों के पास जाने के लिए यातायात संबंधी पास तैयार करने के योग्य बनाती है। यह सॉफ्टवेयर मंडी बोर्ड के पास मौजूद ऐतिहासिक आंकड़ों के आधार पर ज़रुरी पास अपने आप तैयार करता है।
सभी आढ़तियों को गेहूँ की एक ट्रॉली के लिए एक पास दिया जाएगा। किसी ख़ास दिन के लिए के पास जारी करने से तीन दिन पहले वह पास आढ़तियों को मुहैया करवा दिए जाएंगे, जिससे किसी भी किस्म की भीड़ को जमा होने से रोका जा सके। यह स्वचालित प्रौद्यौगिकी एप अनावश्यक पक्षपात के सभी मौकों को घटाता है, जिससे खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता आती हैे।

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