चंडीगढ़: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से आज सिविल अस्पताल पठानकोट के दर्जा-4 कर्मचारी राकेश कुमार को 30000 रुपए रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों काबू किया गया है। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर, पठानकोट बबलीन कौर को भी गिरफ़्तार किया गया है।
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यह गिरफ़्तारियाँ मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से भ्रष्ट अधिकारियों/कर्मचारियों पर नकेल डाल कर लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और साफ़-सुथरा प्रशासन देने सम्बन्धी किये वायदे के अंतर्गत की गई है। ज़िक्रयोग्य है कि विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से हाल ही में भ्रष्टाचार के दोषों के अंतर्गत कई सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों और अन्यों की गिरफ़्तारियाँ की गई हैं।
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इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि दोषी राकेश कुमार को पठानकोट-निवासी व्यक्ति की शिकायत पर गिरफ़्तार किया गया है, जिसने विजीलैंस ब्यूरो के पास पहुँच करके बताया था कि उसने मामुन में मेडिकल स्टोर खोलने के लिए लायसेंस लेने के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया था। शिकायतकर्ता को बाद में ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर ने फ़ोन करके इस सम्बन्धी सिविल अस्पताल पठानकोट में दर्जा 4 कर्मचारी राकेश कुमार, जो पहले उसके साथ तैनात था, के साथ संपर्क करने के लिए कहा।
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शिकायतकर्ता 18. 06. 2022 को सिविल अस्पताल पठानकोट में राकेश कुमार को मिला, जिसने बबलीन कौर से उसका काम करवाने के बदले एक लाख रुपए रिश्वत की माँग की, जिसको बाद में घटा कर 90000 रुपए कर दिया गया।
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प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता 28. 06. 2020 को रिश्वत की पहली किश्त के तौर पर 30000 रुपए देने के लिए सहमत हो गया।विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने मुलज़िम राकेश कुमार को दो सरकारी गवाहों की हाज़िरी में 30000 रुपए की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों काबू कर लिया। बाद में इस केस में शामिल होने के कारण ड्रग इंस्पेक्टर, पठानकोट बबलीन कौर को भी गिरफ़्तार किया गया।
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उन्होंने बताया कि इस सम्बन्धी थाना विजीलैंस रैंज अमृतसर में भ्रष्टाचार रोकथाम एक्ट की धारा 7 के अंतर्गत एफ. आई. आर. नम्बर 08 तारीख़ 28. 06. 2022 को दर्ज कर ली गई है और इस सम्बन्धी आगे कार्यवाही जारी है।