पंजाब में एम.एस.एम.ईज़. के लिए नियमों संबंधी खर्च को और घटाया जायेगा: मुख्य सचिव

चंडीगढ़, 21 जुलाई:
सरहदी राज्य में कारोबार स्थापति करने को और अधिक आसान बनाने और व्यापार और उद्योगों की मुश्किलों को घटाने संबंधी अपने यत्नों को जारी रखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एम.एस.एमईज़.) के लिए अनिवार्य नियमों के खर्च को घटाने के लिए एक और कदम आगे बढ़ाया है।
यह यत्न ग्लोबल अलायंस फॉर मास एंटरप्रन्योरशिप (गेम) संस्था द्वारा सुझाई गई सिफारिशों को लागू करते हुए किया जायेगा।

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इस बारे में आज यहाँ मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय मीटिंग में फ़ैसला लिया गया।
‘गेम’ संस्था की सिफारिशों के लागू होने की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने श्रम, स्थानीय निकाय, प्रिंटिंग और स्टेशनरी, और प्रशासनिक सुधार विभागों को निर्देश दिए कि नियमों के पालन संबंधी खर्चों को और कम करने के उद्देश्य पर केंद्रित इन सिफारिशों को तेज़ी से लागू किया जाये। यह सिफारिशें पंजाब जैसे राज्य में व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने और उद्योगों के लिए उपयुक्त माहौल बनाए रखने को यकीनी बनाने में भी लाभप्रद हैं।
मीटिंग में बताया गया कि श्रम विभाग गेम द्वारा 33 सिफारिशों में से 22 को पहले ही स्वीकार चुका है।
मुख्य सचिव ने श्रम विभाग को उद्योगों के लिए स्थायी ऑर्डर की छूटों बारे सिफारिशों पर विचार करने के लिए भी कहा।
श्रीमती महाजन ने प्रिंटिंग और स्टेशनरी विभाग को, निवेशकों को किसी भी गज़ट को ढूँढने में आसान विधि मुहैया करवाने के लिए ऑनलाइन ई-गज़ट पोर्टल में सुधार करने के लिए ‘गेम’ की सिफारिशों को लागू करने के निर्देश भी दिए जबकि प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा लोगों की शिकायतों के निपटारे के लिए ‘इनवैस्ट पंजाब बिजऩेस फर्स्ट पोर्टल’ के साथ विकसित की गई ऑनलाइन प्रणाली ‘डवटेल’ को गेम की सिफारिशों अनुसार एम.एस.एम.ई. की शिकायतों का जल्द निपटारा करने की हिदायत भी दी।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री आलोक शेखर ने मुख्य सचिव को बताया कि स्थानीय निकाय विभाग अग्निशमन प्रबंधों के लिए ज़रुरी एन.ओ.सी. के पड़ावों को घटाने पर काम कर रहा है और श्रम विभाग द्वारा जारी किये गए व्यापार लाइसेंस को ख़त्म करने या दुकान की रजिस्ट्रेशन में ही शामिल करने बारे विचार करने के लिए भी विभाग को कहा गया है।
उन्होंने आगे बताया कि गेम संस्था ने अलग-अलग विभागों द्वारा जारी किये जा रहे कई एन.ओ.सीज़ की पहचान की है और उनको तर्कसंगत बनाने की सिफ़ारिश की है।
श्री आलोक शेखर ने संबंधित विभागों के साथ विचार-विमर्श करके सिफ़ारिशों की रैशनलाईज़ेशन का प्रस्ताव दिया और राज्य में कारोबार स्थापित करने के लिए कई एन.ओ.सीज़ की ज़रूरत को फ्रीज़ करने के लिए मंत्रीपरिषद के समक्ष प्रस्ताव पेश किया जायेगा।
जि़क्रयोग्य है कि पंजाब सरकार ने नवंबर, 2020 में ‘गेम’ के साथ समझौता किया था और गेम राज्य के विभागों के साथ मिलकर एम.एस.एम.ईज़ संबंधी नियमों के खर्च को घटाने के लिए सुझाव दे रही है जो पंजाब में उद्योगों के लिए व्यापारिक वातावरण को और बेहतर बनाने में सहायक होंगे।
गेम के चेयरपर्सन के.पी. कृष्णन, श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ, प्रिंटिंग और स्टेशनरी विभाग के सचिव वी.के. मीणा, पी.बी.आई.पी. के सी.ई.ओ. रजत अग्रवाल, उद्योग विभाग के सचिव-कम-डायरेक्टर सिबिन सी, लेबर कमिश्नर प्रवीण थिंद और प्रशासनिक सुधार विभाग के डायरेक्टर परमिन्दर सिंह भी उपस्थित थे.
-Nav Gill

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