चंडीगढ़, 28 सितम्बर:
कोविड-19 के फैलाव की कड़ी को तोडऩे के लिए पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीज़ों के संपर्क में आए व्यक्तियों (कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग) की सैंपलिंग/टेस्टिंग करने की मुहिम को तेज़ कर दिया है, जिसके अंतर्गत पिछले हफ़्ते के दौरान हरेक कोविड पॉजि़टिव केस के पीछे 7.6 संपर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाया गया है। पंजाब कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के मामले में हिमाचल प्रदेश और बिहार जैसे कई राज्यों से काफ़ी आगे है।
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आज यहाँ जारी प्रैस बयान में इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि वैक्सीन न आने तक कोरोना प्रभावित के संपर्क में आए व्यक्तियों (सभी पारिवारिक सदस्य, काम वाली जगह पर संपर्क में आए) का पता लगाना और जल्द सैंपलिंग/टेस्टिंग करना वायरस के आगे फैलाव को रोकने के महत्वपूर्ण तरीके हैं। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए डिप्टी कमिश्नरों द्वारा नियुक्त जि़ला स्तरीय टीमें राज्य भर में युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर के पद के एक नोडल अधिकारी द्वारा शहरी क्षेत्रों (अरबन ज़ोन) में लगाई गईं टीमों की प्रगति का जायज़ा लिया जा रहा है। इसके अलावा सम्बन्धित सीनियर मैडीकल अफ़सर के साथ तालमेल करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करने के लिए एस.डी.एमज़ के अधीन ब्लॉक स्तरीय टीमें भी गठित की गई हैं।
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शुरू में, जब कोई केस पॉजि़टिव आता है तो संक्रमण के स्रोत का तुरंत पता नहीं चल सकता, क्योंकि मरीज़ उसके संपर्क में आए लोगों और जहाँ वह गया हो, उन स्थानों संबंधी याद नहीं रख सकता। उन्होंने आगे कहा कि लगातार पड़ताल के साथ हम ज़्यादातर मामलों में संक्रमण के स्रोत का पता लगाने में समर्थ हुए हैं।
पिछले सात दिनों के दौरान (20 सितम्बर से 26 सितम्बर) कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के आंकड़ों को साझा करते हुए स. सिद्धू ने बताया कि पंजाब में जि़ला अमृतसर में हरेक कोविड पॉजि़टिव केस के पीछे 9.7 कोविड संपर्कों का पता लगाकर सबसे आगे है। जालंधर और होशियारपुर जि़ले क्रमवार 9.2 और 9 संपर्कों का पता लगाकर दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि 9 जि़ले गुरदासपुर, पटियाला, पठानकोट, फरीदकोट, संगरूर, कपूरथला, मुक्तसर, तरन तारन और फ़तेहगढ़ साहिब ने भी हरेक कोरोना पॉजि़टिव मरीज़ के पीछे 8 से अधिक संपर्कों का पता लगाया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पंजाब कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का 100 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लेगा।
महामारी के साथ जुड़ी नकारात्मक धारणा और अफ़वाहों पर रोक लगाने के लिए की जा रही कार्यवाही का जि़क्र करते हुए स. सिद्धू ने कहा कि व्यापक जागरूकता गतिविधियां चलाईं जा रही हैं और बीमारी और इससे बचाव के तरीकों संबंधी सही जानकारी प्रदान करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माहिरों और कोरोना से सेहतयाब हुए व्यक्तियों की नियमित इंटरव्यू जारी की जा रही हैं। बीमारी के साथ जुड़ी नकारात्मक धारणा को ख़त्म करने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य स्टाफ के प्रशिक्षण के साथ मुहिम चलाई गई है।
स. सिद्धू ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें मार्च महीने से लगातार 24 घंटे काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब तक स्वास्थ्य विभाग के तकरीबन 1400 मैडीकल और पैरा मैडीकल कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभाते हुए पॉजि़टिव पाए गए हैं और 9 मौतें हो चुकी हैं।
-NAV GILL