पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा शांतिपूर्वक ढग़ से संघर्ष कर रहे किसानों पर बेरहमी से हमला करने के लिए हरियाणा सरकार की कड़ी निंदा

चंडीगढ़, 28 अगस्त:

हरियाणा पुलिस द्वारा की गई बेरहम कार्यवाही पर हैरानी ज़ाहिर करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज शांतिपूर्वक ढग़ से विरोध कर रहे किसानों पर किए गए हिंसक हमले के लिए पड़ोसी राज्य हरियाणा के मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना की, जिनमें से बहुत से किसान लाठीचार्ज के कारण ज़ख़्मी हो गए।

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यह कहते हुए कि यह पहली बार नहीं है जब हरियाणा पुलिस के हाथों किसानों को ऐसी बेरहमी का शिकार होना पड़ा हो, कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि भाजपा के नेतृत्व वाली खट्टर सरकार ने कृषि कानूनों के विरुद्ध किसानों के संघर्ष को ख़त्म करने के लिए एक बार फिर जानबूझ कर ताकत का अंधाधुन्ध प्रयोग किया है।

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मुख्यमंत्री ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को माफी माँगने और ज़ख़्मी हुए किसानों की सहायता की माँग करते हुए कहा कि खट्टर सरकार द्वारा किसानों पर इस तरह का हमला न सिफऱ् असहनीय है बल्कि पूरी तरह से निंदनीय है। कैप्टन अमरिन्दर ने कहा, ‘‘अन्नदाता के साथ ऐसा सलूक बर्दाश्त से परे है।’’ उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा को ऐसी कार्यवाहियों और केंद्र में अपनी सरकार की किसानों के प्रति उदासीनता के लिए आगामी विधान सभा चुनावों के दौरान पंजाब और अन्य राज्यों में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

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उन्होंने कहा कि किसानों की चिंताओं की ओर ध्यान देने और कृषि कानूनों, जो स्पष्ट तौर पर ग़ैर-लोकतांत्रिक और किसान विरोधी हैं, को रद्द करने की बजाय भाजपा लगातार निचले दर्जे की कार्यवाहियां करती आई है, जो इस हद तक गिर गई है कि अपमानजनक नाम इस्तेमाल कर किसानों का अपमान भी किया। उन्होंने कहा कि देश के लोग भाजपा को किसानों के साथ ऐसे शर्मनाक काम के लिए कभी माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इनमें से गई किसान दिल्ली की सरहद पर चल रहे संघर्ष के दौरान अपनी जान गंवा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन को नाकाम करने और उनके इरादों को कुचलने में असफल रहने के बाद, हरियाणा सरकार ने निर्दोष और शांतिपूर्ण संघर्ष कर रहे किसानों पर फिर से बेरहमी के साथ ताकत का प्रयोग किया जोकि काले कृषि कानूनों, जिनको केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार कृषि को अपने चहेते पूंजीपतियों के हाथों में देने के लिए इस्तेमाल कर रही है, विरुद्ध अपनी लड़ाई में खऱाब मौसम, महामारी और अन्य मुश्किलों के दरमियान भी डटे हुए हैं। इससे पहले भी नवंबर 2020 में हरियाणा पुलिस ने केंद्रीय कानूनों के विरुद्ध आंदोलन में शामिल होने के लिए किए जा रहे किसानों को दिल्ली की सरहदों की तरफ मार्च करने से रोकने के लिए बेरहमी से उनकी मारपीट की थी।
मीटिंग के लिए करनाल दौरे पर जा रहे खट्टर का विरोध करने के लिए गए किसानों पर लाठीचार्ज किए जाने की मीडिया रिपोर्टों और वायरल वीडियो का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने विरोध कर रहे किसानों की मारपीट करने का निर्देश देने वाले आईएएस अधिकारी की भी निंदा की। उसने उक्त अधिकारी को तुरंत बखऱ्ास्त करने और उसके विरुद्ध कानून के अनुसार सख़्त कार्यवाही करने की माँग की।

-Nav Gill

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