चंडीगढ़ /लुधियाना, 23 जुलाई:
पंजाब सरकार ने कृषि और किसान कल्याण विभाग में नये भर्ती हुए 108 कृषि विकास अफसरों (ए.डी.ओज़) के लिए 12 दिवसीय प्रशिक्षण प्रोग्राम शुरू किया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) अनिरुद्ध तिवारी के अनुसार पंजाब कृषि प्रबंधन और एक्स्टेंशन प्रशिक्षण इंस्टीट्यूट (पी.ए.एम.ई.टी.आई.) की तरफ से पहले बैच के 55 एडीओज़ को ऑफलाईन ढंग से प्रशिक्षण देने संबंधी समय-सारणी तैयार की गई है जो कि 20 जुलाई से 25 जुलाई 2021 तक पहले ही शुरू हो गई है। इसी तरह 53 ए.डी.ओज़ के दूसरे बैच को 26-31 जुलाई, 2021 तक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना में हाल ही में नियुक्त किये गए ए.डी.ओज़ को संबोधन करते हुए श्री तिवारी, जिनके पास पी.ए.यू. के उप-कुलपति का प्रभार है, ने इन अधिकारीयों को कृषि विभाग के कामकाज और महत्ता बारे संक्षिप्त में अवतगत कराया। उन्होंने पंजाब में हरित क्रांति लाने वाले मूलभूत कारकों बारे जानकारी देने के अलावा राज्य की कृषि के सामने मौजूदा चुनौतियों और इनको दूर करने ख़ासकर परंपरागत खेती से फ़सलीय विभिन्नता की तरफ जाने में प्रसार सेवाएं निभाने वाले अधिकारियों की भूमिका बारे भी बताया। “सतत कृषि और किसानी की खुशहाली बारे अपने विचार साझा करते हुए श्री तिवारी ने प्रशिक्षण अफसरों से किसानी भाईचारे के क्ल्याण के लिए अपनी ड्यूटी पूरी लगन, इमानदारी और निष्ठा के साथ निभाने को कहा।
इन अधिकारियों को बधाई देते हुए कृषि विभाग के डायरैक्टर डॉ. सुखदेव सिंह सिद्धू ने उम्मीद जताई कि वह ज़मीनी स्तर पर किसानों के साथ निरंतर संपर्क में रहते हुए तबदीली लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने राज्य में कीटनाशकों के प्रयोग, कीटनाशक एक्ट और इसके गुणवत्ता नियंत्रण बारे भी बताया।
इससे पहले अपने स्वागती भाषण दौरान डायरैक्टर पी.ए.एम.ई.टी.आई. डॉ. एच.एस. धालीवाल ने प्रशिक्षण प्रोग्राम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला, जो अधिकारियों को विभाग में उनकी भूमिकाएं और जिम्मेदारियों से अवगत करवाएगा।
प्रशिक्षण प्रोग्राम में विभाग के संगठनात्मक ढांचे और कार्यप्रणाली और विभाग में ए.डी.ओज़ की संभावित भूमिकाओं बारे सैशन शामिल किये गए हैं। कृषि विभाग के अलग-अलग सैक्शनों /विंगों के प्रमुख (ज्वाइंट डायरैक्टर) प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत करेंगे और अपने सेक्शनों के कामकाज बारे जानकारी देंगे। राज्य में कृषि लागत के सम्बन्ध में विभाग की तरफ से लागू किये जा रहे अलग-अलग कामों, नियमों और नीतियों बारे भी विस्तार में विचार किया जायेगा।
कृषि विभाग की लैबों और फ़सलीय अवशेष प्रबंधन मशीनरी और पीएयू में अलग-अलग स्थानों का दौरा किया जायेगा जहाँ प्रशिक्षु माहिरों के साथ बातचीत करेंगे और पी.ए.यू. द्वारा विकसित किये गए बीज, खाद और कीटनाशकों की जांच प्रक्रियाएं और फसलों के अवशेष प्रबंधन के अलग-अलग तरीकों बारे जानकारी हासिल करेंगे।
-Nav Gill