पत्रकार पर हमला निंदनीय परन्तु लेखी को किसानों की निंदा करने का कोई अधिकार नहीं: कैप्टन अमरिन्दर सिंह

चंडीगढ़, 23 जुलाई:
दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान प्रदर्शन के दौरान पत्रकार पर हुए कथित हमले की निंदा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी द्वारा किसानों को गुंडा कहने के लिए उसके तुरंत इस्तीफे की माँग की है।
भाजपा नेता जिसने पिछले करीब आठ महीनों से केंद्रीय कृषि कानूनों के खि़लाफ़ शांतमयी प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए अपमानजनक शब्दावली इस्तेमाल की, की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे भाजपा की किसान विरोधी मानसिकता का दिखावा हुआ है।
भाजपा द्वारा रोष और असहमति की सभी आवाजों को दबाने के लिए की जा रही घिनौनी हरकतों के बावजूद सच्चाई यह है कि वह किसानों की भावना को तोडऩे में असफल हुए हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एन.डी.ए. सरकार द्वारा केंद्र के खि़लाफ़ उठ रही हर एक आवाज़ को दबाने के लिए की जा रही निरंतर कोशिशों की निंदा करते हुए कहा कि ताज़ा घटनाक्रम में दैनिक भास्कर मीडिया ग्रुप पर आयकर का छापा मारा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालाँकि किसान संसद को कवर कर रहे पत्रकार पर हमला करना निंदनीय है और दोषी व्यक्ति के खि़लाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए परंतु केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया पूरी तरह अनावश्यक और भडक़ाऊ है। उन्होंने कहा कि लेखी को कोई अधिकार नहीं कि वह इस तरीके से किसानों को बदनाम करे। दिल्ली पुलिस को केस दर्ज करके दोषियों की पहचान करनी चाहिए और कानून को अपना काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस घटना को लेकर इस निर्दयी तरीके से किसानों की आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं।
दिल्ली बार्डर पर आंदोलन शुरू करने के समय पर से लेकर अलग-अलग भाजपा नेताओं की तरफ से किसानों के खि़लाफ़ की निरादर भरी टिप्पणियों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र का सत्ता पक्ष शुरुआत से ही किसानों को बदनाम करने और उनके शांतमयी आंदोलन को नुकसान पहुँचाने की कोशिशें कर रहा है। उन्होंने याद करते हुये कहा कि भाजपा नेताओं ने इससे पहले भी किसानों पर आतंकवादी और शहरी नक्सलवादी होने के आरोप लगा कर बदनाम करने की कोशिश की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा किसानों के संघर्ष को कमज़ोर करने में नाकाम रही जब कि किसान ऐसे तत्वों का डट कर मुकाबला कर रहे हैं और अपने हकों के लिए शुरु की लड़ाई में बहुत सी जि़न्दगियां चलीं गई। अब भाजपा लीडरशिप बौखलाहट में आकर एक बार फिर ऐसी शर्मनाक चालें खेल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन काले कानूनों को लागू करने से लेकर किसानों के प्रति उदासीन रवैये तक भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बार -बार सिद्ध कर दिया कि उसे अन्नदाताओं की आवाज़ सुनने में कोई रूचि नहीं है जबकि किसानों के योगदान के बिना भारत आज भी अपने लोगों का पेट भरने के लिए कटोरा पकड़ कर माँग रहा होता।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि किसानों के दरमियान बढ़ रहा रोष चिंता का विषय है क्योंकि केंद्र के काले कानूनों के कारण उनको अपनी जानें और रोज़ी-रोटी गंवानी पड़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्दर मोदी को संकट के हल के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिएं जिसके मुल्क के लिए गंभीर परिणाम निकल सकते हैं। उन्होंने कहा कि ख़ुफिय़ा रिपोर्टों के मुताबिक सरहद पार से खालिस्तानी समर्थकी तत्व भारत के खि़लाफ़ किसानों के गुस्सा को हथियाने की ताक में हैं। उन्होंने इन रिपोर्टों के प्रति केंद्र की तरफ से कोई कदम न उठाने की सूरत में घोर सुरक्षा नाकामी की चेतावनी दी।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसानों के प्रति ऐसी शर्मनाक कार्यवाहियों में लिप्त होने की बौखलाहट भरी कोशिश करने की बजाय भारत सरकार को जल्दी से जल्दी इस मसले का निपटारा करना चाहिए।
-Nav Gill

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